Wednesday, October 16, 2024
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मुरादनगर हादसे में मृतकों की संख्या पहुंची 24 तीन अधिकारी गिरफ्तार-परिजनों ने किया प्रदर्शन

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित मुरादानगर शमशाम स्थल पर रविवार को हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 24 हो गई है. करीब 17 से 18 लोग घायल हैं. इस मामले में नगर पालिका की ईओ समेत तीन अधिकारी-कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जबकि ठेकेदार फरार है. सोमवार को मृतकों के परिजनों ने मुरादनगर में विरोध-प्रदर्शन किया. सुरक्षा-व्यवस्था के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

रविवार दोपहर को मुरादनगर के शमशान घाट पर एक अंत्येष्टि थी. उसी में शामिल होने के लिए ये लोग शामशान घाट पहुंचे थे. वहां पहले से निर्माणाधीन एक भवन का छज्जा अचानक गिर गया. जिससे ये दिल दहलाने वाला हादसे सामने आया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अधिकारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.


गाजियाबाद में शमशान घाट पर बड़ा हादसा, छज्जा गिरने से 21 लोगों की मौत


 

शुरुआती जांच के बाद पालिका की ईओ, इंजीनियर और सुपरवाइजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. एसपी ग्रामीण इराज राजा ने पत्रकारों से बातचीत में तीनों की गिरफ्तार की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें जेल भेजने की तैयारी चल रही है. वहीं, आरोपी ठेकेदार की तलाश जारी है. इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं ने दुख प्रकृट किया है.

 

सरकार के साथ किसानों की बातचीत आज, क्या बन पाएगी कोई बात

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द लीडर : केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल और सरकार के बीच सोमवार यानी आज दोपहर करीब 2 बजे बातचीत होने जा रही है. सातवें दौर की इस बातचीत के लिए किसान नेता विज्ञान भवन की ओर रवाना हो चुके हैं.

ये बैठक ऐसे समय होने जा रही है, जब किसान सर्दी में बारिश की आफत का सामना कर चुके हैं. तो दूसरी तरफ कानून रद न होने की हालत में वे 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर-ट्रॉली से परेड करने की चेतावनी भी दे चुके है. इन दोनों कारणों से ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है.

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 39 दिनों से आंदोलनरत हैं. उनकी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानून रद करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप दे. बीते 30 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में किसान नेताओं के साथ बातचीत हुई थी. इसमें दो मुद्​दों पर दोनों पक्षों में सहमति बनी थी. दो प्रमुख मुद्​दों पर गतिरोध बना है. इन्हीं दो मामलों पर आज प्रमुखता से बातचीत होगी.

बारिश से बचने के लिए ट्रॉली के नीच कुछ तरह छिपे किसान. हाड़ कंपाने वाली इस सर्दी में किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं.

दो जनवरी को किसान संगठनों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसमें किसानों ने चेताया था कि अगर 26 जनवरी तक कानून रद नहीं किए जाते हैं तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर वे ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में परेड करेंगे. ये सिलसिला 6 जनवरी से ही प्रारंभ कर दिया जाएगा और विभिन्न दिवसों में चलता रहेगा.


किसान मोर्चा का ऐलान, कानून रद नहीं किए तो 26 जनवरी पर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में करेंगे परेड


हरियाणा में किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे

राजस्थान से हरियाणा होकर दिल्ली आ रहे किसानों पर रविवार की रात हरियाणा में किसानों के एक जत्थे पर आंसू गैस के गोले दागने का मामला सामने आया है. रविवार देर रात ये वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे. जिन्हें कई राजनेता और अभिनेताओं ने ट्वीट करते हुए किसानों के प्रति ऐसी कार्रवाई को दुख बताया है. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बैरिकेड तोड़ने पर आंसू गैस की कार्रवाई की गई है.

 

गाजियाबाद में शमशान घाट पर बड़ा हादसा, छज्जा गिरने से 21 लोगों की मौत

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दिल दहलाने वाले हादसे में कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, मलवे में दबे करीब 38 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. राहत बचाव कार्य जारी है. इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है.

घटना रविवार दोपहर की है. मुरादनगर शमशान स्थल पर निर्माण कर चल रहा था. तेज बाारिश के कारण लिंटर गिरने से ये हादसा हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही डीएम और एसएसपी को प्रभावी ढंग से राहत बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

मेरठ की कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने पत्रकारों से बातचीत में 21 लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि हादसा कैसे हुआ. इसकी जांच की जा रही है. दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

 

अंतिम संस्कार में पहुंचे थे शमशाम घाट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस वक्त ये हादसा हुआ. उस समय वहां अंत्येष्टी के लिए लोग पहुंचे थे. इसी में शामिल कई लोगों की मौत हुई है. इस घटना ने निर्माण कार्यों के दौरान बरती जाने वाली लापरवाही को एक बार फिर से उजागर किया है.

