Thursday, October 17, 2024
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ट्रेन में जीशान की मौत, 5 घंटे समझाती रही पुलिस, मां-बाप को नहीं हुआ भरोसा-बोले जिंदा है बेटा

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द लीडर : दिल्ली से बिहार लौटने के दौरान 15 साल के मुहम्मद जीशान की बरेली पहुंचने पर ट्रेन में मौत हो गई. बेटे की मौत से मां-बाप बेसुध हो गए. और इस बात पर यकीन करने को राजी नहीं कि अब उनका बेटा दुनिया में नहीं रहा है. तीन डॉक्टरों ने जीशान को मृत घोषित कर दिया. इसके बावजूद पांच घंटे तक पुलिस परिवार को समझाती रही कि बच्चे की मौत हो गई है.

जब परिवार नहीं माना तो पुलिस ने शहर के समाजसेवी नदीम कुरैशी को बुलाया. बच्चे के माता-पिता ने उनसे दरगाह पर ले चलने की गुजारिश की. ये कहते हुए कि बेटा अभी जिंदा है.

नदीम कुरैशी परिवार को शहर के किला स्थित झंडा शरीफ लेकर गए. पुलिस भी साथ गई. बेटे के गम में मां-बाप बिलखते रहे. झंडा शरीफ जाकर परिवार को सब्र आया कि उनका बेटा नहीं रहा. इसके बाद पुलिस उन्हें जिला अस्पताल ले गई और शव को मोर्चरी में रखवा दिया.

नदीम कुरैशी बताते हैं कि मुहम्मद रईस बिहार के रहने वाले हैं. वह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में बेटे का इलाज कराने गए थे. जहां से शनिवार को वापस बिहार लौट रहे थे कि रास्ते में बच्चे की मौत हो गई.


ब्रिटिश जज की टिप्पणी पर बोले जस्टिस काटजू : मेरा कोई पर्सनल एजेंडा नहींं, न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने का इरादा


 

ब्रिटिश जज की टिप्पणी पर बोले जस्टिस काटजू : मेरा कोई पर्सनल एजेंडा नहींं, न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने का इरादा

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जस्टिस मार्केंडय काटजू


 

नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण कार्यवाही से जुड़े मेरे बयान और उस पर ब्रिटिश जज की टिप्पणी से, इंग्लैंड में मेरी काफी आलोचना हुई. बेशक, ब्रिटिश जज अपनी राय के हकदार हैं. लेकिन मैं भी यहां सीधे रिकॉर्ड रखना चाहूंगा.

मैंने, ब्रिटिश जज के सामने ऐसा कुछ भी नहीं कहा कि नीरव मोदी अपराधी हैं या नहीं. यह ट्रायल का विषय है. मैंने जो कहा, वो ये कि वह भारत में निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद नहीं कर सकता. इसलिए क्योंकि, भारतीय न्यायपालिका ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. जितनी निष्पक्षता की उम्मीद उससे की जाती है, अब उतनी नहीं रही. पहले के कुछ लेखों में इसके कारणों पर बात कर चुका हूं. कुछ दूसरे रिटायर जजों के बयान भी हैं.

पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने के फौरन बाद राज्यसभा में उनकी नियुक्ति भी इसका एक सुबूत है. हाल ही में एक समारोह में सुप्रीमकोर्ट के एक सिटिंग जज, जस्टिस एमआर शाह और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विक्रमनाथ ने प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ की. क्या ये कार्यपालिका के सामने बेशर्मी जैसा नहीं है.


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दिल्ली और मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि न्यायपालिका ने नागरिकों के मौलिक अधिकारों का संरक्षण करने के अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया है.

कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद नीरव मोदी को एक बड़ा अपराध बता चुके हैं. इससे जुड़ा वीडियो यू-ट्यूब पर देखा जा सकता है. इसलिए नीरव मोदी की ट्रायल और मुकदमे से पहले ही निंदा कर चुकी है. चूंकि दोषी साबित होने तक निर्दोष होने का भी अनुमान रहता है.

ब्रिटिश जज ने कहा कि मेरा कोई पर्सनल एजेंडा है. ये बात पूरी तरह से असत्य है. मैं न तो किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य रहा और न ही ऐसा कोई इरादा रखता हूं.


