द लीडर : नबी की शान में गुस्ताखी से मुस्लिम समाज में नाराजगी बढ़ती जा रही है. सिलसिलेवार सामने आ रही इन घटनाओं को लेकर रजा एकेडमी हेट स्पीच पर एक सख्त कानून बनाए जाने की मुहिम चला रही है. इस बीच मंगलवार को मौलाना कमर गनी उस्मानी के नेतृत्व में उलमा का एक दल दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध दर्ज कराने पहुंचा. लेकिन पुलिस ने इन्हें प्रोटेस्ट से पहले ही हिरासत में ले लिया. और मंदिरमार्ग थाने ले गई है. (Delhi Qamar Gani Usmani)
पुलिस हिरासत के दौरान मौलाना कमर गनी ने कहा कि नबी की शान में गुस्ताखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अभी तो विरोध की ये छोटी सी शुरुआत है. आगे और ताकत के साथ विरोध दर्ज कराएंगे.
नबी की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए जंतर मंतर पे मौलाना क़मर गनी उस्मानी क़ादरी के नेतृत्व में शांतिपूर्ण प्रदर्शन था, मंदिरमार्ग थाने की पुलिस ने मौलाना और उनके साथियों को डिटेन किया है। #IStandWithQamarGaniUsmani pic.twitter.com/ieyjXzngZQ
— The Leader Hindi (@TheLeaderHindi) August 24, 2021
मौलाना को हिरासत में लेते ही ट्वीटर पर स्टैंड विथ मौलाना कमर ट्रेंड करने लग गया है. उन्हें छोड़े जाने की मांग उठाई जा रही है. तो सवाल भी किया जा रहा कि क्या शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराने का भी अधिकार नहीं है. तब, जबकि दूसरी ओर ऐसे लोग भी हैं, जो हिंसक नारेबाजी, ऐलान करते हैं-फिर भी उन्हें आंदोलन की अनुमति है.
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दरअसल, पिछले कुछ समय से पैगंबर-ए-इस्लाम को लेकर लगातार गलत बातें बोली जा रही हैं. पहले नरसिंहानंद सरस्वती ने इस्लाम और नबी की शान में गुस्ताखी की. इसके बाद हिंदू रक्षक दल के नेता पिंकी चौधरी ने एक नेशनल न्यूज चैनल पर वैसी भी बदतमीजी की.
इससे पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर ही भारत जोड़ो आंदोलन में मुसलमानों के खिलाफ हिंसक नारेबाजी हुई थी. आंदोलन के आयोजक अश्वनी उपाध्याय को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन उन्हें दूसरे ही दिन जमानत मिल गई थी. अन्य आरोपी भी न्यायिक हिरासत में हैं.
सोमवार को ही दिल्ली की एक अदालत ने पिंकी चौधरी की अंतरिम जमानत नामंजूर कर दी है. अदालत ने कहा कि हम कोई तालिबानी राज्य नहीं हैं. (Delhi Qamar Gani Usmani)