अब भारत में प्लास्टिक कचरे से बनेगा डीजल-पेट्रोल, प्लांट बनकर तैयार

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द लीडर। देशभर में महंगाई दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। आसमान छूती महंगाई के कारण घरों के बजट पटरी से उतर चुके हैं। बाजार में दाल, सब्जियों, सरसों तेल, दूध, कपड़ा, रसोई गैस के लगातार बढ़ रहे दाम ने आमजन की कमर तोड़ दी है। सरकार ने दीपावली पर्व पर पेट्रोल, डीजल के दाम थोड़े से कम कर के मरहम लगाने का काम जरूर किया है, लेकिन इससे काम नहीं चलेगा। पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि का असर खाद्य पदार्थो पर पड़ रहा है। सरसों तेल की लगातार बढ़ती कीमत के कारण आमजन की थाली से सब्जी व दाल दूर होती दिख रही है। लगातार बढ़ रही महंगाई का असर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों पर पढ़ रहा है। आम लोगों का कहना है कि बेतहाशा बढ़ती महंगाई के कारण हर चीज गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार की पहुंच से बाहर होती जा रही है। बता दें कि, पेट्रोल-डीजल के महंगे दामों से आम आदमी की जेब पर खासा असर पड़ा है, लेकिन अब आपको इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि बिहार के होनहार युवाओं ने एक अनोखा फॉर्मूला ईजाद किया है। उन्होंने प्लास्टिक कचरे से ईंधन तैयार किया है। इससे ना केवल पर्यावरण सुरक्षित होगा, बल्कि आम लोगों के स्वास्थ्य को भी खराब होने से बचाया जा सकेगा।


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महंगे पेट्रोल-डीजल ने जहां एक तरफ आम-आदमी की कमर तोड़ रखी है. वहीं हर जगह बढ़ रहा प्लास्टिक कचरा पर्यावरण और आम लोगों के स्वास्थ्य को भी खराब कर रहा है. लेकिन बिहार में युवाओं की एक टीम ने इन दोनों समस्याओं का समाधान एक साथ निकाल लिया है. उन्होंने प्लास्टिक कचरे से ईंधन तैयार किया है.

प्लास्टिक कचरे से बनाया जा रहा पेट्रोल-डीजल

बिहार के मुजफ्फरपुर के युवाओं की एक टीम ने बेकार बताकर फेंके जाने वाले प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल और डीजल तैयार किया है. उनके इस कदम से जहां एक तरफ सस्ते पेट्रोलियम उत्पाद मिल सकेंगे, वहीं प्लास्टिक कचरे के निपटारे का समाधान भी मिलेगा. मुजफ्फरपुर के खरौना गांव में इसका एक प्लांट मंगलवार से शुरू हो गया है. इस प्लांट पर 8 युवाओं की टीम ने मिलकर प्लास्टिक कचरे से बायो पेट्रोल और डीजल बनाने का काम शुरू कर दिया है. इस टीम का नेतृत्व भारतीय सांख्यिकी संस्थान के छात्र आशुतोष मंगलम के हाथों में हैं. उनके साथ इस टीम में शिवानी, सुमित कुमार, अमन कुमार और मोहम्मद हसन आदि शामिल हैं. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर 2019 में इस टेक्नोलॉजी का ट्रायल किया था और सफलता मिलने पर 2020 में इसका पेटेंट कराया.

ऐसे तैयार होगा प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल-डीजल

प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल और डीजल बनाने की इस प्रोसेस का पेटेंट ग्रेविटी एग्रो एंड एनर्जी के नाम पर है. इस प्लांट को लगाने के लिए मंगलम ने अपनी पैतृक जमीन दी है और जिला उद्योग केंद्र की मदद से बैंक से करीब 25 लाख रुपये का लोन मिला है. इस प्लांट में लगी मशीनों से प्लास्टिक कचरे को पहले इथेन में बदला जाएगा. फिर इथेन को आइसो ऑक्टेन में तब्दील कर पेट्रो-केमिकल निकाला जाएगा. प्लांट के लिए नगर निगम प्लास्टिक कचरा उपलब्ध करा रहा है. जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक परिमल कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP) के तहत ये फैक्ट्री खोली गयी है.


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मुजफ्फरपुर में शुरू हुआ बायो डीजल प्लांट

बिहार सरकार में भूमि राजस्व मंत्री सूरत राय ने मंगलवार को इस प्लांट का उद्घाटन किया. इस प्लांट में एक लीटर बायो डीजल तैयार करने की लागत 62 रुपये आएगी और इसकी बिक्री 70 रुपये प्रति लीटर पर की जा सकेगी. ये यूनिट रोजाना 200 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे से 175 लीटर बायो पेट्रोल-डीजल तैयार करेगी. मंगलम का कहना है कि इससे आम लोगों को भी लाभ मिलेगा. प्लास्टिक कचरे से जो ईंधन तैयार होगा वह पर्यावरण के लिए लाभदायक होगा.

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