कृषि कानूनों की वापसी पर आज कांग्रेस मना रही है ‘किसान विजय दिवस’

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द लीडर | कांग्रेस ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी के एलान को किसानों के संघर्ष की जीत बताते हुए आज पूरे उत्तर प्रदेश में किसान विजय दिवस मनाने का फैसला किया है. इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सरकार को घेरेंगी. जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक किसान विजय दिवस पर श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया.

इसी सिलसिले में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद देशभर में कांग्रेस पार्टी की ओर से किसान विजय दिवस मनाया जाए. तीनों कानून केंद्र सरकार द्वारा वापस लेने का जश्न जन-जन तक पहुंचाया जाए, साथ ही किसान विजय रैली का आयोजन किया जाए. कांग्रेस का सभी प्रदेश अध्यक्षों को किसान विजय दिवस मनाने के लिये जिले स्तर से- ब्लॉक स्तर तक कार्यकर्ता को ये निर्देश दिया गया है.

कैंडल मार्च निकाला जाएगा

इस जीत पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पूरे देश में 20 नवंबर को ‘किसान विजय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि इन कानूनों को निरस्त करने में सरकर ने देरी की, जिससे 700 किसानों को शहीद होना पड़ा.

जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक किसान विजय दिवस मनाते हुए कार्यकर्ता शहीद किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करेंगे. उनके घर जाकर परिवार के सदस्यों से मुलाकात भी करेंगे. सभी जिला मुख्यालयों पर किसान विजय सभा का आयोजन किया जाएगा. शाम को शहीद किसानों की आत्मा की शांति के लिए कैंडल मार्च निकाला जाएगा.


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प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक तरफ केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर लखीमपुर खीरी कांड में पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है.

प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लखनऊ में हैं और मैंने उन्हें पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है. प्रियंका ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा है.

‘चुनाव की परिस्थितियां को देख कर लिया फैसला’

इससे पहले तीन कृषि कानूनों को मोदी सरकार द्वारा वापस लेने पर प्रियंका गांधी ने जमकर हमला बोला था उन्होंने कहा था कि 600-700 किसानों की शहादत के बाद आज उन्हें लग रहा है कि चुनाव में भाजपा के लिए परिस्थितियां ठीक नहीं हैं. विधानसभा चुनाव का सर्वे उन्हें यही दिखा रहा है, इसलिए चुनाव से पहले कानून वापस लेने का एलान कर माफी मांग रहे हैं.


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कुछ दिनों पहले जनजागरण अभियान चलाया था 

इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 14 नवम्बर से देशभर में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाने का फैसला किया था. कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के दाम, बेरोजगारी, महंगाई जैसे तमाम मुद्दों पर ये अभियान शुरू किया. पार्टी ने दांडी मार्च की तर्ज पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पैदल मार्च और प्रभातफेरी निकालने का फैसला किया था.

इसके बाद केंद्र ने आम जनता को राहत देते हुए पेट्रोल-डीजल के दामों से एक्साइज ड्यूटी कम दी. वहीं शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून वापस ले लिए. केंद्र द्वारा लिए गये इन फैसलों के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपनी जनजागरण अभियान की रणनीति में बदलाव किया है.

 शुक्रवार को कृषि कानूनों को वापस लेने का किया था ऐलान

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि हम किसानों को समझा नहीं पाए. हमारी नीयत साफ थी, पवित्र थी लेकिन हम शायद समझा नहीं पाए, हमारी तपस्या में कमी रह गई. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कृषि और किसानों की भलाई के लिए तमाम बड़े फैसले किए.


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