अफगानिस्तान के टीवी चैनल में काम करने वाली तीन महिला पत्रकारों की गोली मारकर हत्या के दो दिन संदिग्ध आतंकियों ने महिला डॉक्टर को निशाना बनाकर मौत के घाट उतार दिया।
गुरुवार को पूर्वी अफगान के शहर जलालाबाद में बम धमाके में एक महिला डॉक्टर की मौत हो गई, जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया।
प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता के अनुसार, वाहन में मैग्नेट बम लगाकर महिला डॉक्टर को निशाना बनाया गया।
“वह एक रिक्शा में आ रही थीं जब विस्फोट हुआ।” प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया।
प्रांतीय अस्पताल के प्रवक्ता ने भी घटना और मौत की पुष्टि की।
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इस बार भी किसी भी समूह ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है। दो दिन पहले भी जलालाबाद में तीन महिला मीडियाकर्मियों को गोली मारकर हत्या की घटना पर भी किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली थी।
पुलिस ने एक संदिग्ध को मौके से भागने की कोशिश करने पर गिरफ्तार कर उसके तालिबान से जुड़े होने का दावा किया था। यह भी कहा कि पकड़े गए संदिग्ध ने खुद ही हमले को अंजाम देने और तालिबान से जुड़े होने की बात स्वीकारी है।
बाद में इस्लामिक स्टेट से जुड़े स्थानीय समूह ने कहा कि उसके बंदूकधारियों ने इस हत्या को अंजाम दिया, क्योंकि “अफ़गानिस्तान सरकार के वफादार मीडिया स्टेशन के लिए तीनों पत्रकार काम करती थीं।
अफगान और अमेरिकी अधिकारी हिंसा की इन वारदातों के लिए तालिबान को दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि तालिबान इस आरोप को खारिज करता रहा है।
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बहरहाल, खुफिया अधिकारियों ने शांति वार्ता में बातचीत में महिला पेशेवरों के खिलाफ नए सिरे से खतरे को शामिल कर लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान के पांच साल के शासन में महिलाओं पर सख्त पाबंदियां लगाई गईं थीं। जब उनके शासन को बलपूर्वक खत्म कर दिया गया तो उनके बाहर जाकर काम करने को रोकने के लिए हत्याएं हो रही हैं।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बिडेन के प्रशासन ने तालिबान के साथ हस्ताक्षरित समझौते की समीक्षा करने की घोषणा के बाद हमले तेज होने की आशंका से दहशत है। उन्होंने मई तक अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने को अमल में लाने को कहा है।
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