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दूसरी बात-जो ब्रिटिश जज ने कही-मैंने कई जजों के खिलाफ बयान दिए हैं. हां, मैंने गोगोई और कुछ दूसरे जजों के खिलाफ बात की है, जिन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष होने के बजाय देश की सत्तारूढ़ पार्टी की ओर झुकाव किया. ऐसा करके उन्होंने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.

ब्रिटिश जज ने अपने आदेश में, मेरे द्वारा पेश की गई सामग्री पर नजर रखी है. एक इसके सिवाय बिना सोच-विचार के झूठी टिप्पणियां की हैं. क्या मैंने न्यायपालिका को बदनाम क्या है, या न्यायपालिका ने अपने व्यवहार से खुद को बदनाम किया है?


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नोट-(ये लेख जस्टिस मार्केंडय काटजू ने लिखा है, जो सुप्रीमकोर्ट के जज और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे हैं. अंग्रेजी के उनके लेख का ये हिंदु अनुवाद है. व्यक्त विचार निजी हैं.)

चुनावी बसंत छोड़कर जम्मू में जुटे कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 के नेता, बोले कमजोर हो रही कांग्रेस

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द लीडर : पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ऐसे में जब कांग्रेस (Congress) को इन चुनावी राज्यों में मजबूती के साथ लड़ने की योजना पर काम करना चाहिए. तब, उसके असंतुष्ट (Unsatisfied Leaders) जी-23 नेताओं का एक समूह जम्मू में इकट्ठा होता है. और कांग्रेस की कमजोरी का एहसास बयान करता है. चुनावी बसंत में पार्टी हाईकमान से इस कदर असहमति का जगजाहिर होना, यकीनन उसकी कमजोरी का ही सुबूत है. (Unsatisfied Congress Leader Jammu)

शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तमिलनाडु के दौरे पर थे. जब वे भाजपा और आरएसएस (BJP, RSS) पर देश की संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद किए जाने का आरोप लगा रहे थे. ठीक उसी समय कांग्रेस के जी-23 नेता जम्मू के शांति सम्मेलन में सिर पर भगवा साफा बांधकर पार्टी नेतृत्व की कमजोरियां बयां कर रहे थे.


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गांधी ग्लोबल फैमिली-एनजीओ-जिसके प्रमुख, पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद बताए जाते हैं, कि ओर से ये सम्मेलन बुलाया गया था. इसमें पार्टी नेताओं ने गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित न किए जाने पर हैरानी भरी चिंता जताई.

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि, इसमें कोई दोराय नहीं कि आज हमें कांग्रेस पार्टी कमजोर होती नजर आ रही है. हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद संसद से कभी आजाद हो पाएं. उनके पास सभी मंत्रालय संभालने का तजुर्बा है. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही है.

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि किसी खिड़की या रोशनदान से नहीं आए हैं. हम छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में दाखिल हुए. मैंने, ये हक किसी को नहीं दिया कि वो मुझे बताएं-मैं कांग्रेसी हूं या नहीं. हम बता सकते हैं कि कांग्रेस क्या है. हम लोगों में से कोई भी ऊपर से नहीं आया है. बोले-दो भाई अलग-अलग विचार रखते हों. इसका मतलब ये नहीं कि घर टूट जाएगा.


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वहीं, यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अभिनेता रहे राज बब्बर ने कहा कि लोग कहते हैं कि जी-23. मैं कहता हूं गांधी-23. महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था. कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए पूरी ताकत के साथ खड़ी है. जी-23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने. और इसी मकसद के साथ हम लोग यहां जमा हुए हैं.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले पांच-छह सालों से मेरे ये सभी दोस्त जम्मू-कश्मीर को लेकर, बेरोजगारी, राज्य का दर्जा खत्म किए जाने, शिक्षा आदि मुद्​दों पर बोलते रहे हैं. हम समान रूप से सबकी इज्जत करते हैं और यही हमारी ताकत है. इसे हम आगे भी जारी रखेंगे. (Unsatisfied Congress Leader Jammu)

पिछले साल भी कांग्रेस के इसी धड़े से पार्टी हाईकमान को लेकर सवाल उठाए गए थे. सम्मेलन में पार्टी नेताओं ने उस बात पर भी चिंता जताई कि राज्यसभा से रिटायर होने पर पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को वो सम्मान नहीं दिया. जिसके वे हकदार थे. (Unsatisfied Congress Leader Jammu)

