12वीं बोर्ड एग्जाम पर राज्यों ने केंद्र को दिए सुझाव, जानिए कौन-कौन से राज्य परीक्षा कराने को तैयार

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नई दिल्ली: 12वीं की परीक्षा को लेकर तमाम परियोजनाओं के बीच सभी राज्यों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अपने विचार और सुझाव भेज दिए हैं.

देश के लगभग सभी राज्यों ने महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा को सीमित समय में आयोजित करने का सुझाव दिया है. साथ ही दिल्ली समेत पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ ने परीक्षार्थियों और परीक्षा से जुड़े अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों के टीकाकरण पर जोर दिया है.

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12वीं की परीक्षा को लेकर 23 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल समूह और राज्यों के मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी.

इस बैठक में राज्यों के शिक्षा सचिव और सभी राज्यों के शिक्षा बोर्डों के अधिकारी भी शामिल हुए थे. बैठक के दौरान 12वीं की परीक्षा को लेकर सभी से सुझाव मांगे गए थे. बैठक के दौरान ज्यादातर राज्यों ने सीमित अवधि में और महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा का सुझाव दिया था.

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मंत्रियों से करीब 3 घंटे तक चली बैठक के बाद बैठक की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ सिंह ने सभी से अपना सुझाव लिखित में शिक्षा मंत्रालय को भेजने के लिए कहा था. 25 मई की शाम तक सभी लोगों से सुझाव मांगे गए थे.

जुलाई में परीक्षा का आयोजन कराया जाना संभव

सूत्रों की माने तो मंगलवार शाम तक लगभग सभी राज्यों में अपने सुझाव केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंप दिया है. नाम ना छापने की शर्त पर शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीएसई परीक्षा कराए जाने को लेकर तैयार है.

जुलाई महीने के मध्य में कुछ महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा का आयोजन कराना चाहती है. फिलहाल तारीख तय नहीं हुई. मंत्रालय की हरी झंडी मिलते ही तारीख घोषित कर दी जाएंगी. माना जा रहा है करीब 19 विषयों की परीक्षा आयोजित की जा सकती है.

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उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और गोवा 12वीं की परीक्षा कराने को लेकर तैयार है. इन राज्यों का मानना है कि 12वीं की परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण विषयों की ही परीक्षा हो और उन्हें सीमित अवधि संपन्न कराया जाए.

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जबकि दिल्ली ने परीक्षा के आयोजन पर अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि परीक्षा रद्द कर देनी चहिए, यदि आयोजन हो तो पहले परीक्षार्थियों और अध्यापकों का वैक्सिनेशन किया जाए.

सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र सरकार ने भी परीक्षा कराने की जगह आंतरिक मूल्यांकन के आधार परीक्षाथियों को प्रमोट करने की सिफारिश की है. पंजाब सरकार ने भी कहा है कि पहले वैक्सिनेशन किया जाए उसके बाद ही परीक्षा कराई जाए.

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