अफगानिस्तान में कब्जे की जंग में हजारों की जानें जा चुकी हैं और हजारों बेघर हो चुके हैं, यह सिलसिला जारी है। बुनियादी ढांच ध्वस्त हो गया है, फोन लाइनें बंद हैं। केवल बम, गोलें, रॉकेट, मोर्टार, राइफलों, तोपों की आवाजें गूंज रही हैं। कौन सा शहर किसके कब्जे में है, इसकी पुष्टि करना मुश्किल है। अभी कंधार और हेरात में तालिबानी कब्जे की खबर आई। इतना ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि ज्यादातर देश पर तालिबान काबिज हो चुके हैं और बचे हुए हिस्से को कब्जे में लेने को खूंख्वार होकर ताबड़तोड़ हमलों को अंजाम दे रहे हैं, चाहे किसी की भी जान जाए, कितना भी खून बहे।
अफगानिस्तान सरकार का तो यह भी दावा है कि अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, टीटीपी, आईएमयू, ईटीआईएम और आईएसआईएल सहित 20 समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 10,000 विदेशी दहशतगर्द अफगानिस्तान में दाखिल हो गए हैं, जो तालिबानों के पक्ष से खूनी खेल खेल रहे हैं।
तालिबान के इस आक्रामण रुख से घबराकर अमेरिका ने हजारों सैनिकों की छुट्टी रद कर तीन हजार को काबुल भेजने का फैसला लिया है, जबकि हजारों को तैयार रहने को कहा है। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी के हवाले से एक पत्रकार ने सूचना जाहिर की है कि 3000 सैनिकों को भेजा जाएगा, जो नागरिकों को बाहर निकालेंगे और उन अफगानियों को भी बाहर निकलने में मदद देंगे, जिन्होंने अमेरिका की मदद की है। विडंबना यह है कि अमेरिका ने पिछले दिनों जो सैन्य दल अफगानिस्तान से वापस बुलाए, वे 2500 थे।
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पेंटागन प्रवक्ता किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, तीन पैदल सेना बटालियन भेजने के अलावा, दो मरीन कॉर्प्स से और एक सेना से भेजे जा रहे हैं। पेंटागन 82वें एयरबोर्न डिवीजन के एक लड़ाकू ब्रिगेड से 3,500 से 4,000 सैनिकों को कुवैत में एक रिजर्व बल भेजेगा। स्थिति खराब होने पर स्टैंडबाय पर रहने के लिए उत्तरी कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग से लगभग 3,500 अतिरिक्त अमेरिकी सैनिकों को भेजा जाएगा। काबुल जाने वाले 3,000 लोगों के अलावा जरूरत हुई तो हालात देखे जाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि ये सैनिक तालिबान से लड़ने नहीं जा रहे।
अमेरिका सैन्य पुलिस और चिकित्सा कर्मियों सहित लगभग 1,000 सैनिकों को आने वाले दिनों में कतर भेजेगा, ताकि अफगानी विशेष अप्रवासी वीजा आवेदनों में तेजी लाने के विदेश विभाग की मदद कर सके। ब्रिटेन ने भी कहा है कि वह अपने नागरिकों और स्थानीय मददगारों को बाहर निकालने में मदद को लगभग 600 सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा।
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कंधार और हेरात तालिबानी कब्जे की सूचना एसोसिएटेड प्रेस समेत प्रमुख मीडिया ने दी थी। तालिबान प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में एक लड़ाका कहता दिख रहा है, “जैसा कि आप देख सकते हैं, हम अभी हेरात पुलिस मुख्यालय के अंदर हैं।”
इससे पहले गुरुवार को तालिबान ने राजधानी से करीब 150 किमी (90 मील) दक्षिण-पश्चिम में कंधार-से-काबुल मार्ग पर स्थित गजनी पर कब्जा कर लिया था।
बुधवार को एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने अमेरिकी खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि तालिबान 30 दिनों में काबुल को बाकी देश के हिस्से से अलग कर सकता है और अनुमान है कि 90 दिन के अंदर कब्जे में ले सकता है।
11 सितंबर को अमेरिका के ट्विन टॉवर पर हमलों के बाद अमेरिका ने तालिबान को अफगानिस्तानी सत्ता से बेदखल कर दिया था। अब दो दशक बाद राष्ट्रपति जो बिडेन ने जब अमेरिकी सैनिकों की वापसी का फैसला लिया तो तालिबान हिंसक हमलावर हो गए।
बाइडेन ने मंगलवार को कहा कि उन्हें अपने फैसले पर पछतावा नहीं है। वाशिंगटन ने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध में 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च किया और हजारों सैनिकों की जान गंवाई। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अफगान बलों को जरूरी हवाई सहायता, भोजन, उपकरण और वेतन की मदद जारी रखेगा।
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