जानिए क्या है MSP, जिसको लेकर किसान अभी भी कर रहे हैं आंदोलन

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द लीडर | केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा तो कर दी है लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार के लिए इतना आसान भी नहीं है. अब किसान एमएसपी गारंटी की मांग करने लगे हैं. वहीं दूसरे दलों के नेता भी एमएसपी को लेकर सरकार को घेरने में जुट गए हैं. कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद भी किसानों ने अभी तक आंदोलन खत्म नहीं किया है और वो चाहते हैं सरकार एमएसपी पर अपना रुख साफ करे. आइये जानते हैं कि यह एमएसपी आखिर होता क्या है और यह किसानों के लिए क्यूँ इतना आयाश्यक है जिसकी वजह से किसान, आंदोलन ख़त्म करने से मना कर रहे हैं.

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस या फिर न्यूनतम सर्मथन मूल्य होता है. MSP सरकार की तरफ से किसानों की अनाज वाली कुछ फसलों के दाम की गारंटी होती है. राशन सिस्टम के तहत जरूरतमंद लोगों को अनाज मुहैया कराने के लिए इस एमएसपी पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है.


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बाजार में उस फसल के रेट भले ही कितने ही कम क्यों न हो, सरकार उसे तय एमएसपी पर ही खरीदेगी. इससे यह फायदा होता है कि किसानों को अपनी फसल की एक तय कीमत के बारे में पता चल जाता है कि उसकी फसल के दाम कितने चल रहे हैं. हालांकि मंडी में उसी फसल के दाम ऊपर या नीचे हो सकते हैं. यह किसान की इच्छा पर निर्भर है कि वह फसल को सरकार को बेचे एमएसपी पर बेचे या फिर व्यापारी को आपसी सहमति से तय कीमत पर.

एमएसपी कौन तय करता है

सरकार हर साल रबी और खरीफ सीजन की फसलों का एमएसपी घोषित करती है. फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) तय करता है. यह आयोग तकरीबन सभी फसलों के लिए दाम तय करता है. गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है.

CACP समय के साथ खेती की लागत के आधार पर फसलों की कीमत तय करके अपने सुझाव सरकार के पास भेजता है. सरकार इन सुझाव पर स्टडी करने के बाद एमएसपी की घोषणा करती है.

इन फसलों का होता है एमएसपी

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग हर साल खरीफ और रबी सीजन की फसल आने से पहले एमएसपी का गणना करता है. इस समय 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार तय करती है. धान, गेहूं, मक्का, जौ, बाजरा, चना, तुअर, मूंग, उड़द, मसूर, सरसों, सोयाबीन, सूरजमूखी, गन्ना, कपास, जूट आदि की फसलों के दाम सरकार तय करती है. एमएसपी के लिए अनाज की 7, दलहन की 5, तिलहन की 7 और 4 कमर्शियल फसलों को शामिल किया गया है.


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एमएसपी किसानों के लिए कैसे लाभकारी है?

  • Minimum Support Price के माध्यम से किसानों की फसलों का दाम नहीं घटता है.
  • यदि बाजारों में किसानों की फसलों का दाम गिर जाता है तब भी उन्हें एक निर्धारित एमएसपी प्रदान की जाती है.
  • एमएसपी के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि होती है.
  • किसानों को एमएसपी प्राप्त करने की तसल्ली रहती है.
  • सरकार द्वारा उन्हें तय की गई एमएसपी समय पर प्राप्त होती है.
  • MSP के माध्यम से अन्नदाताऔं का नुकसान कम होता है.

किसानों की मांग

कृषि कानूनों को वापस लेने की सरकार की घोषणा के बाद भी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. किसानों को कहना है कि कृषि कानूनों को सरकार पहले संसद में लाकर रद्द करने की प्रक्रिया पूरी करे. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार पर भरोसा नहीं है. इसके साथ ही किसानों की मांग है कि सरकार एमएसपी की गारंटी दे और इसे लेकर कानून बनाया जाए. इसके साथ ही किसान बिजली संशोधन बिल को भी वापस करने की मांग कर रहे हैं.


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