देश की संस्थाओं पर पिछले 6 साल से व्यवस्थित तरीके से हो रहा हमला : राहुल गांधी

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द लीडर : चुनावी राज्य तमिलनाडु में राजनीतिक मंच सजने लगे हैं. 6 अप्रैल को 234 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी तमिलनाडु दौरे पर हैं. शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के साथ आरएसएस पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब संस्थाओं के बीच संतुलन बिगड़ता है तो देश अशांत हो जाता है. दुर्भाग्य से पिछले 6 सालों से सभी संस्थाओं पर व्यवस्थित तरीके से हमला किया जा रहा है. दुख है-भारत में लोकतंत्र मर गया है. राहुल गांधी ने इसका आरोप एसएसएस पर मढ़ा. यह कहते हुए कि ये एक संस्था है जो हमारे देश का संस्थागत संतुलन बिगाड़ और बर्बाद कर रही है. (Institutions Systematically Attacked Rahul Gandhi)

इससे पहले भी राहुल गांधी देश में लोकतंत्र की मौत की बात कह चुके हैं. शनिवार को तमिलनाडु के तूतूकुड़ी पहुंचने पर राहुल का जोरदार स्वागत किया गया. राज्य की 234 सीटों पर एक ही दिन यानी छह अप्रैल को मतदान होगा. और दो मई को परिणाम आएगा.

राहुल गांधी ने कहा कि, धर्मनिरपेक्षता हमारी संस्कृति और इतिहास की नींव है. आज देश की धर्मनिरपेक्षता पर हमला हो रहा है. और आरएसएस-भाजपा इसका नेतृत्व कर रहे हैं. ये केवल संविधान पर हमला नहीं, बल्कि भारतीय इतिहास और उसकी संस्कृति पर प्रहार है. जिसे रोकना बेहद जरूरी है.


चुनाव आयोग : बंगाल समेत पांच राज्यों में 27 मार्च से डाले जाएंगे वोट और 2 मई को जारी होंगे नतीजे


 

उन्होंने कहा कि चीन ने भारत के कुछ रणनीतिक इलाकों पर कब्जा किया है. पहले उन्होंने डोकलाम में अपने विचार को आजमाया. देखा, कि भारत से कोई प्रतिक्रया आती है या नहीं. इसके बाद उन्होंने वो आइडिया लद्​दाख और अरुणाचल प्रदेश में दोहराया. राहुल ने कहा कि देपसांग से हमारी जमीन वापस नहीं आएगी.

महंगाई को लेकर कसा तंज

राहुल गांधी ने शनिवार को एक ट्वीट कर महंगाई के मुद्​दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने लिखा-ऐसी कोई जगह है जहां रोजमर्रा की जरूरत का सामान मिलता हो और वहां जाकर आपको ऐसा न लगे कि सरकार आपको लूट रही है?

मूछों को ताव देती चंद्रशेखर आजाद की वो तस्वीर कैसे ली गई, जानते हैं?

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वीडियो :आजादी के नायक चंद्रशेखर आजाद की एक तस्वीर जो छोटे-छोटे गांव कस्बों की दुकानों, मेलों में बड़ी आसानी से नजर आ जाती है. जिसमें आजाद अपनी मूछों को ताव देते नजर आते हैं. आजाद, जिनकी पिस्तौल और अचूक निशाने से अंग्रेज अफसर खौफ खाते थे. जानते हैं कि मूंछों को ताव देती तस्वीर कैसे ली गई थी. इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है. दूसरा, चंद्रशेखर आजाद की शहादत के बाद अंग्रेजी सेना का क्या रिएक्शन था. लंदन से पिस्तौल लौटाने के एवज में अंग्रेज अफसर ने भारत के सामने क्या शर्त रखी थी? क्रांतिकारी साहित्य लेखन के लिए मशहूर साहित्यकार सुधीर विद्यार्थी बता रहे हैं कि चंद्रशेखर आजाद की वो अनगिनत खूबियां.