 

जिला प्रशासन की ओर से जारी मृतकों की सूची


एमपी : शिवराज सरकार भी बनाएगी सार्वजनिक संपत्ति की वसूली का कानून


 

पाकिस्तान में शिया हाजरा समुदाय के 11 खनिकों की अगवा कर हत्या

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द लीडर : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकवादियों ने 11 कोयला खनिकों को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया है. इस हादसे के बाद इमरान सरकार विपक्ष के निशाने पर है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना पर अफसोस जताते हुए आतंकियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की बात कही है.

घटनाक्रम रविवार रात का है. पुलिस अधिकारी मोअज्जम अली जटोई ने डॉन अखबार को बताया कि सशस्त्र आतंकवादियों ने खनिकों का अपहरण कर हत्या की है. जेटोई के मुताबिक शुरुआती जांच में ये पता लगा है कि हमलावरों ने खनिकों की पहचान शिया हजारा समुदाय के रूप में की. इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया.

क्वेटा के उपायुक्त मुराद कास ने डॉन अखबार से बातचीत में कहा कि अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. न ही किसी संगठन ने घटना की जिम्मेदाी ली है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक ट्वीट में इसे, ‘आतंकवाद का एक और कायराना व अमानवीय कार्य ‘ करार देते हुए घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि हत्यारों को पकड़ने और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए सरकार साथ है.

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) नेता बिलावल भुट्टो ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि निर्देशों की हत्या आतंकवाद से भी जघन्य है.


26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी पाकिस्तान में गिरफ्तार


 

 

एमपी : शिवराज सरकार भी बनाएगी सार्वजनिक संपत्ति की वसूली का कानून

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द लीडर : उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्यप्रदेश सरकार भी ‘लोक तथा निजी संपत्ति छति वसूली कानून’ लाने की तैयारी में है. रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि, ‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ न सिर्फ कड़ी कार्रवाई करेंगे. बल्कि सजा के साथ संपत्ति की नुकसान की भरपाई भी कराएंगे. मैंने कड़ा कानून बनाने का निर्देश दिया है, जिस पर काम शुरू हो गया है.’

मुख्यमंत्री का ये बयान ऐसे समय आया है, जब पिछले कई दिनों से मध्यप्रदेश सांप्रदायिक तनाव की खबरों के कारण चर्चा बना में बना है. राज्य के सबसे शांत माने जाने वाले उज्जैन, इंदौर और मंदसौर-ये तीन जिले सांप्रदायिकता की लपटों से झुलसे हैं. विवाद की ये घटनाएं अयोध्या राम मंदिर निर्माण निधि संग्रह के लिए आयोजित रैली के दौरान सामने आई हैं. इसमें कथित रूप से पत्थरबाजी के आरोप में उज्जैन के स्थानीय प्रशासन ने अब्दुल हमीद का मकान ढहा दिया है.

सीएए आंदोलन के दौरान यूपी में बना था कानून

पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देशभर में आंदोलन हुए. 19 दिसंबर को लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया था. इसमें निजी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान भी पहुंचा था. तब लखनऊ प्रशासन ने इस संपत्ति की भरपाई के लिए 57 लोगों को नोटिस जारी किये थे. ये मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक पहुंचा. इसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें ‘उत्तर प्रदेश लोक तथ निजी संपत्ति छति वसूली अध्यादेश-2020’ के ड्रॉफ्ट को मंजूरी दी गई. इस तरह संपत्ति रिकवरी का ये कानून बना.


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यूपी के धर्मांतरण कानून से प्रभावित होकर बनाया कानून

यूपी सरकार ने गत वर्ष विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कानून बनाया था, जो देशभर में काफी चर्चित रहा. ये कानून मध्यप्रदेश सरकार को भी भाया. इसी से प्रभावित होकर शिवराज सरकार हाल ही में धर्मांतरण कानून लेकर आई है.

जस्टिस मुहम्मद रफीक बने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

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द लीडर : जस्टिस मुहम्मद रफीक मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीय (Chief Justice) नियुक्त हुए हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार को राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई. राजस्थान में जन्में जस्टिस मुहम्मद रफीक ने 1984 में राजस्थान हाईकोर्ट से वकालत का सफर शुरू किया था.

