दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने रोहिणी शूटआउट मामले की जांच की तेज, हाशिम बाबा ने टिल्लू ताजपुरिया को लेकर उगले कई राज

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द लीडर। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में शूटआउट में मारे गए गोगी के मामले में पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जांच तेज कर दी है। बता दें कि, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शूटआउट में मारे गए गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी के करीबी कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा को तिहाड़ जेल से रिमांड पर लिया है। क्राइम ब्रांच की टीम हाशिम बाबा से इस मामले में पूछताछ कर रही है।

टिल्लू ताजपुरिया को लेकर भी कई कई अहम राज खोले

बता दें कि, गैंगस्टर हाशिम बाबा तिहाड़ की जेल नंबर-1 के हाई रिस्क वार्ड में बंद है। हाशिम से तिहाड़ जेल में बंद अन्य गैंगस्टरों की गतिविधियों के बारे में भी सवाल पूछे जा रहे हैं। हाशिम बाबा ने मंडोली जेल में बंद टिल्लू ताजपुरिया को लेकर भी कई अहम राज उगले हैं। वहीं, हाशिम का बेहद करीबी गैंगस्टर शाहरुख इस वक्त जेल से बाहर है और फरार चल रहा है। जांच एजेंसियों को शक है कि, गोगी की मौत का बदला लेने के लिए शाहरुख बड़ी गैंगवार को अंजाम दे सकता है। शाहरुख को तिहाड़ जेल के अंदर से हाशिम बाबा ने ऑर्डर देकर दिल्ली में हाल के महीनों में ताबड़तोड़ 4 शूटआउट करवाए थे। दिल्ली पुलिस ने शाहरुख पर दो लाख रुपये का इनाम भी रखा है।


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इन सभी जेलों को हाई अलर्ट पर रखा गया

दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को दिनदहाड़े गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी की हत्या कर दी गई थी। जिसके मद्देनजर जेल अधिकारियों ने गैंगवार की आशंका जताई है, इसलिए तिहाड़ जेल, मंडोली जेल और रोहिणी जेल समेत दिल्ली की सभी जेलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। गोगी तिहाड़ जेल में बंद था और उसका प्रतिद्वंद्वी टिल्लू ताजपुरिया मंडोली जेल में है, इसलिए इन जेलों को विशेष अलर्ट पर रखा गया है। दोनों गिरोहों के कई बदमाश और शार्प शूटर भी रोहिणी जेल में बंद हैं।

रोहिणी कोर्ट में शूटआउट, हमलावरों ने गोगी को 10 गोलियां मारीं

गौरतलब है कि, रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को वकील के वेश में आए दो हमलावरों ने मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर भी मारे गए थे। दोनों हमलावर टिल्लू ताजपुरिया गैंग से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। बता दें कि, हमलावरों ने गोगी को करीब 10 गोलियां मारीं। पुलिस के मुताबिक, जितेंद्र मान उर्फ ​​गोगी के सिर पर 6.5 लाख रुपये का इनाम था। उसे तीन साथियों के साथ पिछले साल मार्च में स्पेशल सेल की एक टीम ने गुड़गांव से गिरफ्तार किया था। उसे कुलदीप मान उर्फ ​​फज्जा, कपिल उर्फ ​​गौरव और रोहित उर्फ ​​कोई के साथ गिरफ्तार किया गया था।


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बता दें कि, सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और जितेन्द्र मान उर्फ गोगी के बीच शुरू हुई वर्चस्व की जंग में अब तक 24 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दोनों के बीच दिल्ली की सड़कों पर कई बार गैंगवार हुए, जिसमें दोनों की गैंग के लोगों की मौत तो हुई ही राहगीरों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। बाहरी दिल्ली की सड़कों पर दोनों गैंग का खौफ इस कदर रहता था कि, लोगों ने उनके जानकारों तक से दूरी बनानी शुरू कर दी थी क्योंकि जितेन्द्र और गोगी गैंग के लोगों ने दोनों के जानकारों और रिश्तेदारों पर भी हमले शुरू कर दिए थे। ऐसे ही हमले में टिल्लू के भांजे, उन्हें आर्थिक मदद पहुंचने वाले अपने ही गांव के प्रधान तक की जितेन्द्र गोगी ने हत्या करवा दी थी।

