Thursday, October 17, 2024
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अमेरिका में बाइडन युग शुरू, भारी मन से विदा हुए ट्रंप

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द लीडर : जो-बाइडन, अमेरिका (America) के 46वें राष्ट्रपति (President) बन गए हैं. बुधवार की रात यूएस कैपिटल में आयोजित समारोह में सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने जो-बाइडन को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उप-राष्ट्रपति पद की शपथ ली है. इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पद से औपचारिक विदाई ली.

शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रपति बाइडन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने अमेरिका में कोविड-19 में मारे गए करीब चार लाख लोगों को श्रद्धांजलि दी. बाइडन ने एक ट्वीट में कहा कि पिछले वर्ष हमें अकल्पनीय परीक्षण से गुजरना पड़ा. लेकिन अब समय आ गया कि हम इसे एक साथ ठीक करें. समारोह में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश, बिल क्लिंटन, बराक ओबामा समेत अन्य बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं.

बीते दिनों अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद कैपिटल हिल्स में हिंसा भड़क गई थी. इसलिए क्योंकि तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं थे. ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल्स स्थित संसद भवन पर हमला बोल दिया था. इसमें चार लोग मारे गए थे.


अमेरिका की बाइडन सरकार के लिए भारतीय मूल की समीरा फाजिली आर्थिक परिषद की उप-निदेशक नामित


 

इस घटनाक्रम के बाद ट्रंप ने अपनी हार स्वीकार की थी. हालांकि घटना के बाद से ही कैपिटल हिल्स इलाके में सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए थे, जो बुधवार को शपथ समारोह के दिन तक और सख्त नजर आए. राजधानी में करीब 25 हजार नेशनल गार्ड तैनात किए गए हैं.

कृषि कानूनों को 2 साल तक होल्ड पर रखने को राजी मोदी सरकार, किसान बोले-आपस में बात करके देंगे जवाब

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द लीडर : केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को मोदी सरकार ने ऑफर दिया है कि वे चाहें तो कानूनों को अगले डेढ़ से 2 साल तक होल्ड पर रखा जा सकता है. इस ऑफर पर किसान नेताओं ने कहा है कि वे इस मुद्​दे पर सभी किसान संगठनों से चर्चा करने के बाद 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे. इसी के साथ 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है. (Government Agricultural Laws Hold)

बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ सरकार की बैठक थी. इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश उपस्थित हुए. बैठक के बाद किसान नेता हन्नाल मोल्लाह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने कहा कि हम कोर्ट में हलफनामा देकर कानून को अगले डेढ़ से दो साल तक होल्ड पर रख सकते हैं.

एक कमेटी बनाकर चर्चा करेंगे. कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे. समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक इस पर मोल्लाह ने कहा कि हम 500 किसान संगठन हैं. कल सबसे चर्चा करके जवाब देंगे.


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बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से कहा कि आज हमारी कोशिश थी कि कोई फैसला हो जाए. किसान संगठन कानून वापसी की मांग पर थे और सरकार कानूनों के प्रावधान के अनुसार चर्चा और बदलाव को तैयार थी. सुप्रीमकोर्ट ने कुछ समय के लिए कृषि सुधार कानूनों को स्थगित किया है.

सरकार एक-डेढ़ साल तक भी कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने को तैयार है. इस दौरान किसान संगठन और सरकार बात कर समाधन तलाशेंगे.

बैठक के बाद किसान नेता डॉ. दर्शनपाल सिंह ने बताया कि बैठक में तीनों कानूनों और एमएसपी पर बात हुई. सरकार ने कहा कि हम तीनों कानूनों का शपथपत्र बनाकर सुप्रीमकोर्ट को देंगे और एक से डेढ़ साल तक के लिए रोक लगा देंगे. एक कमेटी बनेगी जो तीनों कानूनों और एमएसपी का भविष्य तय करेगी. हमने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे.

 

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कविता : मंटो की बेटियां

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मशहूर लेखक व कहानीकार सआदत हसन ‘मंटो’ की बेटियों के भारत आगमन के दौरान विख्यात लेखक सुधीर विद्यार्थी ने ‘मंटाे की बेटियां’ शीर्षक से कविता लिखी, जिसमें भारत पाक बंटवारे के दर्द काे महसूस किया जा सकता है. इसी शीर्षक से जल्द सुधीर विद्यार्थी का कविता संकलन भी प्रकाशित होने जा रहा है। ये कविता पहली बार किसी मंच पर प्रस्तुत की जा रही है.