15 मई 2006 में वे राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए थे. बाद में दो बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का दायित्व भी संभाला. इसके बाद 13 नवंबर 2019 को उन्हें मेघायलय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया. चार महीने बाद वह मेघालय से ओडिशा हाईकोर्ट में बतौर चीफ जस्टिस उनका तबादला हुआ.

जस्टिस मुहम्मद रफीक को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ ग्रहण करातीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल-फोटो साभार, ट्वीटर.

सुप्रीमकोर्ट के कोलेजियम ने उनके मध्यप्रदेश स्थानांतरण की अनुशंसा की थी. इसी क्रम में अब उन्हें मध्यप्रदेश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.

राजस्थान के इस कस्बे से ताल्लुक

जस्टिस मुहम्मद रफीक का जन्म चुरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में 25 मई 1960 को हुआ था. 1980 में राजस्थान विश्वविद्यालय से ग्रैैजुएट की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने 1984 में एलएलबी की. एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट में प्रैक्टिस प्रारंभ कर दी. इसके साथ ही आगे की उच्च शिक्षा जारी रखी. अपने इस सफर में वे अतिरिक्त महाद्यिवक्ता की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं.


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शिवराज-कमलानाथ भी पहुंचे

मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे.

यूपी : लव जिहाद के फर्जी मामले में फंसे तीन मुस्लिम युवकों को राहत, मुकदमा रद

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में लव-जिहाद (Love Jihad) के एक मामले में फंसे तीन मुस्लिम युवकों को पुलिस जांच से बड़ी राहत मिली है. पुलिस ने अपनी जांच में शिकायत को फर्जी (Fake) पाते हुए केस रद कर दिया है. घटनाक्रम फरीदपुर क्षेत्र का है. नर्सिंग की एक छात्रा के मामा ने तीन युवकों के विरुद्ध शादी के लिए धर्म परिवर्तन के दबाव का मामल दर्ज कराया था. (Muslim Fake Love Jihad Case)

शिकायत में ये आरोप लगाया था कि 1 दिसंबर को छात्रा बरेली से पढ़ाई कर लौट रही थी. तभी तीन युवकों ने उसकी स्कूटी रोक ली. बाद में शादी कर धर्म बदलने या अंजाम भुगतने की धमकी देकर चले गए.

31 दिसंबर को फरीदपुर थाने में ये तहरीर दी गई. पुलिस ने शुक्रवार को शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि घटना वाले दिन मुख्य आरोपी कस्बे से बाहर था. जांच में पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस का सहारा लिया.

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने कहा कि जांच में ये पाया गया है कि तीनों आरोपियों के विरुद्ध गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया है, जिसे रद किया जाएगा.

बरेली शहर की फाइल, फोटो

प्रेम-प्रसंग का सामने आया मामला

युवती का तीन में से एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग था. पिछले साल 9 सितंबर को युवती उसके साथ दिल्ली चली गई थी. करीब 15 दिन तक दोनों दिल्ली के तुगलकाबाद में रहे.

युवती के परिजनों ने पुलिस में इसकी शिकायत की, तब दोनों लौटे. इसके बाद 11 दिसंबर को परिजनों ने लड़की की शादी कर दी.


लव जिहाद कानून पर 104 पूर्व नौकरशाहों की सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ काेे चिट्ठी, कहा कानून का हो रहा दुरुपयोग


कानून के दुरुपयोग पर पत्र लिख चुके पूर्व नौकरशाह

राज्य सरकार गत वर्ष नवंबर में ‘विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ लाई है. 28 नवंबर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसे मंजूरी दी थी. इसके बाद से राज्य में ये कानून लागू है. इसके अंतर्गत प्रदेश में अब तक करीब 14 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

बीते दिनों देश के 104 पूर्व नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था. इसमें कहा था कि धर्म परिवर्तन कानून का मुस्लिमों के विरुद्ध दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने इसे निरस्त करने की मांग उठाई थी.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव बोले, नहीं लगवाऊंगा भाजपा की कोरोना वैक्सीन

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द लीडर : जो कोरोना संक्रमण (Corona Virus) पिछले एक साल से दुनिया भर में उथल-पुथल मचाए है. जिसका खौफनाक मंजर, हम सब देख और भोग चुके हैं. गुजरे साल का हर लम्हा इस दुआ-प्रार्थना में बीता कि किसी तरह वैक्सीन ईजाद हो जाए. और समूची इंसानियत के लिए आफत बने इस कोरोना संक्रमण का नाश हो सके. (Akhilesh BJP Corona Vaccine)

