यूपी के मुसलमान को अब “शादी में बैंड” बजाने की ज़रुरत नहीं : कानपुर में असदुद्दीन ओवैसी

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द लीडर | उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावी में उतरे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राजनीतिक दलों पर तीखा हमला किया है। चुनाव प्रचार के लिए कानपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “भारत में पहले शादियों में मुसलमानों से बैंड-बाजा बजवाया जाता था लेकिन उन्हें शादी में अंदर नहीं जाने दिया जाता था। राजनीति में भी मुसलमानों की स्थिति ऐसी ही है।”

ओवैसी ने कहा कि “सियासत में सिर्फ ताकत की आवाज सुनी जाती है। जिसके पास सांसद या विधायक जैसे नुमाइंदे हैं, सिर्फ उन्हें सुना जाता है। बाकी को छोड़ दिया जाता है।” वह जाजमऊ के अकील कंपाउंड में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।


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यूपी के जेल में 27% कैदी मुसलमान हैं

ओवैसी ने आगे कहा कि, बारात में मुस्लिमों की स्थिति बैंड बाजा पार्टी जैसी हो गई है, जहां मुसलमानों को पहले संगीत बजाने के लिए कहा जाता है, लेकिन विवाह स्थल पर पहुंचने पर उन्हें बाहर खड़ा कर दिया जाता है। कानपुर में जनसभा को संबोधित करने के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में 19% मुसलमान हैं। उत्तर प्रदेश की जेल में 27% कैदी मुसलमान हैं। यह भारत सरकार का डाटा है।


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माफियाओं की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल

ओवैसी ने कहा कि जो सरकार कोविड काल में मरीजों को आक्सीजन नहीं मुहैया करा पाई उसे वोटों की आक्सीजन मत दो। उन्होंने सपा नेता आजम खान, अतीक अहमद व मुख्तार अंसारी के जेल में होने पर भी सवाल उठाए।

दूसरी पार्टियों में बेचैनी

बता दें कि मुसलमानों को नेता प्रदान करने के दावा करने वाली असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने परंपरागत तौर मुस्लिम वोट हासिल करने वाली पार्टियों में बेचैनी पैदा कर दी है। ओवैसी इसी आरोप को उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी अभियान का आधार बना रहे हैं।

माफिया अतीक को कैंट से चुनाव लड़ाएंगे अवैसी 

ओवैसी ने संकेत दिए कि सपा और बसपा की सियासत का शिकार हुए माफिया अतीक अहमद कानपुर से चुनाव लड़ेगा। यही नहीं, वह प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी का टिकट भी बांटेगा।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अतीक को कैंट विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अतीक को कैंट से प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन ऐन वक्त पर अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया था। टिकट कटने से पहले अतीक यहां कई दौर की बैठकें भी कर चुका था।


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82 विधानसभा सीटों पर मुसलामानों का दबदबा 

ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी की तुलना करें तो कम हिस्‍सेदारी रखने वाली जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्‍न जातियों का अपना-अपना नेतृत्‍व है, मगर जनसंख्‍या में 19 फीदी से ज्‍यादा भागीदारी रखने वाले मुसलमानों का कोई सर्वमान्‍य नेतृत्‍व नजर नहीं आता। राज्‍य में 82 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां पर मुसलमान मतदाता जीत-हार तय करने की स्थिति में हैं, मगर राजनीतिक हिस्‍सेदारी के नाम पर उनकी झोली में कुछ खास नहीं है।

यूपी की 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी AIMIM

गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। हालांकि, बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इससे उनकी पार्टी उत्साहित है और उत्तर प्रदेश में भी कामयाबी के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है।


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