आपदा के दौर में सादगी के साथ ताजुश्शरिया का उर्स, हालात बेहतर होते ही फिर शानो शौकत का होगा नजारा

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Urs Ttajushshariya 2021 At Dargah Ala Hazrat Bareilly
दरगाह ताजुश्शरिया.

UP : बरेली के आला हजरत घराने के विश्व विख्यात मुफ्ती अख्तर रजा खां, अजहरी मियां, जिन्हें ताजुश्शरिया के रूप में भी जाना जाता है, का तीसरा दो रोजा सालाना उर्स बेहद सादगी के साथ मनाया जा रहा है. सज्जादानशीन मुफ्ती असजद मियां की सरपरस्ती में उर्स की रस्म अदा की गई. आगाज परचम कुशाई से हुआ, दरगाह पर चादरपोशी की गई.

आपदा की मौजूदा बंदिशों और हिदायतों के मद्​देनजर जायरीनों से अपने घरों पर ही फातिहा दिलाए जाने की इल्तिजा की गई थी. बुधवार की रात, मदरसा जामियातुर्रजा में उलमा-ए-कराम ने ताजुश्शरिया की जिंदगी पर रौशनी डाली.

जुमेरात यानी आज शाम 7:14 बजे कुल कुल शरीफ होगा. इससे पहले तकरीर होंगी. उर्स जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां की सदारत में मनाया जा रहा है.


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जमात की टीम उर्स की तैयारियों की व्यवस्था संभाले हुए हैं. ताजुश्शरिया 20 जुलाई 2018 को पर्दा फरमा गए थे यानी उनका इंतकाल हो गया था. उनके जनाजे में लाखों का जो हुजूम शहर में उमड़ा था, उसकी यादें आज भी शहरवासियों के जेहन में ताजा हैं.

ऐसी ही सूरत 2019 में ताजुश्शरिया के पहले उर्स में रही थी. इस्लामिया इंटर कॉलेज में उर्स मनाए जाने के विवाद के बीच मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में उर्स मनाया जाना तय हुआ था. उस पहले उर्स में भी बेशुमार भीड़ उमड़ी थी. आलम ये था कि सीबीगंज से लेकर मथुरापुर तक हाईवे जाम हो गया था. और पूरे इलाके में जायरीन का हुजूम ही नजर आ रहा था.

लेकिन पिछले दो साल से यानी दूसरे और तीसरे उर्स के दरम्यान महामारी फैली है. इसलिए दरगाह की ओर से केवल उर्स की रस्म अदा की जा रही है. जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन खान ने कहा कि, हम सब दुआ करते हैं कि हमारे मुल्क और दुनिया से ये बवा खत्म हो जाए. और पहले की तरह जीवन सामान्य हो. स्थिति ठीक होते ही फिर पूरी शानो शौकत के साथ उर्स मनाया जाएगा.


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दरगाह के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि ताजुश्शरिया का दो रोजा उर्स बेहद अदब और सादगी के साथ मनाया जा रहा है. उर्स में भीड़ न आए, पहले ही ये अपील की जा चुकी है. इसलिए मुरीद और जायरीन घरों पर ही नियाज दिला रहे हैं.

उन्होंने कहा, सज्जादानशीन और जमात के उपाध्यक्ष की देखरेख और चंद उलमा-ए-कराम की मौजूदगी में उर्स की तमाम रस्में अदा की जा रही हैं. आज शाम को कुल शरीफ के साथ ही उर्स का समापन हो जाएगा.

दरगाह आला हजरत सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज है. और ताजुश्शरिया आला हजरत के पोते हैं. जिनके देश-दुनिया में लाखों मानने वाले हैं.

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