महाराष्ट्र। कोविड-19 मामलों ने महज चार दिनों में महाराष्ट्र में तीसरी बार फिर से आधे लाख की सीमा पार कर ली है. यहां कुल मामले 31 लाख 73 हजार को पार कर गए. हालत ये है कि, जब यह राज्य 80 लाख टीकाकरण वाला भारत का पहला राज्य बन गया है.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 59,907 मामले
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा 59,907 मामले सामने आए है. इसके साथ ही महाराष्ट्र राज्य में अकेले कोरोना के कुल मामले बढ़कर 31,73,261 हो गए. एक दिन में कोविड-19 से 322 और मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 56,652 पर पहुंच गई.
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वैक्सीन की कमी, 109 वैक्सीनेशन सेंटर पर ताला
देश भर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच तेजी से वैक्सीनेश जारी है. इस बीच महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वैक्सीन की कमी की खबर आने लगी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया है कि, महाराष्ट्र के पुणे में वैक्सीन का स्टॉक न होने की वजह से 109 सेंटर बंद है.
109 centers remained shut today because they had no stock of vaccines.Our momentum may be lost due to lack of stock,we remain determined to vaccinate every consenting person to save lives,to break the chain of infection and to get our economy back on its feet at the earliest..2/3
— Supriya Sule (@supriya_sule) April 7, 2021
उन्होंने ये भी दावा किया है कि कई लोगों को बिना वैक्सीन लगवाए घर लौटना पड़ा है. सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा है कि, पुणे जिले में 391 सेंटर्स पर बुधवार को 55,539 लोगों को वैक्सीन लगाई गई. लेकिन हजारों लोगों को बिना वैक्सीन लगवाए ही वापस लौटना पड़ा क्योंकि स्टॉक खत्म हो गया था.
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लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू
महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू के ऐलान के बाद से ही प्रवासी मजदूरों में एक बार फिर से लॉकडाउन को लेकर डर फैल गया है. इसी के मद्देनज़र यूपी, बिहार बंगाल के अलावा अब नेपाली मजदूर भी घरों को वापस लौटने लगे है. मुंबई के सभी रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों की भीड़ बढ़ने लगी हैं. और ट्रेन के टिकट के लिए लंबी लाइनें देखी जा रही हैं. इसके मद्देनज़र प्लेटफॉर्म टिकट के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं लेकिन रेलवे स्टेशनों के बाहर मजदूरों की भीड़ लगातार बनी हुई है.
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बता दें कि वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों में होटल और रेस्टोरेंट में काम करने वाले नेपाली मजदूर भी बड़ी संख्या में शामिल हैं. पिछली बार लगे लॉकडाउन में ये मजदूर मजबूर होकर ट्रकों से अपने अपने गांव की ओर निकले थे, इसलिए इस बार सतर्कता बरतते हुए ये पहले ही ट्रेन और सड़क मार्ग से अपने गांव की तरफ चल पड़े हैं.