वैक्सीन बनाने में महारत हासिल करने वाला भारत वैक्सीन कूटनीति से धुरविरोधी देशों की चाल को नाकामयाब बनाने की ओर है।
वैक्सीन पाने को एक के बाद एक कई देशों ने निवेदन किया है, जिसमें ताजा रिक्वेस्ट कंबोडिया की ओर से आई है। कंबोडियाई पीएम हुन सेन ने भारतीय दूत से मुलाकात कर वैक्सीन के लिए अनुरोध किया है।
खास बात यह है कि कंबोडिया को चीन ने वैक्सीन की 10 लाख खुराक का दान देने का वादा किया है। लेकिन, कंबोडिया के अनुरोध से जाहिर है कि वह चीन पर निर्भर नहीं है और भारत से टीके लेने को रास्ते खोल दिए हैं, जबकि कंबोडिया को बीजिंग का करीबी माना जाता है।
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खैर, भारत बुधवार से वैक्सीन निर्यात शुरू करेगा। उम्मीद की जा रही है कि मालदीव कल भारतीय कोरोना वायरस वैक्सीन हासिल करने वाला पहला देश बन जाएगा। एयर इंडिया के विमान से राजधानी माले में स्थानीय समयानुसार दोपहर 2 बजे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII)द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन की खेप पहुंचेगी।
भारत फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स आदि के टीकाकरण को आपातकालीन उपयोग के तहत 1 लाख खुराक भेज रहा है।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय मीडिया को बांग्लादेशी सरकार ने भारत से टीके मिलने की पुष्टि की है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “बांग्लादेश को 21 जनवरी को उपहार के रूप में भारत से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका, कोविशील्ड की 20 लाख खुराक मिलेगी।”
खेप लेकर भारत का विशेष विमान ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगा। देश की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी ने भी ट्वीट किया और कहा कि सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII)से अतिरिक्त 30 मिलियन कोविशील्ड वैक्सीन भी खरीदेगी।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने एक पत्र में कहा है कि देश को जनवरी में वैक्सीन की दस लाख और फरवरी में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की 5 लाख खुराकें मिलेंगी।
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लैटिन अमेरिका से भी वैक्सीन के लिए भारत की मांग के संकेत मिले हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति बोलोनसरो ने सोमवार को ब्राजील में भारतीय दूत सुरेश रेड्डी से मुलाकात की।
रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा, “महामहिम से मिलकर बहुत खुशी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिन-प्रतिदिन संबंध मजबूत हो रहे हैं! ”
भारत ने पिछले साल कोविड-19 महामारी के बीच दुनिया की फार्मा कैपिटल के रूप में अपनी स्थिति को खासा मजबूत किया। हाइड्रोक्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल 150 देशों को भेजी। कोरोनोवायरस वैक्सीन की बात आने पर भारत ने आश्वासन दिया कि इसके टीके पूरी मानवता के लिए होंगे, जिसमें प्राथमिकता पड़ोस को दी जाएगी।
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पड़ोस में भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और नेपाल के साथ वैक्सीन के लिए बातचीत चल रही है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली पिछले हफ्ते भारत में थे और उन्होंने भारत से वैक्सीन की 12 मिलियन खुराक मांगीं।
भारतीय अधिकारियों ने दो कोरोना वायरस टीकों को मंजूरी दी है – एक सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड और दूसरा भारत बायोटेक का कोवैक्सीन। हेल्थ वर्कर्स में टीकाकरण का प्राथमिक कार्यक्रम शुरू भी हो चुका है। मेगा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने वाला है।