सीएम योगी का ‘अन्नदाता प्रेम’ या चुनावी दांव…यूपी सरकार ने किसानों पर दर्ज करीब 900 मुकदमे लिए वापस

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द लीडर हिंदी, लखनऊ। जहां एक तरफ किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं वही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को बहलाने में लग चुकी है बता दें कि, उत्तर प्रदेश में यूपी विधानसभा चुनावों से पहले किसानों को बहलाने में जुटी योगी सरकार ने पराली जलाने को लेकर किसानों के खिलाफ दर्ज करीब 900 केस वापस लेने का निर्णय लिया है। इसकी घोषणा कुछ दिनों पहले सरकार ने कर दी थी जिसके बाद अब अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

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करीब 868 केस किसानों के ऊपर दर्ज थे दर्ज

बता दें कि, यूपी में पराली जलाने के मामले में किसानों के ऊपर से 868 केस दर्ज थे. अब सरकार ने मुकदमे वापस ले लिए हैं. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि, किसान प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास में अहम किरदार निभाते हैं. इसलिए सरकार ने किसानों के ऊपर से पराली जलाने के 868 केस वापस ले लिए हैं.

कई जिलों में दर्ज पराली जलाने के मुकदमों को वापस लेने का आदेश

अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि, प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान किसानों के हितों को देखते हुए अलग-अलग जिलों में दर्ज पराली जलाने के मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया है.

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मुख्यमंत्री ने किसानों को दिया था आश्वासन

गौरतलब है कि, प्रदेश में 868 किसानों पर आईपीसी और 1860 की धारा 188, 278, 290 और 291 दर्ज किए गए थे. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया था कि, उनपर पराली जलाने के दर्ज मुकदमों को  जाएगा. साथ ही अगर कोई जुर्माना लगा है तो उसकी भी माफ़ी होगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने गन्ना के समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात पर भी विचार करने का भरोसा दिलाया था.

किसानों को लुभाने में जुटी पार्टी

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर सभी पार्टियां जनता को लुभाने में जुटी हुई है वही बीजेपी भी चुनाव में दोबारा से जीत हासिल करने के लिए जोरों शोरों से मेहनत कर रही है. और यही वजह है कि, योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेकर उन्हें की कोशिश कर रही है.

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UP में किसान आंदोलन ने बढ़ाई बीजेपी की चिंता

तीन कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से चल रहे दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने बीजेपी की चिताएं बढा दी हैं. 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं अब ऐसे में अगर किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे तो आने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को काफी नुकसान हो सकता है. क्योंकि यूपी के पश्चिम क्षेत्र में इस आंदोलन का काफी असर देखा जा रहा है. ऐसे में बीजेपी नेतृत्व हर वो कोशिश कर रहा है जिससे किसान आंदोलन का असर चुनाव पर ना पड़ सके.

यूपी विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी और राज्य सरकार के स्तर पर फीडबैक लेने के साथ-साथ कई स्तर पर सर्वे कराये जा रहे हैं. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि, वेस्ट यूपी में किसानों की समस्या दूसरी है.

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रणनीति सही होगी तो काफी हद तक सियासी नुकसान हो सकेगा कम

पश्चिम उत्तर प्रदेश में खासकर मेरठ और मुजफ्फरनगर बेल्ट में गन्ना किसानों की बड़ी संख्या है. इन गन्ना किसानों में भी एक जाति विशेष का वर्चस्व है, इसलिये अगर सटीक रणनीति अपना कर इन गन्ना किसानों को साध लिया जाये तो योगी सरकार काफी हद तक अपना सियासी नुकसान कम कर सकती है.

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