पूर्वी अफगानिस्तान में तीन महिला मीडियाकर्मियों की गोली मारकर हत्या

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सियासी अराजकता की आग में झुलस रहे अफगानिस्तान में अज्ञात हत्यारे ने तीन महिला मीडियाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी।

एनिकास टीवी के निदेशक ज़ल्मई लतीफी ने कहा कि दफ्तर से पैदल घर जाते समय दो अलग-अलग जगह पर महिला कर्मचारियों पर गोली चलाई गई। नांगरहार के प्रांतीय अस्पताल के प्रवक्ता ज़हीर अदेल ने मौत की पुष्टि की।

किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर उसके तालिबान से जुड़े होने का दावा किया है।

नंगरहार के पुलिस प्रमुख जुमा गुल हेमत ने कहा कि एक सशस्त्र संदिग्ध को बाद में गोलीबारी के बाद हिरासत में लिया गया। वह भागने की कोशिश कर रहा था। पकड़े गए संदिग्ध ने माना है कि उसने हमले को अंजाम दिया और वह तालिबान का सदस्य है। जबकि तालिबान के प्रवक्ता ने हत्याओं में समूह का कोई हाथ होने से इनकार किया है।

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गौरतलब है, पत्रकारों, धार्मिक शख्सियतों, सामाजिक कार्यकर्ताओं लेकर जजों तक की हत्या की एक के बाद एक वारदातों ने पूरे अफगानिस्तान में दहशत फैला दी है। इस माहौल के चलते तमाम अहम लोग भूमिगत हो गए हैं या फिर देश ही छोड़ दिया है।

दशकों से जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए अफगान सरकार और तालिबान के बीच पिछले साल शांति वार्ता शुरू हुई। उसके बाद से हत्याओं का सिलसिला बढ़ा है। इस हिंसा का ठीकरा अफगान और अमेरिकी अधिकारी तालिबान फोड़ रहे हैं, जबकि तालिबान इन आरोपों से इनकार करता रहा है।

अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने तालिबान से बातचीत शुरू की थी और पिछले साल 29 फरवरी को कतर में समझौता हुआ।

समझौते में 11 मई 2001 के अमेरिकी आक्रमण के समय से वहां मौजूद अमेरिकी सैनिकों की मई तक वापसी भी शामिल है।

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