नई दिल्ली : मोदी सरकार की आलोचना वाले पोसटर चिपकाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने 25 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है. इसमें ऑटोरिक्शा चालक, दिहाड़ी मजदूर भी शामिल हैं. पुलिस की कार्रवाई पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार तीख सवाल खड़े किए हैं. संजय सिंह ने कहा-मोदीजी ये आपकी कैसी तानाशाही है? जनता को लाइनों में खड़ा कर दिया और दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा वालों को आप गिरफ्तार करेंगे?
एबीपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के रोहिणी, शाहदरा, द्वारिका आदि इलाकों में सरकार की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाए गए थे. इसमें लिखा था-मोदीजी आपने हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी? दिल्ली के कई क्षेत्रों में 12 मई को ये पोस्टर होने की जानकारी सामने आई थी. पुलिस हरकत में आई और ये पोस्टर हटवाए थे.
12 Arrested Over Posters Against PM Modi In Delhi
“Modi ji, aapne humare bacchon ki vaccine videsh kyu bhej diya?"
Perfectly valid question. pic.twitter.com/XCJS5Bsg3G
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) May 15, 2021
पुलिस पूरे मामले में राजनीतिक साजिश के सुराग तलाश रही है. इस आशंका में पोस्टर लगवाने में किसी राजनीतिक दल की सहभागिता है. पोस्टर चिपकाने के आरोप में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उसमें रिक्शा चालक, 61 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर भी हैं.
यूपी पुलिस ने पूर्व आइएएस अफसर सूर्य प्रताप के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा, गंगा में तैरती लाशों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप
रोहिणी, शाहदरा, द्वारका आदि थानों में इस मामले में केस पंजीकृत किए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि अभी कुछ और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. लेकिन ये जांच के बाद होगा.
इससे पहले दिल्ली पुलिस युवा कांग्रेस के नेताओं से भी पूछताछ कर चुकी है, जो महामारी में लोगों की मदद कर रहे थे. उनसे ये सवाल किए गए थे कि वे मेडिकल संसाधन कहां से लाते हैं. पुलिस अधिकारियों अवैध तरीके से मेडिकल संसाधन जुटाने को आधार पर बनाकर ये कार्यवाही शुरू की थी.
यूपी में पूर्व नौकरशाह पर मुकददमा
महामारी को लेकर सरकार की आलोचना के मामले में दिल्ली से लेकर यूपी तक कार्रवाई शुरू हो गई हैं. शनिवार को यूपी पुलिस ने पूर्व आइएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ बलिया में मामला दर्ज किया था. इससे पहले बनारस में भी सूर्य प्रताप के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है. पुलिस उन पर भ्रम फैलाने के तहत कार्रवाई की है. आप सांसद संजय सिंह ने सूर्य प्रताप के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना की है.
कपड़े से ज़्यादा बिक गया बाज़ार में कफ़न।
हाकिम बता रहा है सब ठीक-ठाक है।।
ईमानदार पूर्व IAS अधिकारी @suryapsingh_IAS जी को आदित्यनाथ सरकार ने देश द्रोही बना दिया इन पर FIR कर दी।
इनका जुर्म है की इन्होंने नदियों में फेंके गये शव का मुद्दा उठाया।@AAPUttarPradesh इनके साथ है। pic.twitter.com/dLQzopHvnp— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) May 15, 2021
दरअसल, महामारी के दूसरे दौर में मोदी सरकार ही नहीं राज्य सरकारों की भी कड़ी आलोचना हो रही है. इसलिए क्योंकि ऑक्सीजन, दवा और अस्पतालों में बेड के अभाव में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जिन्हें अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ. और उनके शव नदियों में तैरते पाए गए. सैकड़ों लाशें गंगा के तटों पर दफन हैं.
इस रोग ने भी ले ली महामारी की शक्ल, जानवरों से इंसानों में दाखिल
अप्रैल माह में प्रयागराज, कानुपर, बिहार, गाजियाबाद आदि जगहों से अंतिम संस्कार के वीडियो सामने आई थीं, जिसमें चिंताओं के अंबार नजर आ रहे थे. घंटों इंतजार के बाद अंतिम संस्कार की बारी आती थी. इस मामले में भी सरकारों की काफी आलोचना हुई थी. तब भी सरकारों ने कई लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे और ये मामला कोर्ट तक पहुंचा था.