प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं दिया नेपाल विदेशमंत्री को मिलने का समय

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  • नेपाल के विदेशमंत्री तीन दिन के दौरे पर भारत आए 
  • राजनाथ सिंह और जयशंकर से हुई मुलाकात 
  • रिश्तों में फिर से गर्माहट लाने की कवायद

    वार्ता के दाैरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और नेपाल के विदेशमंत्री पी के ग्वाली :सभार ट्विटर

भारत दौरा

नेपाल के विदेशमंत्री प्रदीप कुमार ज्ञावाली और विदेश सचिव भरत राज पौडयाल बृहस्पतिवार 14 जनवरी को भारत दौरे पर पहुँचे थे।लेकिन इस बार प्रधान मंत्री मोदी से मिले बगैर ही लौटना पड़ा। कहा जा रहा है कि मोदी का न मिलना सीमा विवाद को लेकर नेपाल को भारत की दो टूक है।

वार्ता के दाैरान विदेशमंत्री एस .जयशंकर और नेपाल के विदेशमंत्री पी के ग्वाली: सभार ट्विटर

यह नेपाल के किसी भी मंत्री का भारत से सीमा विवाद के बाद पहला दौरा था। इस तीन दिन की भारत यात्रा पर नेपाली विदेश मंत्री ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेशमंत्री एस.जयशंकर से भेंट की। मुलाकात में दोनों देशों की विकास, कनेक्टिविटी और व्यापार को लेकर बात-चीत हुई। भारत कोरोना वैक्सीन पर नेपाल को पूरा सहयोग देने को भी तैयार है। मुलाकात के बाद राजनाथ सिंह ने कहा “भारत-नेपाल संबंधों में अपार संभावनाएं हैं”।


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सीमा विवाद

नेपाल की ओर से सीमा विवाद को लेकर वार्ता की कोशिश हुई लेकिन भारत अपने रूख पर अडिग बना हुआ है। पिछले वर्ष ही नेपाल द्वारा जारी नए नक्शे पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। कहा था कि नेपाल का यह नक्शा इतिहास के तथ्यों पर खरा नहीं उतरता। नक्शा उस समय आया जब भारत ने अपना लिंक रोड लिपुलेख से होते हुए मानसरोवर तक शुरू किया था। उसके बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई जो अब तक जारी है।

और मोदी से न मिल पाना..

कयास लगाए जा रहे हैं कि यही कारण रहा कि मोदी ने नेपाली विदेशमंत्री को मिलने का समय नहीं दिया और काेरोना वैक्सीन लांच प्रोग्राम को न मिल पाने का कारण बताया। नेपाल इस दौरे के जरिए यह साबित करना चाहता है कि दोनों के बीच कुछ हुआ ही नहीं था।

बीते वर्ष 22 मई को नेेपाल के प्रधान मंत्री खडग प्रसाद शर्मा ओली ने संसद में नेपाल के नए नक्शे काे प्रस्तावित किया। जिसमें भारतीय क्षेत्र लिम्पियाधुरा,कालापानी और कालापानी को नेपाल की सीमा का हिस्सा बताया था।


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अमेरिका की बाइडन सरकार के लिए भारतीय मूल की समीरा फाजिली आर्थिक परिषद की उप-निदेशक नामित

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नई दिल्ली : अमेरिका की जो-बाइडन सरकार के लिए समीरा फाजिली को व्हाइट हाउस के प्रमुख पद-राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (National Economic Council) का उप-निदेशक (Deputy Director) नामित किया गया है. ये परिषद आर्थिक नीतियां बनाने की प्रक्रिया का समन्वय करती है और अमेरिकी राष्ट्रपति (President) को आर्थिक मामलों पर सलाह भी देती है. (Indian Sameera Fazili Biden)

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फाजिली कश्मीर मूल की भारतीय-अमेरिकी हैं, जो वर्तमान में जो-बाइडन-हैरिस ट्रांजिशन पर आर्थिक एजेंसी का नेतृत्व कर रही हैं.

इससे पहले वे अटलांटा के फेडरल रिजर्व बैंक में तैनात थीं. जहां उन्होंने सामुदायि और आर्थिक विकास के लिए निदेशक के रूप में काम किया है.

एक शोध कार्यक्रम पर संवाद करतीं समीरा फाजिली. फोटो, साभार समीरा फाजिली ट्वीटर.

बाइडन प्रशासन में किसी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति होने वालों में कश्मीरी मूल की फाजिली ऐसी दूसरी शख्सियत हैं. इससे पहले दिसंबर में आयशा शाह को व्हाइट हाउस ऑफ डिजिटल स्ट्रैटजी में पार्टनरशिप मैनेजर के तौर पर नियुक्त किया गया था.


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रिपोर्ट के मुताबिक फाजिली को ओबामा-बाइडन प्रशासन में भी काम का अनुभव है. तब वे व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय आर्थिक परिषद में बतौर वरिष्ठ नीति सलाहकार और घेरूल वित्त व अंतरराष्ट्रीय मामले, दोनों में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में वरिष्ठ सलाहकार के काम कर चुकी हैं.

अमेरिका के प्रतिष्ठित येल स्कूल में कानून की क्लिनिकल लेक्चरर रह चुकीं फाजिल, प्रतिष्ठित येल लॉ स्कूल व हार्वर्ड से स्नातक हैं. वह बफेले से हैं और अभी शौहर व बच्चों के साथ जॉर्जिया में रहती हैं.

उन्होंने देश के पहले सामुदायिक विकास वित्तीय संस्थान बैंक में भी काम किया है. उनके इस काम से अमेरिका में आवास, लघु व्यवसाय और माइक्रोफाइनेंस को बढ़ावा मिला.