वर्चस्व की लड़ाई में मारे गए कई लोग

बता दें कि, ज्यादा लोग टिल्लू गैंग के मारे गए हैं, जिसमें उसका भांजा, उसके कई करीबी दोस्त और उसकी गैंग को आर्थिक मदद देने वाले भी शामिल हैं। रोहिणी कोर्ट भी दोनों के बीच होने वाली गैंगवार का पहले भी गवाह रहा है। गोगी गैंग ने करीब तीन साल पहले पेशी के लिए पहुंचे टिल्लू गैंग के शार्प शूटर की हत्या कर दी थी। शार्प शूटर रोहिणी कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद था, ऐसे में उसने भागकर जान बचानी चाही, लेकिन वह नाकाम रहा और गैंगवार का शिकार हो गया।


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पुलिस हिरासत से भागा था गोगी

बता दें कि, 2016 में गोगी को हरियाणा पुलिस से पकड़ा था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। 30 जुलाई 2016 को पुलिस गोगी को पेशी के लिए जींद लेकर जा रही थी। इसी दौरान उसके साथी उसे फरार करवाकर ले गए।

15 दिनों से रची जा रही थी गोगी की हत्या की साजिश

रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुई गैंगवार की साजिश पिछले 15 दिनों से रची जा रही थी, जिसे मंडोली जेल में बंद सुनील उर्फ टिल्लू ने बनाया था। योजना के तहत टिल्लू गैंग के बदमाशों ने पहले ही गोगी की पेशी की जानकारी जुटाई थी और हमले से पहले ही दोनों बदमाशों ने लगातार दो दिन तक कोर्ट की रेकी की थी। पुलिस को कोर्ट परिसर से मिली सीसीटीवी फुटेज से इस बात की पुष्टि हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों बदमाश पहले भी वकील की ड्रेस में कोर्ट के अंदर घूमते हुए देखे गए थे। आरोपियों ने कोर्ट में वकीलों के बारे में भी जानकारी जुटाई थी। जिससे अगर कोई उन्हें पकड़ ले तो वह वहां से आराम से अपनी पहचान बताकर निकल सकें।


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हमले से पहले बदमाशों ने दो दिन तक की थी कोर्ट की रेकी

पुलिस की जांच में सामने आया है कि, राहुल और जगदीप ने गोगी पर हमले से पहले खुद दो दिन तक कोर्ट की रेकी की थी। गैंग के लोगों ने उन्हें गोगी की पेशी और कोर्ट नंबर बता दिया था। इसके बाद दोनों दो दिन लगातार वकील की ड्रेस में कोर्ट गए थे। दोनों ने कोर्ट रूम तक जाकर वहां सभी चीजों का जायजा लिया। आरोपियों ने यह भी देखा कि, कोर्ट में प्रवेश के दौरान सुरक्षा कहां सबसे कम है और हथियार कैसे लेकर जाया जा सकता है।

यही वजह रही कि, जब हमले के लिए आरोपी पहुंचे तो वह उस गेट से गए जहां का मेटल डिटेक्टर खराब बताया जा रहा है। इसी बात का फायदा उठाकर दोनों कोर्ट परिसर में वकील की ड्रेस में दाखिल हो गए। इतना ही नहीं आरोपियों ने पहले से ही हत्या के बाद बाहर निकलने के लिए भी रास्ता चुना हुआ था। दोनों आरोपियों ने गोगी की हत्या के बाद मेन गेट की ओर न जाकर उस गेट का रुख किया, जहां से कोर्ट में जज प्रवेश करते हैं। आरोपियों ने पहले से ही उस गेट से बाहर निकलने और नीचे की ओर भागने की योजना बनाई थी, लेकिन, जैसे ही दोनों गेट की ओर भागे पीछे से पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी।


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