कानपुर में गंगा और पांडु नदी ओवरफ्लो, घरों में घुसा पानी

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द लीडर हिंदी, कानपुर। लगातार देश में हो रही बारिश से कुछ इलाके तो पानी-पानी हो गए है. मूसलाधार बारिश से नदी-नालों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. इसके साथ ही अब बाढ़ के खतरे को लेकर लोग दहशत में जीने को मजबूर है. बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में बारिश से हाल बेहाल है. वहीं अब उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है.

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घरों में घुसने लगा नदियों का पानी, खौफ में लोग

कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही उसकी सहायक पांडु नदी का भी पानी अब निचलों इलाकों में बने घरों में घुसने लगा है. लोगों की मानें तो करीब 100 कच्चे घरों में रहने वाले लोग अपना घर बाढ़ के खतरे के चलते छोड़कर चले गए हैं.

गंगा और पांडु नदी का बढ़ा जलस्तर

कानपुर में प्रमुख रूप से गंगा नदी और पांडु नदी बहती है. वहीं अब दोनों ही नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. पांडु नदी के किनारे बसे कानपुर के बर्रा 8 इलाके के पास वरुण विहार, तात्या टोपे नगर, मेहरबान सिंह का पुरवा में पानी काफी बढ़ गया है. जिसके चलते लोग अब यहां से पलायन करने लगे हैं.

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गंगा किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी

गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा किनारे स्थित गांवों में सतर्कता बढ़ा दी गयी है, ताकि तुरन्त ग्रामीणों को गांवों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सके. वहीं पांडु नदी के ओवर फ्लो होने से आसपास के इलाकों में पानी भरने से कई लोग घरों में कैद हो गए. नाव से घरों में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है और खाद्य सामग्री भेजी जा रही है.

बढ़ते खतरे के बीच अधिकारियों ने मौके का दौरा किया है. दो दिन पहले डीसीपी साउथ रवीना त्यागी अपने पुलिस कर्मियों के साथ मौके का मुआयना करने पहुंची थी और नगर आयुक्त शिव शरनप्पा ने भी वरुण बिहार, मेहरबान सिंह का पुरवा, तात्या टोपे नगर जाकर हकीकत जानी है. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि, लगातार पानी बढ़ रहा है जिससे खतरा भी बढ़ता जा रहा है.

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गंगा का जलस्तर बढ़ते ही दरकने लगा करोड़ों से बना अटल घाट

17 करोड़ रुपये की लागत से एक साल में बने गंगा बैराज स्थित अटल घाट की सीढिय़ों के किनारे महज तीन साल बाद ही दरकने लगे हैं. जगह-जगह प्लास्टर उखड़ रहा है. गंगा के बढ़ते जलस्तर ने घाट में हुए कामों की गुणवत्ता की पोल खोल दी है. वहीं, पानी में डूबा घाट का आधा हिस्सा खतरनाक हो गया है. जरा सी चूक यहां घूमने आने वालों के लिए समस्या खड़ी कर सकती है. सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम भी नहीं किए गए हैं.

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