तालिबान ने सरकारी मीडिया चीफ को गोली से उड़ाया

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अमेरिका और नाटो सैन्य दलों की वापसी होते ही अफगानिस्तान में तालिबान खूंख्वार होकर सत्ता पर काबिज होने को अंधाधुंध खूनखराबे पर आमादा हैं। रायटर के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के बाद अब उन्होंने अफगानिस्तान के सरकारी मीडिया चीफ की गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात को जुमे की नमाज के वक्त अंजाम दिया गया।

तालिबानों के निशाने पर सरकारी अधिकारी, मीडियाकर्मी से लेकर न्यायाधीश से लेकर वे सभी लोग हैं, जिन्होंने बर्बर सत्ता का समर्थन नहीं किया।तालिबान ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के सरकारी सूचना मीडिया केंद्र के निदेशक की गोली मारकर हत्या कर दहशत का माहौल बना दिया। इस ठीक कुछ दिन पहले ही एक सरकारी अधिकारी की हत्या की गई, जबकि कार्यवाहक रक्षामंत्री की हत्या की कोशिश की गई।

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तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि समूहों के लड़ाकों ने दावा खान मेनपाल को मार डाला, जो स्थानीय और विदेशी मीडिया के लिए सरकार के प्रेस अभियान चलाते थे।

मुजाहिद ने बाद में जारी एक बयान में यह भी कहा कि मेनपाल “मुजाहिदीन के एक विशेष हमले में मारा गया ” और उसे “उसके कामों के लिए दंडित किया गया।

गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता हामिद रुशान ने कहा कि मेनपाल की हत्या साप्ताहिक जुमे की नमाज के वक्त हुई। यह स्पष्ट नहीं है कि शूटिंग के समय मेनपाल कहां था।

इससे पहले मंगलवार देर रात, अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री को निशाना बनाकर की गई तालिबान बमबारी में कम से कम आठ लोग मारे गए और 20 लोग घायल हो गए थे, हमले में रक्षामंत्री बाल-बाल बचे।

इस बमबारी सुरक्षाबलों की तालिबार लड़कों से मुठभेड़ हुई, जिसमें चार आतंकवादी भी मारे गए।

तालिबान ने ऐलान किया है कि ग्रामीण प्रांतों में सरकारी हमलों के दौरान मारे गए अपने लड़ाकों का बदला ले रहा है।

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तालिबान द्वारा सरकारी अधिकारियों की हत्या असामान्य नहीं है, यह आम बात हो चुकी है। नागरिकों के खिलाफ हाल के कई हमलों का दावा इस्लामिक स्टेट ने किया। सरकार अक्सर तालिबान को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन हालात काबू से बाहर हो चुके हैं।

तालिबान और अफगानिस्तान के सरकारी बलों के बीच युद्ध पिछले कुछ महीनों में तेज हो गया है, क्योंकि यूएस और नाटो सैनिकों ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से वापसी पूरी कर ली है। इस बीच छोटे प्रशासनिक जिलों को अपने कब्जे में लेने के बाद तालिबान अब प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।


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