पुलिस हिरासत में मुसलमान युवक की मौत पर अखिलेश, ओवैसी संग इन दिग्गज नेताओं ने उठाए सवाल

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द लीडर | कासगंज के सदर कोतवाली के पुलिस लॉकअप में एक 22 वर्षीय युवक अल्ताफ़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। अल्ताफ़ के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़, युवक ने लॉकअप के टॉयलेट में फांसी लगाई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। चंद मिनट चले प्राथमिक उपचार के बाद अल्ताफ़ की मौत हो गई।

इस घटना को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि योगी राज में कोई भी सुरक्षित नहीं है।

राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया?

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘क्या उत्तर प्रदेश में मानवाधिकार नाम की कोई चीज़ बची है?’’

प्रियंका गांधी ने क्या कहा?

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस हिरासत में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक, भक्षक बन चुके हैं। यूपी पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। बीजेपी राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।’’


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अखिलेश यादव ने क्या कहा?

राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, ‘’कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है। इस मामले में इंसाफ़ और बीजेपी के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जांच होनी ही चाहिए. #भाजपा_ख़त्म।’’

मायावती ने क्या कहा?

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, ‘’कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद और शर्मनाक है। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख़्त सजा दे और पीड़ित परिवार की मदद भी करे। यूपी सरकार आएदिन कस्टडी में मौत रोकने और पुलिस को जनता की रक्षक बनाने में विफल साबित हो रही है यह अति-चिन्ता की बात।’’

असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ‘’इस केस में शामिल पुलिस वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और अल्ताफ के परिवार को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश में पुलिस का अत्याचार दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है।’’


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यह है पूरा मामला

मंगलवार को एक नाबालिग हिंदू लड़की को कथित रूप से बहला-फुसलाकर साथ ले जाने के एक मामले में पूछताछ के लिए नगला सैयद इलाके के रहने वाले अल्ताफ (22) नामक युवक को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान अल्ताफ ने हवालात के अंदर बने बाथरूम में जाने की इच्छा जताई। इस पर उसे इजाजत दे दी गई, वहां उसने जैकेट के हुक में लगी डोरी से बाथरूम के नल में फंसा कर अपना गला घोंटने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि देर तक नहीं लौटने पर पुलिसकर्मी बाथरूम में गए और अल्ताफ को अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी मौत हो गई।

क्या लड़की से अल्ताफ़ का कोई संबंध था?

जो लड़की लापता हुई है वो पुलिस को अभी तक नहीं मिली है। क्या पुलिस जाँच में मृतक और लड़की के बीच कोई संबंध सामने आया है, इस सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने बताया, “एक वीडियो हमें मिला है जिसमें ये लड़का स्वयं कह रहा है कि मेरे इस लड़की से संबंध थे। पुलिस पूछताछ में लड़के ने बताया था कि हो सकता है वो लड़की किसी और से भी बात करती हो।”

पुलिस के मुताबिक़ लड़की के लापता होने के बाद उसके पिता को इसी वीडियो के आधार पर अल्ताफ़ पर शक हुआ और उन्होंने थाने में उसे नामजद करते हुए अपने बेटी के अपहरण का मुक़दमा दर्ज कराया था। पुलिस अभी तक इस लड़की का पता नहीं लगा सकी है।

ये हुए निलंबित

एसपी बोत्रे रोहन प्रमोद ने लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, दारोगा चंद्रेश गौतम व विकास कुमार, हेड मुहर्रिर घनेंद्र और सिपाही सौरभ सोलंकी को निलंबित किया है।

मृतक के परिजन ने पुलिस पर लगाया आरोप

उधर, मृतक के परिजन ने आरोप लगाया है कि पुलिस की ओर से बेरहमी से पीटे जाने की वजह से उसकी मौत हुई है। एसपी ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोपी पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। युवक के शव का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है।


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