नई दिल्ली। अब संमदर में भी भारतीय नौसेना का दम दिखेगा. भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने प्रोजेक्ट 75- India के तहत 6 सबमरीन के निर्माण की मंजूरी दे दी है.
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लंबे समय से अटका हुआ था प्रोजेक्ट
बता दें, काफी लंबे वक्त से ये प्रोजेक्ट अटका हुआ था, जिसे अब पूरा किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई एक बैठक में 50 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है.
कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट को स्वदेशी कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया है. इस प्रोजेक्ट के लिए ये दोनों कंपनियां किसी एक विदेशी शिपयार्ड के साथ मिलकर पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी सौंपेंगी और बिड लगाएंगे.
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क्या है प्रोजेक्ट 75-I ?
समुद्री इलाकों में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए भारतीय नेवी ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत 6 बड़ी सबमरीन बनाई जानी हैं जो डीज़ल-इलेक्ट्रिक बेस्ड होंगी. इनका साइज मौजूदा स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन से पचास फीसदी तक बढ़ा होगा.
सबमरीन में कैसी सुविधा चाहती है नेवी
भारतीय नेवी द्वारा सबमरीन को लेकर जो डिमांड्स रखी गई हैं, उसमें वह हैवी-ड्यूटी फायरपावर की सुविधा चाहती है. ताकि एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के साथ-साथ 12 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल को भी तैनात किया जा सके.
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भारतीय नेवी के पास 140 सबमरीन और सरफेस वॉरशिप हैं
नेवी की मांग है कि, सबमरीन 18 हैवीवेट टॉरपीडो को ले जाने लायक क्षमता रखती हो. बता दें कि, भारतीय नेवी के पास करीब 140 सबमरीन और सरफेस वॉरशिप हैं, वहीं अगर पाकिस्तानी नेवी से तुलना करें तो उनके पास सिर्फ 20 ही हैं.
चीन से है भारत का मुकाबला
भारत का मुकाबला सिर्फ पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन से है, जो लगातार हिन्द महासागर में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. यही कारण है कि, अरब सागर से लेकर श्रीलंका से सटे समुद्र तक भारत ने अपनी नज़रें गड़ा ली हैं.
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