द लीडर | उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट का विस्तार रविवार को राजभवन में हुआ. यूपीए सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद, पलटू राम समेत सात चेहरों ने मंत्री पद की शपथ ली है. अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह वर्तमान योगी सरकार का अंतिम कैबिनेट विस्तार माना जा रहा है.
कैबिनेट के विस्तार के बाद यूपी में सियासी हलचल तेज़ हो गई है. विपक्ष ने योगी कैबिनेट विस्तार पर जम कर हमला बोला है. आइये एक एक कर के जानते हैं कि योगी के नए कैबिनेट विस्स्तार पर किसने क्या कहा है ?
समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंत्री मंडल विस्तार के बाद ट्विटर के ज़रिये हमला बोला. उन्होंने लिखा “उप्र की भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी एक छलावा है. साढ़े चार साल जिनका हक़ मारा आज उनको प्रतिनिधित्व देने का नाटक रचा जा रहा है. जब तक नये मंत्रियों के नामों की पट्टी का रंग सूखेगा तब तक तो 2022 चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी. भाजपाई नाटक का समापन अंक शुरू हो गया है.”
उप्र की भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी एक छलावा है। साढ़े चार साल जिनका हक़ मारा आज उनको प्रतिनिधित्व देने का नाटक रचा जा रहा है। जब तक नये मंत्रियों के नामों की पट्टी का रंग सूखेगा तब तक तो 2022 चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी।
भाजपाई नाटक का समापन अंक शुरू हो गया है। pic.twitter.com/eA70nUYjy0
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 26, 2021
अखिलेश यादव ने कहा है कि “मंत्रिमंडल में बदलाव करने से भी भाजपा को कुछ हासिल होने वाला नहीं है. चेहरे बदलने के बाद भी सरकार तो भाजपा की ही रहेगी. जनता भाजपा सरकार से ऊब गई है और वह अब उसे सत्ता से बेदखल करने का अंतिम निर्णय कर चुकी है.
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अखिलेश ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश अपराधों की आग में झुलस रहा है. भाजपा के रामराज में ठोको पुलिस जनता की रक्षा के बजाय फर्जी केस बनाने और फर्जी एनकाउंटर करने में लगी रहती है. इसका फायदा उठाकर अपराधी बेखौफ हत्या, लूट, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
बहुजन समाज पार्टी
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी.’
2. जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गाें को सावधान रहने की सलाह।
— Mayawati (@Mayawati) September 27, 2021
जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गाें को सावधान रहने की सलाह।
BSP सुप्रीमो ने आगे लिखा, ‘जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं, बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है. इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह है.
आम आदमी पार्टी
प्रदेश मंत्रिमंडल के विस्तार का मजाक उड़ाते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि “दलितों व पिछड़ों को तीन महीने की संविदा पर मंत्री बनाया गया है. संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार का यह मंत्रिमंडल विस्तार बहु प्रतीक्षित था। इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे.
4साल 8महीने आदित्यनाथ ने सारे गलत काम किए और अब मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया, तीन महीने के लिये संविदा पर रखे गये मंत्रियों के बारे में चर्चा है दिसम्बर में आचारसंहिता लग जायेगी तो क्या करेंगे माननीय? आख़िर संविदा पर ही क्यों मिलते हैं दलित और पिछड़े?- @SanjayAzadSln pic.twitter.com/UHRMp3jJYb
— Ajit Tyagi (@_AjitTyagi) September 26, 2021
विस्तार के बाद भाजपा दावा कर रही है कि दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों को सम्मान दिया गया है. भाजपा को दलित व पिछड़े साढ़े चार साल तक याद क्यों नहीं आए? भाजपा को यह बताना होगा कि केवल तीन महीने के लिए उनकी याद क्यों आई? उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत और हकीकत प्रदेश का दलित व पिछड़ा समाज समझ चुका है, वह चुनाव में इसका जवाब देगा.
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कैसे किया गया मंत्री मंडल क्स्तार
3 दलित, 3 ओबीसी, 1 ब्राह्मण चेहरा
सीएम योगी की इस नई टीम में 7 नेताओं को शामिल किया गया है. जिसमें जातीय समीकरण का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है. इन 7 मंत्रियों में 3 दलित, 3 ओबीसी, एक ब्राह्मण चेहरे को मंत्री बनाया गया है. जितिन प्रसाद कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. वहीं बाकी के 6 को मंत्री बनेंगे.
इन 7 चेहरों ने ली शपथ-
1. जितिन प्रसाद (ब्राह्मण)- सबसे पहले जितिन प्रसाद ने शपथ ली। वे कैबिनेट मंत्री बने हैं. तीन महीने पहले वे कांग्रेस से भाजपा में आए थे. पहली बार वे 2004 में अपने गृह क्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव जीते थे.
2. छत्रपाल गंगवार (कुर्मी) – ये बरेली के बहेड़ी से विधायक हैं। कुर्मी समाज से आते हैं. उम्र 65 साल है. रुहेलखंड क्षेत्र को कवर करेंगे.
3. पलटू राम (दलित)- तीसरे नंबर पर शपथ ली। ये बलरामपुर से आते हैं. 2017 में पहली बार जीते थे. दलित समुदाय से आते हैं.
4. संगीता बिंद (ओबीसी)- चौथे नंबर पर शपथ ली. पहली बार विधायक चुनी गई हैं. 42 साल उम्र हैं. पिछड़ी जाति से आती हैं. गाजीपुर सदर सीट से आती हैं। छात्र राजनीति भी की है.
5. संजीव कुमार (अनुसूचित जनजाति) – सोनभद्र के ओबरा सीट से विधायक हैं. ये अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं. आदिवासी समुदाय से आते हैं.
6. दिनेश खटीक (एससी)- छठे नंबर पर शपथ ली। मेरठ के हस्तिनापुर सीट से विधायक हैं. खटीक (सोनकर) समाज से आते हैं. दलित समुदाय से आते हैं। पश्चिम यूपी से मंत्री बने हैं.
7. धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी)- सबसे आखिर में शपथ ली। धर्मवीर प्रजापति हाथरस से आते हैं. विधान परिषद सदस्य हैं. 2021 में ही विधान परिषद में पहुंचे हैं. माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.
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