सरकार और किसानों के बीच दसवें चरण की वार्ता से पहले पसरे तनाव के बीच आज सुबह 2.30 बजे रोहतक के गांव पाक्समा में रहने वाले किसान जय भगवान राणा पुत्र तकदीर राणा ने टिकरी बार्डर स्टेज के पास जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान देने की कोशिश की. सभवतः सल्फास खाकर जान देने की कोशिश करने वाले जय भगवान गंभीर हालत में संजय गांधी अस्पताल में भर्ती है. (Farmer Tried to Commit Suicide Against Agricultural Laws)
सल्फ़ास खाने से पहले जय भगवान राणा ने सरकार और किसानों को संबोधित करते हुए एक भावनात्मक पत्र भी लिखा है:-
राम राम सभी देशवासियों को!
मैं एक छोटा सा किसान हूँ मेरा नाम जय भगवान राणा है. हमारी सरकार ने कानून बनाये किसानों को लाभ पहुंचाने को लेकिन किसान सड़कों पर आन्दोलन कर कर रहे हैं कानूनों के विरुद्ध. सरकार बोलती है ये दो-चार राज्यों के किसानों का विरोध है और किसान बोलते हैं पूरे देश के किसानों का आन्दोलन है.
ये आन्दोलन न रहकर मुद्दों की लड़ाई बन गया है. न किसान मानने को तैयार हैं न सरकार. तरीका मैं बताता हूँ किसान और सरकार दोनों इच्छाशक्ति दिखाएँ.
तरीका— इस देश में जितने भी प्रदेश और केंद शासित प्रदेश हैं सभी से 2-2 किसानों को दिल्ली बुलाओ और सरकार के साथ मीडिया के सामने सभी किसान नेताओं से पूछो की वे कृषि कानूनों के पक्ष में हैं या खिलाफ. यदि कानूनों के पक्ष में ज्यादा राज्य हैं तो किसानों से प्रार्थना है कि आन्दोलन को ख़त्म करे. यदि कानूनों के खिलाफ ज्यादा राज्य हैं तो सरकार कानूनों को वापस ले.
मेरे भारत की पहचान!
मजबूत जवान, मेहनती किसान, भोला इंसान.
जय भगवान राणा

नए कृषि कानूनों के खिलाफ 56 दिनों से राजधानी की सीमाओं पर विपरीत मौसम में डटे किसानों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है.कल दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर आन्दोलनकारी किसानों को मनाने की कोशिश की.
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बेनतीजा रही पिछली बैठक में कृषि कानूनों की वापसी का विकल्प प्रस्तुत करने को कहा था. आज किसान संगठनों द्वारा इस विषय पर सरकार के सामने अपनी बात रखी जानी है. (Farmer Tried to Commit Suicide Against Agricultural Laws)
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