ट्रैक्टर रैली : दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा कि किसान नवरीत की मौत खून बहने और सदमे से हुई

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द लीडर : दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड में मारे गए किसान नवरीत की मौत को लेकर दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को अवगत कराया है. पुलिस ने कहा है कि नवरीत का ट्रैक्टर पलट गया था. सिर में चोट लगने के कारण सदमे और रक्तस्राव के चलते मौत हुई, न कि पुलिस की गोली से. दरअसल, मृतक परिवार की ओर से ये आरोप लगाया गया था कि नवरीत की मौत पुलिस की गोली से हुई है.

नवरीत यूपी के रामपुर जिले के रहने वाले थे. वे हादसे से कुछ दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटे थे. और यहां किसान आंदोलन में भाग लेने दिल्ली गए थे. ट्रैक्टर रैली में हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान नवरीत का ट्रैक्टर पलट गया था. इसके कुछ वीडियो भी सामने आई थी. इसी हादसे में उनकी मौत हो गई थी.

नवरीत की मौत के कारणों को लेकर कुछ पत्रकारों ने भी सवाल उठाए थे. और कहा था कि उनकी मौत गोली लगने से हुई है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये गोली से मौत का तथ्य सामने नहीं आया है.


#AMU : लापता छात्र अशरफ का चौथे दिन भी नहीं लगा कोई सुराग, एक बार दिल्ली में मिली लोकेशन और फिर रहस्य


इसको लेकर पुलिस ने कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे में भी दर्ज किए थे. जिसमें वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, सिद्धार्थ वरदराजन, जफर आगा, कांग्रेस नेता शशि थरूर, इस्मत आरा समेत अन्य लोग शामिल हैं.

चुनाव आयोग : बंगाल समेत पांच राज्यों में 27 मार्च से डाले जाएंगे वोट और 2 मई को जारी होंगे नतीजे

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द लीडर : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखों का ऐलान कर दिया है. पांचों राज्यों में विधानसभा की 824 सीटें हैं. इन पर कुल आठ चरणों में वोट डाले जाएंगे. पहले चरण के लिए 27 मार्च को मतदान होगा. और आखिरी चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनावों की घोषणा करते हुए कहा कि चुनाव अधिकारियों का टीकाकरण कराया जाएगा.

जिन पांच राज्यों में चुनाव होना है, उनमें बंगाल के अलावा तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी शामिल हैं. चुनाव के लिए लिहाज सबसे बड़ा राज्य बंगाल है, जहां विधानसभा की 294 सीटे हैं. और तमिलनाडु में 234, केरल में 140 सीटें हैं.

बंगाल में दूसरे चरण के लिए एक अप्रैल, तीसरा चरण-6 अप्रैल, चौथा-10 अप्रैल, पांचवां चरण-17 अप्रैल, छठा चरण 22 अप्रैल, सातवां चरण 26-अप्रैल और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को ममदान होगा.


#AMU : लापता छात्र अशरफ का चौथे दिन भी नहीं लगा कोई सुराग, एक बार दिल्ली में मिली लोकेशन और फिर रहस्य


 

पुडुचेरी और तमिलनाडु, केरल में छह अप्रैल को चुनाव होंगे और दो मई को मतगणना होगी. जबकि असम में तीन चरणों में चुनाव होंगे. ये तारीखें हैं- 27 मार्च, एक और 6 अप्रैल. असम में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 है.

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है. वहीं डोर-टू-डोर अभियान में पांच से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे.

दक्षिण के तीन राज्यों में एक ही दिन चुनाव

दक्षिण भारत के तीन राज्य, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक ही दिन यानी 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. खास बात ये है कि तमिलनाडु में 234 सीटें हैं और यहां एक दिन ही चुनाव कराने का फैसला किया गया है. ये पहला मौका है जब तमिलनाुड के दिग्गज नेता एम करुणानिधि और जयललिता के बिना चुनावी मैदान सजा होगा.

बंगाल में पूरी दमखम से डटी भाजपा

पांच राज्यों में सबसे दिलचस्प चुनाव बंगाल का है. केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा, बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ पूरे दमखम से मैदान में उतरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर अन्य प्रमुख नेता लगातार बंगाल की जनता से मुखातिब हो रहे हैं. भाजपा में दूसरी लेयर के नेता भी बंगाल की जनसभाओं को संबोधित करने पहुंच रहे हैं.


