द लीडर | पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. थोड़े दिनों पहले ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे. सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे खत में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे.
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 28, 2021
इस्तीफे की वजह सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि सिद्धू उन्हें CM नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे थे. इसके बाद मंत्री पद और मंत्रालय बंटवारे में सिद्धू की नहीं चली. मंगलवार को मंत्रालय बांटे गए तो गृह विभाग सुखजिंदर रंधावा को दे दिया गया. जिसके बाद दोपहर में सिद्धू का इस्तीफा सामने आया है.
सिद्धू के इस्तीफे पर कैप्टन का ट्वीट
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि वो एक स्थिर आदमी नहीं हैं, बॉर्डर से जुड़े पंजाब जैसे राज्य के लिए बिल्कुल फिट नहीं हैं.
I told you so…he is not a stable man and not fit for the border state of punjab.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 28, 2021
सिद्धू की नहीं हो रही थी सुनवाई
नवजोत सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर को कुर्सी से हटाने के लिए पूरा जोर लगाया. माना गया कि पर्दे के पीछे रहकर सिद्धू ने पूरा खेल खेला. कैप्टन के बाद सिद्धू चाहते थे कि वो कैप्टन की जगह मुख्यमंत्री बनें. हालांकि हाईकमान की पसंद सुनील जाखड़ को बनाना चाहते थे. इसलिए सिद्धू पीछे हट गए. इसके बाद कुछ विधायकों ने सिख स्टेट-सिख सीएम का मुद्दा उठाया। जिसके बाद सुखजिंदर रंधावा का नाम चलने लगा.
4 चेहरों को मंत्री बनाने के विरोध में थे सिद्धू
माना जा रहा है कि चन्नी सरकार में सिद्धू 4 चेहरों के विरोध में थे. सिद्धू का तर्क था कि उन पर पहले ही दाग लगे हुए हैं, इसलिए उन्हें शामिल नहीं किया जाए. इसके बावजूद उनका विरोध दरकिनार हो गया. सिद्धू ने एडवोकेट डीएस पटवालिया को पंजाब का नया एडवोकेट जनरल बनाने की सिफारिश की.
इसके बावजूद अब एपीएस देयोल पंजाब के नए एजी बन गए हैं. सिद्धू डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा को गृह विभाग देने के पक्ष में नहीं थे. वो चाहते थे कि CM चरणजीत चन्नी इसे अपने पास रखें। इसके बावजूद सिद्धू की नहीं सुनी गई. होम मिनिस्ट्री रंधावा को दे दी गई.
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कैप्टन से कई महीनों से मतभेद
गौरतलब है कि हाल ही में पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन किया गया है. कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ जारी विवाद के बीच सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को सूबे की कमान सौंपी गई. कैप्टन ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर करते हुए यह तक कहा था कि वह सिद्धू को किसी कीमत पर पंजाब का सीएम नहीं बनने देंगे.
काफी लड़ाई के बाद सिद्धू को बनाया गया था प्रदेश अध्यक्ष
गौरतलब है कि काफी लड़ाई झगडे के बाद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था, अध्यक्ष बनने के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ सिद्धू लगातार मोर्चा खोले रहे और आखिर कार अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा. हालाँकि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुँचने में नाकाम रहे.
कई नाम चलने के बाद दलित सिख समुदाय से चरणजीत सिंह चन्नी ने बाज़ी मारी। उनका शपथ ग्रहण भी हो गया और आज नए मंत्रियों का बंटवारा भी की अचानक सिद्धू के इस्तीफे पंजाब कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई एकबार फिर खुलकर सामने आ गयी.
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