भारत में कोरोना वैक्‍सीन लगाने का आगाज, प्रधानमंत्री बोले-अफवाह और दुष्प्रचार से बचकर लगवाएं टीका

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नई दिल्ली : पिछले सालभर से दुनियां में मौत और खौफ का तांडव मचाने वाली कोरोना महामारी (Corona Pandemic) पर नियंत्रण के लिए भारत (India) में टीकाकरण (Vaccination) अभियान प्रारंभ हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra  Modi ) ने शनिवार को इस अभियान को लांच करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया है.

उन्होंने कहा कि तमाम अफवाह और दुष्प्रचार से बचें. मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर वैज्ञानिक व विशेषज्ञ आश्वस्त हैं. इसके बाद ही इसे आपातकाल इस्तेमाल में लाया जा रहा है.

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत के टैलेंट को सराहा. उन्होंने कहा महामारी के संकटकाल में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में ही छोड़ दिया था. तब भारन, चीन में फंसे भारतीयों को वापस लाया. दूसरे देशों से नागरिक भी लाए गए.


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बोले, भारतीय वैक्सीन विदेशी की तुलना में बेहद सस्ती है. और इसका उपयोग आसान है. विदेशों में वैक्सीन की एक डोज की कीमत लगभग 5,000 रुपये है. दुनिया के 100 से अधिक देशों की आबादी 3 करोड़ से कम है. जबकि भारत पहले ही चरण में अपने 3 करोड़ नागरिकों को वैक्सीन लगाने जा रहा है. देश के लिए ये गर्व के क्षण हैं.

एम्स में कोरोना वैक्सीनेशन के कार्यक्रम में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, फोटो-साभार एएनआइ

पीएम ने कहा कि जिसको सबसे अधिक जरूरत होगी. उसे सबसे पहले वैक्सीन मिलेगी. भारत ने जिस एकजुटता और साहस से महामारी का मुकाबला किया है. पूरी दुनिया ने उसका लोहा माना.


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वैक्सीनेशन को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में जश्न का माहौल है. अस्पतालों में बेहतरीन सजावट की गई है. दिल्ली के एम्स में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलैरिया की मौजूदगी में टीका लगाया गया है.

वहीं, मुंबई के कॉपर अस्पताल, गुजरात के अहमदाबाद स्थित सिविल अस्पताल के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, केरल समेत अन्य राज्यों में व्यापक तैयारियों के बीच टीकाकरण शुरू हुआ है.

टीकाकरण अभियान के बीच देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 15,158 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही संक्रमित मामलों की संख्या 1,05,42, 841 हो गई. जबकि नई 175 मौतों के साथ कुल मौतों का आंकड़ा 1,52,093 हो गया है. अब तक 1,01,79,715 लोग कोरोना पीड़ित स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.

किसानों के साथ बैठक में बोले कृषि मंत्री-कानूनों पर एक मसौदा बनाकर दें, सरकार चर्चा को तैयार

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द लीडर : केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर छिड़े विवाद के बीच शुक्रवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच विज्ञान भवन में आयोजित 9वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tiket) ने कहा कि हम सरकार से ही बात करेंगे. हमारे दो ही बिंदु हैं. तीनों कानून वापस हों और एमएसपी (MSP) पर बात की जाए. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट (Court) नहीं जाएंगे. बल्कि सरकार से ही बात करेंगे.

बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि तीनों कानूनों पर चर्चा हुई. आवश्यक वस्तु अधिनियम पर भी बातचीत हुई. किसानों की शंकाओं के समाधान का प्रयास किया गया. यूनियन और सरकार ने तय किया है कि 19 जनवरी को फिर बैठैंगे.

कृषि मंत्री के मुताबिक, बैठक के दौरान हमने किसानों से कहा है कि वे अपने बीच एक अनौपचारिक समूह बना लें. ऐसे लोगों को रखें जो ठीक से कृषि कानूनों पर चर्चा कर सकें. एक मसौदा बनाकर सरकार को दें. हम उस पर खुले मन से विचार करने को तैयार हैं.

 


किसानों ने जब कह दिया कि वो कमेटी के पास नहीं जाएंगे तो फिर कमेटी का कोई मतलब नहीं बचता : भूपेंद्र मान


 

सरकार और किसानों की ये बैठक ऐसे समय हुई है, जब सुप्रीमकोर्ट बातचीत के लिए एक चार सदस्यीय समिति बना चुका है. हालांकि किसान नेताओं ने समिति के सदस्यों पर सवाल उठाए. विवाद के बीच कमेटी के एक सदस्य भूपेंद्र सिंह मान ने इससे खुद को अलग कर लिया है.

बता दें कि पिछले 51 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. वे तीनों कृषि कानूनों को रद किए जाने की मांग कर रहे हैं. आंदोलन के इस अंतराल में अब तक करीब 50 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है.


किसान आंदोलन : अगले 13 दिन बेहद खास, संभलकर चलाना होगा आंदोलन


 

गत दिनों सुप्रीमकोर्ट ने कृषि कानूनों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए किसान आंदोलन में होने वाली मौतों पर चिंता जताई थी. कोर्ट ने नए कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए एक कमेटी का गठन किया था.