मजदूरों के लिए लड़ने वाली 23 साल की नोदीप कौर को डेढ़ महीने बाद मिली जमानत, किन संगीन धाराओं में बंद थीं, जानते हैं


 

#AMU : लापता छात्र अशरफ का चौथे दिन भी नहीं लगा कोई सुराग, एक बार दिल्ली में मिली लोकेशन और फिर रहस्य

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अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के छात्र अशरफ अली मंगलवार से लापता हैं. अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. इसको लेकर साथी छात्रों में गम और आक्रोश बढ़ने लगा है. शुक्रवार को छात्रों ने सर सय्यद हॉल में बैठक कर प्रॉक्टर के समक्ष मांग रखी. प्रॉक्टर ने पुलिस के हवाले से छात्रों को यकीन दिलाया कि अगले 10 घंटे में अशरफ को ढूंढ लिया जाएगा. (AMU Missing Student Ashraf Delhi)

बिहार के अररिया जिले के रहने वाले अशरफ बीए स्पैनिश में अंतिम वर्ष के छात्र हैं. वो एएमयू के साउथ ब्लॉक हॉस्टल में रहते हैं. मंगलवार की दोपहर से अशरफ गायब हैं. रात को अन्य साथियों को जब इसकी भनक लगी तो वे सक्रिय हुए और ट्वीट के जरिये पुलिस तक बात पहुंचाई. बुधवार को प्रॉक्टरियल बोर्ड की ओर से पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी.


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पुलिस के मुताबिक अशरफ की लोकेशन दिल्ली में ट्रेस हुई थी, जहां उनका मोबाइल 50 सेकेंड के लिए ऑन हुआ था. उसके बाद फिर फोन बंद हो गया. इस सुराग पर पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी जा चुकी है.

छात्रों की ओर से सोशल मीडिया पर #WhereIsAshrafAliअभियान चलाया जा रहा है.

एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अहमद ने ‘द लीडर‘ को बताया कि एक बार अशरफ की लोकेशन दिल्ली के आनंद बिहार में ट्रेस हुई. उसके आधार पर पुलिस की एक टीम पहले से दिल्ली में है, दूसरी टीएम आज फिर रवाना हुई है. दिल्ली में अशरफ के परिचितों से भी संपर्क किया जा रहा है.

हालांकि अभी तक कोई और लीड नहीं मिल पाई है. लापता होने से पहले अशरफ ने जिन नंबरों पर बात की, उनसे भी कोई प्रगति नहीं मिली है. (AMU Missing Student Ashraf Delhi)


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प्रॉक्टर वसीम अहमद बताते हैं कि एक बात जरूर सामने आई कि अशरफ वाट्स-एप ज्यादा वक्त तक एक्टिव रहते थे. संबंधि‍त कंपनी से उसकी डिटेल भी मांगी गई है. उन्होंने कहा कि अशरफ के अभिभावक भी आज ही अलीगढ़ पहुंचे हैं. शाम तक उनसे बात होगी.

इसी सिलसिले में अभी फिर एसएसपी से मुलाकात करने जा रहे हैं. वह बताते हैं कि जिला और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच इस व‍िषय पर लगातार संवाद बना है और छात्र को तलाशने की कोशिशें जारी हैं. (AMU Missing Student Ashraf Delhi)

महंगाई : साईकिल से विधानसभा पहुंचे तेजस्वी, शशि थरूर ने खींचा ऑटो रिक्शा

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द लीडर : डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष ने शुक्रवार को एक फिर अपना विरोध जताया है. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव साईकिल से विधानसभा पहुंचे. वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम में ऑटो रिक्शा चालकों के साथ ऑटो खींचकर अपना विरोध दर्ज कराया है.

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महंगाई को लेकर सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, ‘पेट्रोल पहुंचा सौ पर और सिलेंडर हजार, फिर भी कहती है सरकार, सब है गुलजार, बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार भाजपा बाहर.’

तेजस्वी यादव ने कहा कि, ‘निर्धनों को चूसने वाली धनवानों की प्रियतम सरकार ने पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतें बढ़ाकर आम आदमी को मरने पर मजबूर कर दिया है. डबल इंजन की सरकार गरीबों को लूटकर, पूंजीपतियों के लिए खुलकर बैटिंग कर रही है.’

