द लीडर : गुजरात के भुज में रेमडेसिविर दवाई न मिलने से आक्रोशित कोरोना मरीजों के तीमारदार (परिवार वाले) अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. विधायक जिग्नेश मेवाणी ने इसे सरकार के लिए शर्म की बात बताया है. उन्होंने कहा कि भुज के जीके जनरल अस्पताल, जोकि अडानी द्वारा संचालित हैं. वहां लाशों के ढेर है. रमेडेसिविर के जमाखोर भाग गए हैं.
गुजरात में पिछले कई दिनों से दवाई, अस्पतालों में बेड का संकट बना है. रेमडेसिविर इंजेक्शन पाने के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं. इस बीच इंजेक्शन न मिलन से परिजन धरना-प्रदर्शन पर बैठने लगे हैं. तीन-चार दिनों से गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और यूपी के शहरों में रेमडेसिविर की किल्लत बनी है.
It's a matter of shame if families of serious COVID-19 patients have to sit on the streets to ask for injections!
Adani run GK General Hospital in Bhuj has piles of dead bodies! There is literally official present and the stockist of #Remdesivir has fled away.#GujararModel. pic.twitter.com/e5EBoaofjY
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) April 19, 2021
सोशल मीडिया पर पीड़ितों के परिजन लगातार मदद मांग रहे हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड, रेमडेसिविर-इसको लेकर त्राहि-त्राहि मची है. हालांकि सरकार की ओर से ये आश्वासन दिया जा रहा है कि ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी नहीं पड़ेगी.
सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा कि रेमडेसिविर का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है. फौरीतौर पर इसके निर्यात पर रोक लगा दी गई है. हालांकि इसके विपरीत राज्यों की हालत देखें तो महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ यहां से लगातार इंजेक्शन की मांग उठ रही है.