मुसलमानों को ऐसे दिखाती हैं फिल्में, वॉल्ट डिज्नी बदलेगी ट्रेंड

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फिल्म निर्माण में मुसलमानों को शामिल करने को बढ़ावा देने के लिए वॉल्ट डिज़नी कंपनी के समर्थन से एक पहल शुरू की गई है। मुस्लिम आर्टिस्ट डेटाबेस प्रोजेक्ट नाम की इस पहल का ऐलान मंगलवार को शिकागो में पिलर्स फंड ने किया। इस साल जारी दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय एनेनबर्ग समावेशन पहल की रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें पाया गया कि पॉपुलर फिल्मों में मुसलमानों को शायद ही कभी लिया जाता है। दिखाते भी हैं तो मुस्लिम पात्र को हिंसा से जुड़ा किरदार दिया जाता है या फिर मुस्लिम पात्र सिर्फ नकारात्मक ही दिखता है। (Walt Disney Change Trend)

पिलर्स के सह-संस्थापक व चेयरमैन काशिफ शेख ने कहा कि जब समूह ने रिपोर्ट के नतीजों को लेकर पर चर्चा की तो पता चला कि फिल्म उद्योग के लोग अक्सर कहते मिले कि उन्हें मुस्लिम लेखकों और अभिनेताओं के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं है कि उनको कहां तलाशा जाए।

शेख ने कहा, रिपोर्ट के डेटाबेस का मकसद मुस्लिम अभिनेताओं, निर्देशकों, छायाकारों, ध्वनि तकनीशियनों और अन्य लोगों को मौका देना और इस मौके के लिए जमीन तैयार करना है, जो इस क्षेत्र में हाथ आजमाने को तैयार हैं। ऑनलाइन प्रोफाइल के जरिए फिल्म, टेलीविजन और स्ट्रीमिंग प्रोडक्शंस के लिए भर्ती करने वालों के लिए वे दिखाई देंगे।

इस तरह मुसलमान अपनी प्रतिभा विशेषज्ञता के बारे में बात करने में सक्षम होंगे। यह असल में फिल्म उद्योग के लिए अहम संसाधन हो सकता है, जिस पर गौर नहीं किया गया। (Walt Disney Change Trend)

रिपोर्ट, “मिसिंग एंड मालिग्न्ड”, जून में जारी की गई थी, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2017 से 2019 के बीच रिलीज़ हुई 200 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों का विश्लेषण किया गया।

रिपोर्ट में सामने आया कि 8965 पात्रों में से महज 1.6 प्रतिशत ही मुस्लिम थे। बीते समय में बनाई गई फिल्मों में 60 फीसद से ज्यादा छोटे रोल में मुस्लिम पात्र दिखाई दिए। ऑस्ट्रेलिया में इस दरम्यान बनी तीन फिल्मों में 40 प्रतिशत से कम भूमिका मुस्लिम पात्रों की दिखाई दी, जिसमें ज्यादातर पात्र और “एकमात्र मुस्लिम लीड” फिल्म “अली की शादी” में दिखे।

इंक्लूजन इनिशिएटिव और ब्रिटिश अभिनेता रिज़ अहमद और उनकी प्रोडक्शन कंपनी लेफ्ट हैंडेड फिल्म्स के साथ पिलर्स ने “द ब्लूप्रिंट फॉर मुस्लिम इंक्लूजन” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की, जिसका मकसद “मुसलमानों को स्क्रीन पर चित्रित करने के तरीके को मौलिक रूप से बदलना” था। (Walt Disney Change Trend)

शेख ने कहा, रिपोर्ट जारी करने से पहले ही पिलर्स ने डिज्नी के साथ बातचीत शुरू कर दी थी, जिसने 20 हजार डॉलर का अनुदान देने के साथ ही डेटाबेस के निर्माण का समर्थन किया।

डिज़नी के वाइस प्रेसीडेंट और चीफ डायरवर्सिटी ऑफिसर लैटोंड्रा न्यूटन ने एक बयान में कहा कि हमारा समर्थन “कम प्रतिनिधित्व वाली आवाज़ों और अनकही कहानियों को बढ़ाने के लिए” चल रही कोशिश का हिस्सा था। “हम नए मुस्लिम कलाकारों के डेटाबेस में सहयोग के लिए गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। ।”

यह पिछले सप्ताह डिज्नी की ओर से जारी की गई गाइडलाइन, “द टाइम इज़ नाउ: द पावर ऑफ़ नेटिव रिप्रेजेंटेशन इन एंटरटेनमेंट” की घोषणा का भी हिस्सा है, जो डिज्नी और गैर लाभकारी समूह इलूम्नी नेटिव के बीच साझेदारी के बाद जारी की गई। यह समूह अमेरिकन समाज में स्क्रीन पर “मूलनिवासियों” की सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश करता है।

पिलर्स और इल्यूमिनेटिव प्रोजेक्ट्स का समर्थन कर डिज्नी ने विविधता को बढ़ावा देने का उत्साह पैदा कर दिया है, जबकि यह शिकायत अक्सर रही है कि हॉलीवुड महिलाओं, ब्लैक लोगों और विकलांगों को बहुत कम मौका देता है।

दशकों पहले डिज्नी के मशहूर निर्माण, “सॉन्ग ऑफ़ द साउथ” और “डंबो” की भी नस्लवादी कल्पना के आधार पर आलोचना हो चुकी है, जिसमें नस्लवादी कैरिकेचर को दिखाया गया था।

डिज्नी ने एनिमेटेड फिल्म “अलादीन” पर ऑस्कर जीता था, जिसे 1992 में रिलीज़ किया गया था। इसमें भी श्वेत की आवाज डाली गई थी और एक शुरुआती गीत था: “वे तुम्हारे कान काट लेंगे/ अगर उन्हें तुम्हारा चेहरा पसंद नहीं है/ वे बर्बर हैं, लेकिन सुनो, यह उनका घर है।”

डिज्नी ने 1993 में अमेरिकी-अरब भेदभाव-विरोधी समिति के सदस्यों की आपत्तियों के बाद कान काटने वाले शब्दों को हटा दिया लेकिन “बर्बर” शब्द फिर भी बना रहा। (Walt Disney Change Trend)

हालांकि, बीते बरसों में कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष रॉबर्ट इगर ने विविध कास्टिंग और कहानी पर जोर दिया है, जो कई प्रोजेक्ट में दिखा भी है।

2018 में रिलीज़ हुई डिज़नी-मार्वल सुपरहीरो ब्लॉकबस्टर “ब्लैक पैंथर” में लगभग सभी ब्लैक लोग थे और डायरेक्टर भी ब्लैक थे। मार्वल ने 2019 में घोषित फिल्मों और स्ट्रीमिंग सर्विस शो में कैमरे के दोनों ओर विविधता पर जोर दिया है।

जब डिज्नी ने 2019 में “अलादीन” का लाइव-एक्शन रीमेक जारी किया, तो शुरुआती गीत में “बर्बर” की जगह “अराजक” शब्द कर दिया गया।

(साभार: यह लेख मूल रूप से न्यूयॉर्क टाइम्स में अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ है)

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