इससे पहले तेजस्वी ने रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है. 20 लाख नौकरियों का वादा करके सत्ता में आई सरकार की डिक्शनी से अब रोजगार शब्द ही गायब हो गया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सरकार पर लगातार हमलावर है. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘सिर्फ हमारे दो का कल्याण-‘हम दो उनके’ पीसीयू उनके, विकास भी सिर्फ ‘उनका’, जन का क्या? राहुल गांधी केंद्र सरकार के चंद उद्योगपितयों के लिए काम करने के मुद्​दे पर घेर रहे हैं.

दूसरी तरफ ट्रेड यूनियनों ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान कर रखा है. इसके मद्​देनजर देश के कई हिस्सों में ट्रकों का संचालन ठहरा है.


मजदूरों के लिए लड़ने वाली 23 साल की नोदीप कौर को डेढ़ महीने बाद मिली जमानत, किन संगीन धाराओं में बंद थीं, जानते हैं


 

जयपुर ट्रक एसोसिएशन के गोपाल सिंह राठौर ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा कि डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतें और जीएसटी में जोड़ी गई धाराएं ट्रांसपोर्टर और ट्रक मालिकों के लिए घातक हैं. मोदी जी ने वन नेशन वन टैक्स का नारा दिया था. हमारी मांग है कि इसको भी जीएसटी में शामिल किया जाए. राज्य सरकार ने भी वैट बढ़ा रखा है.

मजदूरों के लिए लड़ने वाली 23 साल की नौदीप कौर रिहा, जेल के बाहर स्वागत को उमड़ी भीड़

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द लीडर : नौदीप कौर. एक 23 साल की लड़की, जो मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती है. पिछले करीब डेढ़ महीने से जेल में बंद थीं. पुलिस ने उन पर संगीन धाराएं लगाई थीं. आइपीसी की धारा-307 (हत्या की कोशिश) धारा-146 (दंगा) धारा-353 (सरकारी सेवक को अपने कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना) आदि. (Nodeep Kaur Laborers Bail)

शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नोदीप को जमानत दी और रात तक नौदीप रिहा हो गई हैं. उनके स्वागत के लिए जेल के बाहर भारी संख्या में भीड़ उमड़ी.

12 जनवरी को नौदीप को दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. जब वह श्रमिकों के एक आंदोलन में शामिल हुई थीं. तभी उन पर ये संगीन इल्जाम लगाए गए थे.

नौदीप के स्वागत के लिए रात को जुटी भीड़

नौदीप, पंजाब के मुक्तसर की रहने वाली हैं और सोनीपत के कुंडली क्षेत्र की एक औद्योगिक इकाई में काम करती थीं. वह दलित समुदाय से आती हैं. उनके साथ शिव कुमार समेत कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था.

नौदीप की बहन ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसमें उन्हें न सिर्फ गलत तरीके से गिरफ्तार करने, बल्कि थाने में पुरुष पुलिस कर्मियों द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने का भी दावा किया था.


सोशल मीडिया पर सरकार का शिंकजा : यूजर के सत्यापन, शिकायत दर्ज करने से लेकर कई और नियम, जानिए


 

जनवरी के आखिर तक नौदीप को लेकर देश में अधिक चर्चा नहीं हुई. मगर 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद जब फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति कमला हैरिसी की भांजी मीना हैरिस ने नवदीप को लेकर ट्वीट किया.

जिसमें लिखा कि, एक 23 साल की मजदूर अधिकार कार्यकर्ता नौदीप कौर को गिरफ्तार किया गया. यातनाएं दी गईं और पुलिस हिरसात में यौन शोषण किया गया. मीना हैरिस के इस ट्वीट के बाद नौदीप को लेकर देशभर से उनके पक्ष में आवाजें उठीं. सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण नौदीप को लेकर लगातार ट्वीटर पर आवाज उठाते रहे हैं.

8 फरवरी को पंजाब राज्य अनुसूचित आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचि-गृह से नौदीप कौर को राहत सुनिश्चित करने के लिए कहा. इतना ही नहीं नौदीप कौर की कथित गैरकानूनी हिरासत पर स्वता: संज्ञान लेते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था.

शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई हुई. जस्टिस जिंगन ने नौदीप को जमानत देने का आदेश दिया है. क्या कौर को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किए जाने के आरोप सही हैं, इस मामले की जांच की मांग की गई है.