असम : पुलिस एक्शन में मारे गए मोईनुल हक के बच्चों को पढ़ाएगी SIO, दरांग पहुंचे सलमान अहमद का ऐलान

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Assam SIO Moinul Haque
असम के दरांग में मारे गए मोईनुल हक के बच्चों के साथ एसआइओ के अध्यक्ष सलमान अहमद.

द लीडर : स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमान अहमद ने ऐलान किया है कि असम पुलिस द्वारा मारे गए मोईनुल हक के तीनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च, उनका संगठन उठाएगा. मोईनुल हक के परिवार ने इसकी इजाजत दे दी है. एसआइओ तीनों बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनकी जिंदगी संवारेगा. संगठन के इस फैसले ने मुस्लिम समाज ने तहे दिल से स्वागत किया है. (Assam SIO Moinul Haque)

23 सितंबर को असम के दरांग जिले में पुलिस एक्शन में मोईनुल हक को बेरहमी से मारा गया था. उन्हें मारे जाने का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसे देखकर हर अमनपंसद इंसान सिर उठा.

सिपाझर इलाके के धौलपुर गांव में सरकार ने 800 घरों को गिरा दिया है. इस आरोप में कि ये अतिक्रमण करके बनाए गए थे. इस कार्रवाई का शिकार अधिकांश मुस्लिम हैं. इसी के विरोध में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था. जिस पर पुलिस ने फायरिंग कर दी थी. और मोईनुल हक के सीने पर गोली मारी गई थी. फोटोग्राफर उनके सीने पर कूदकर, गले में घूंसा मारते देखा गया.


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इसी घटनाक्रम के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के साथ एसआइओ के अध्यक्ष दरांग जिले में गए. वहां के डिप्टी कमिश्नर और एसपी से मुलाकात की. सिपाझर के घटनास्थल पर जाकर पीड़ित ग्रामीणों से बात की. मोईनुल हक के परिवार से भी मिले. और उनके बच्चों की पढ़ाई का फैसला किया है.

जमीयत एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से भी मिला है. जिनसे पूरे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच के साथ दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा से मुलाकात करते जमीयत उलमा-ए-हिंद के पदाधिकारी.

मोईनुल हक को लेकर एक तथ्य और सामने आया है. आरोप है कि प्रोटेस्ट पर पुलिस फायरिंग के दौरान एक बच्ची को पीटा जा रहा था. जिसे पुलिस से बचाने के लिए मोईनुल हक लाठी लेकर दौड़े थे. जिसमें वह पुलिस के हाथों में मारे गए.

मुस्लिम समाज का एक बड़ा हिस्सा मोईनुल हक को शहीद के तौर पर याद कर रहा है. सोमवार को बोस्टर में किसानों के समर्थन में हुए प्रोटेस्ट में भी मोईनुल हक की मौत के विरोध में आवाजें उठीं.

दरांग की इस घटना के बाद से ही मोईनुल हक को जस्टिस दिलाए जाने और अल्पसंख्यकों के प्रति असम में राज्य आधारित हिंसा का आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज कराया जा रहा है. एसआइओ के अलावा दूसरे सामाजिक संगठन भी देशभर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. (Assam SIO Moinul Haque)

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