रमजान के महीने में अल अक्सा मस्जिद में हमले के बाद कई दिनों तक हमले और विरोध के बाद जैसे-तैसे कुछ शांति आई, इजरायल में भी सत्ता परिवर्तन हुआ, लेकिन नए प्रशासन में भी इजरायली अतिक्रमण और हमले से बाज नहीं आ रहे। एक बार फिर इजरायली अल अक्सा मस्जिद परिसर में घुस आए और फिलिस्तीनियों को धमकाने की कोशिश की। (Israelis Al Aqsa Mosque)
इजरायली कट्टरपंथी समूह उस अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे हैं, जब इजरायल अरब देशों से नजदीकियां बढ़ा रहा है। हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात का दूतावास इजरायल में खुला, इसके अलावा इजरायल चीन में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न के खिलाफ हो रही लामबंदी में भी औपचारिक तौर पर शामिल हुआ है।
साइट का प्रबंध करने वाले इस्लामिक वक्फ विभाग के अनुसार, मंगलवार को 116 इजरायलियों ने अल-अक्सा पर छापेमारी में हिस्सा लिया। वहीं, जॉर्डन सरकार के एक विभाग ने भी यह दावा किया है कि बसाए गए इजरायली हिफाजत के नाम पर ऐसा करते है। मस्जिद परिसर में छापा मारने को दक्षिण-पश्चिम में मस्जिद के मुघराबी गेट पर हमला किया गया।
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वक्फ विभाग के विरोध के बावजूद, इजरायली पुलिस ने अल-अक्सा पर इजरायलियों को छापेमारी से नहीं रोका।
1967 के इजरायल-अरब युद्ध के दौरान, इज़राइल ने पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था, जिसमें पवित्र मस्जिद है। इसके बाद 1980 में इज़राइल ने अवैध रूप से पूरे यरुशलम शहर पर कब्जा कर लिया। यरुशलम में मुसलमानों के तीसरे सबसे बड़े धर्मस्थल अल अक्सा मस्जिद के अलावा, ईसाई और यहूदी धर्मों के पवित्र स्थल भी है। मौजूदा स्थिति में यह जगह जॉर्डन के संरक्षण में है।