अब, जब कोरोना की वैक्सीन लगभग तैयार है. भारत में जनवरी के अंत तक टीकाकरण की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. तब ये वैक्सीन धार्मिक और राजनीतिक संक्रमण का शिकार बनने लगी है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश (UP) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief-Minister )और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान ने वैक्सीन विरोधी हवा को और तेज कर दिया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘अभी मैं वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा. भाजपा की वैक्सीन पर कैसे मैं भरोसा कर सकता हूं, जब हमारी सरकार आएगी, तब सभी को मुफ्ती में टीके लगवाए जाएंगे. मैं भाजपा की वैक्सीन नहीं ले सकता. ‘ अखिलेश के इस बयान पर भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लिया है.

राज्य के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने ट्वीट किया, ‘अखिलेश यादव जी को वैक्सीन पर भरोसा नहीं है और उत्तर प्रदेशवासियों को अखिलेश यादव पर भरोसा नहीं है. अखिलेश जी का वैक्सीन पर सवाल उठाना, हमारे देश के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का अपमान है. जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.’

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया, ‘भ्रष्टाचार और गुंडाराज के खात्मे के लिए भाजपा की वैक्सीन कारगर साबित हुई. आप कौनसी वैक्सीन की बात कर रहे हैं, अखिलेश जी?’

 


देवी-देवताओं पर कथित टिप्पणी के आरोप में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को जेल


यूएई काउंसिल ने जारी किया था फतवा

बीते दिसंबर माह के आखिर से ही वैक्सीन को लेकर विवाद छिड़ा है. खाड़ी देशों में जब वैक्सीन के हलाल और हराम को लेकर बहस छिड़ी. तब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की फतवा काउंसिल ने इस पर फतवा दिया.

इसमें कहा गया कि अगर वैक्सीन में गैर हलाल चीजें भी शामिल हैं, तो भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. काउंसिल के चेयरमैन शेख अब्दुल्लाह बिन हयात के हवाले से बाकायदा बयान जारी हुआ. जिसमें पोर्क जिलेटिन को फूड न मानकर दवा मानते हुए इसका उपयोज जायज बताया गया है.

खाड़ी के बाद ये विवाद भारत पहुंचा. कुछ धार्मिक संगठन और उलेमाओं ने पोर्क जिलेटिन के कारण कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर चिंता जिताई. इस बीच आजमगढ़ के जामिया अशरफिया विश्वविद्यालय के मुफ्ती बद-ए-आलम मिस्बाही के हवाले से जारी एक फतवे में वैक्सीन के उपयोग को जायज बताया जा चुका है.

हालांकि अन्य उलेमाओं ने ये स्पष्ट किया कि जब वैक्सीन आ जाएगी और ये साफ हो जाएगा कि इसमें पोर्क जिलेटिन है या नहीं, तब इस पर फैसला किया जाएगा.

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वैक्सीन अभियान की तैयारी में जुटा है. स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन सिंह शनिवार को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने कहा कि जल्द ही टीकाकरण की तारीख का ऐलान किया जाएगा.


भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को मंजूरी


 

देवी-देवताओं पर कथित टिप्पणी के आरोप में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को जेल

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मध्यप्रदेश : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यू-ट्यूब पर चर्चित हास्य कलाकर (कॉमेडियन) मुनव्वर फारूकी को देवी-देवताओं पर कथित टिप्पणी के आरोप में, मध्यप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. घटनाक्रम इंदौर का है. शुक्रवार की रात मुनरो कैफे में कॉमेडी-शो का आयोजन हुआ. जिसमें फारूकी पर अमर्यादित टिप्पणी का आरोप लगा है. स्थानीय भाजपा नेता मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ जोकि हिंदू रक्षक दल से जुड़े हैं-कि शिकायत पर पुलिस ने फारूकी समेत चार अन्य के खिलाफ कार्रवाई की है. (Comedian Munawwar Farooqui-Jail)

गुजरात के जूनागढ़ निवासी मुनव्वर फारूकी, स्टैंड-अप कॉमेडी करते हैं. यू-ट्यूब पर उनके 5.20 लाख फॉलोअर्स हैं. शुक्रवार को वो मध्यप्रदेश में एक शो के लिए पहुंचे थे. जिसका आयोजन एडविन एंथोनी ने किया था. चूंकि फारूकी अपनी कॉमेडी वीडियो में पहले भी भी देवी-देवताओं का जिक्र करते देखे और सुने जाते रहे हैं.

इसी कारण उनके मध्यप्रदेश आगमन की भनक पर हिंदूवादी नेता सक्रिय हो गए. शो देखने के लिए इन नेताओं ने बाकायदा टिकट खरीदे और कार्यक्रम देखने पहुंच गए. आरोप है कि कार्यक्रम के बीच जब फारूकी ने देवी-देवताओं व गृहमंत्री अमित शाह को जोड़कर कथित रूप से टिप्पणी की, तो नेताओं ने हंगामा काटकर शो बंद करा दिया.


किसान मोर्चा का ऐलान, कानून रद नहीं किए तो 26 जनवरी पर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में करेंगे परेड


 

मीडिया रिपोर्ट्स में फारूकी के साथ मारपीट किए जाने की बातें भी सामने आई हैं. बाद में उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई. पुलिस ने फारूकी के साथ आयोजक एडविन एंथोनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने व महामारी के उल्लंघन की धाराओं में मामला दर्ज किया है. शनिवार को आरोपियों को जेल भेज दिया गया.

मुंबई में रहकर करते कॉमेडी

वर्तमान में मुनव्वर फारूकी मुंबई में रहते हैं और वहीं स्टैंडअप कॉमेडी करते हैं. एफपीआइ की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल अप्रैल में मुंबई के एक हिंदूवादी नेता रमेश सोलंकी ने भी फारूकी के मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. सोलंकी ने भी अपनी शिकायत में देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगाया था. (Comedian Munawwar Farooqui-Jail)

किसान मोर्चा का ऐलान, कानून रद नहीं किए तो 26 जनवरी पर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में करेंगे परेड

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द लीडर : तीन नये कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले 38 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने बड़ा ऐलान किया है. शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कांफ्रेंस में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तीनों कानून रद नहीं हुए तो 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में परेड करेंगे. आंदोलन का ये व्यापक रूप छह जनवरी से ही शुरू हो जाएगा, जो विभिन्न चरणों में 26 जनवरी तक चलेगा. मोर्चा ने स्पष्ट किया कि कानून रद न होने तक आंदोलन जारी रहेगा. (Kisan 26 January Parade Delhi)

प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता केंद्र सरकार पर हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि, ‘सरकार कॉरपोरेट के दबाव में काम कर रही है.’ अब ये किसान आंदोलन केवल भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विश्व भर में पहुंच चुका है. अगर सरकार इसे लंबा खींचती है तो उसे राजनीतिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. जैसा कि कुछ शरारती तत्वों को आंदोलन में भेजा जा रहा है. हालांकि किसान नेताओं ने साफ किया कि हमारी मूल मांगें कृषि कानूनों को रद करने की हैं.

मृतक किसानों को शहीद नहीं मानती सरकार

किसान नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन में अब तक करीब 50 किसानों की मौत हो चुकी हैं. ये सभी किसान शहीद हुए हैं, मगर सरकार उन्हें शहीद नहीं मानती. मोर्चा ने कहा कि विभिन्न सरकारों की नव उदारवादी नीति के कारण पिछले 25 सालों में 4 लाख से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं. सरकारें वास्तव में किसानों की मौतों का सिलसिला रोकना चाहती है तो उसे एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए. (Kisan 26 January Parade Delhi)

पीछे न हटने का भ्रम पैदा कर रखा

किसान नेताओं ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा भ्रम बना रखा है कि सरकार अपने फैसले से पीछे नहीं हटती है. हालांकि ये सच नहीं है. कई बार सरकार ने अपने फैसले बदले भी हैं. अबकी उसे पीछे हटना ही पड़ेगा.

किसान आंदोलन को लेकर फैलाया जाता झूठ

-किसान आंदोलन से जुड़े प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर तमाम तरह के झूठ फैलाये जा रहे हैं. यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये पूरी तरह से अनुशासनात्मक और व्यवस्थित ढंग से चल रहा है. करीब 32 किसान संगठन के नेताओं की रोजाना बैठक होती है.


किसान आंदोलन में 35 से अधिक मौतें, एक और किसान ने खत्म कर ली जिंदगी


 

26 जनवरी के लिए तैयार रहने की अपील

किसान नेताओं ने आह्वान किया है कि किसान 26 जनवरी के लिए तैयार रहें. कम से कम एक व्यक्ति आंदोलन में शामिल होने दिल्ली आए. जो नहीं आ सकते हैं ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर जिलों में किसान परेड करेंगे. एक प्रश्न के जवाब में किसान नेताओं ने कहा कि इसकी विस्तृत रूपरेखा जारी कर दी जाएगी.