Wednesday, October 16, 2024
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”मैं एक शादीशुदा औरत हूं”-दुनिया में मर्दवादी सोच के खिलाफ औरत की ये तहरीर पढ़िए-हिल जाएंगे

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द लीडर : ईरान की शायरा-शाहरूख हैदर की नज्म है-”मैं एक शादीशुदा औरत हूं.” नज्म रौंगटे खड़े करती है. इसे हर लड़की और औरत को कम से कम एक बार तो जरूर पढ़ना चाहिए. ये जानने के लिए ही सही कि, दुनिया के बाकी हिस्से में औरतों का क्या हाल है! इस हकीकत पर मुत्मईन होकर कि, संसार की हर औरत का हाल कमोबेश एक जैसा ही है. ये नज्म कम बल्कि एक तहरीर है औरत की, मर्दवादी समाज के खिलाफ. जिसमें सरहदों की हदें मायने नहीं रखती. हर मुल्क की सीमाओं में औरतों की चीखें गूंजती हैं. अंधेरा ही नहीं बल्कि दिन का उजाला भी डराता है. (I AM Marred Women)

अपने यहां का हाल देख लीजिए. हर रोज गैंगरेप की खबरें, दुष्कर्म के बाद हत्या और छेड़खानियां आम हैं. क्या वजह है जो उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी की उपाध्यक्ष बेवी रानी मौर्य को यूपी में एक सभा के दौरान महिलाओं को ये हिदायत देनी पड़ गई कि, 5 बजे यानी शाम ढलने के बाद औरतें अपनी शिकायत लेकर थाने न जाएं.

इसे भी पढ़ें-त्रिपुरा में हिंदुत्वादी संगठनों का तांडव, मुसलमानों के खिलाफ हिंसा-मस्जिदों में तोड़फोड़

 

नज्म पढ़िए. अंदाजा लगा पाएंगे कि ये महज ईरान की मर्ज नहीं है. बल्कि अपने गांव-शहर, राज्य और देश की औरतों की स्थिति को शायरा शाहरूख हैदर की सोच से तौलकर देखिए. परिणाम झुंझलाने वाला होगा. (I AM Marred Women)

“मैं एक शादीशुदा औरत हूं!”

मैं एक औरत हूं

ईरानी औरत

रात के आठ बजे हैं

यहां ख़याबान सहरूरदी शिमाली पर

बाहर जा रही हूं रोटियां ख़रीदने

न मैं सजी धजी हूं

न मेरे कपड़े ख़ूबसूरत हैं

मगर यहां

सरेआम

ये सातवीं गाड़ी है…

मेरे पीछे पड़ी है

कहते हैं

शौहर है या नहीं

मेरे साथ घूमने चलो

जो भी चाहोगी तुम्हें ले दूंगा.

यहां तंदूरची है…

वक़्त साढ़े आठ हुआ है

आटा गूंध रहा है

मगर पता नहीं क्यों

मुझे देखकर आंख मार रहा है

नान देते हुए

अपना हाथ

मेरे हाथ से मिस कर रहा है!!

ये तेहरान है…

सड़क पार की तो

गाड़ी सवार मेरी तरफ आया,

क़ीमत पूछ रहा है,

रात के कितने ?

मैं नहीं जानती थी

रातों की क़ीमत क्या है!!

ये ईरान है…

मेरी हथेलियां नम हैं

लगता है बोल नहीं पाऊंगी

अभी मेरी शर्मिंदगी और रंज का पसीना

ख़ुश्क नहीं हुआ था कि घर पहुंच गई.

इंजीनियर को देखा…

एक शरीफ़ मर्द

जो दूसरी मंज़िल पर

बीवी और बेटी के साथ रहता है

सलाम…

बेगम ठीक हैं आप ?

आपकी प्यारी बेटी ठीक है ?

वस्सलाम…

तुम ठीक हो? ख़ुश हो ?

नज़र नहीं आती हो ?

सच तो ये है

आज रात मेरे घर कोई नहीं

अगर मुमकिन है तो आ जाओ

नीलोफ़र का कम्प्यूटर ठीक कर दो

बहुत गड़बड़ करता है

ये मेरा मोबाइल है

आराम से चाहे जितनी बात करना

मैं दिल मसोसते हुए कहती हूं

बहुत अच्छा अगर वक़्त मिला तो ज़रूर!!

ये सरज़मीने-इस्लाम है

ये औलिया और सूफ़ियों की सरज़मीन है

यहां इस्लामी क़ानून राइज हैं

मगर यहां जिन्सी मरीज़ों ने

मादा ए मन्विया (वीर्य) बिखेर रखा है.

न दीन न मज़हब न क़ानून

और न तुम्हारा नाम हिफ़ाज़त कर सकता है.

ये है

इस्लामी लोकतंत्र…

और मैं एक औरत हू.

मेरा शौहर

चाहे तो चार शादी करे

और चालीस औरतों से मुताअ

मेरे बाल

मुझे जहन्नुम में ले जाएंगे

और मर्दों के बदन का इत्र

उन्हें जन्नत में ले जाएगा

मुझे कोई अदालत मयस्सर नहीं

अगर मेरा मर्द तलाक़ दे

तो इज़्ज़तदार कहलाए

अगर मैं तलाक़ मांगू

तो कहें

हद से गुज़र गई, शर्म खो बैठी.

मेरी बेटी को शादी के लिए

मेरी इजाज़त की दरकार नहीं

मगर बाप की इजाज़त लाज़िमी है.

मैं दो काम करती हूं.

वह काम से आता है आराम करता है

मैं काम से आकर फिर काम करती हू.

और उसे

सुकून फ़राहम करना मेरा ही काम है.

मैं एक औरत हूं…

मर्द को हक़ है कि मुझे देखे

मगर ग़लती से अगर

मर्द पर मेरी निगाह पड़ जाए

तो मैं आवारा और बदचलन कहलाऊं.

मैं एक औरत हूं…

तमाम पाबंदी के बाद भी औरत हूं

क्या मेरी पैदाइश में कोई ग़लती थी ?

या वो जगह ग़लत थी जहां मैं बड़ी हूई ?

मेरा जिस्म

मेरा वजूद

एक आला लिबास वाले मर्द की सोच और

अरबी ज़बान के चंद झांसे के नाम बिका हुआ है.

अपनी किताब बदल डालूं

या यहां के मर्दों की सोच

या कमरे के कोने में क़ैद रहूं ?

मैं नहीं जानती…

मैं नहीं जानती

कि क्या मैं दुनिया में

बुरे मुक़ाम पर पैदा हुई हूं

या बुरे मौके पर पैदा हुई हूं.

 

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बदायूं कांड : महिला आयोग की सदस्य का विवादित बयान, बोलीं-शाम को बाहर न जातीं तो नहीं होता हादसा

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक मह‍िला की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, ‘किसी महिला को बेसमय बाहर नहीं जाना चाहिए. मेरे ख्याल से अगर वह शाम को बाहर नहीं निकली होतीं, या उनके साथ परिवार का कोई सदस्य होता, तो शायद ये घटना नहीं घटती.’ आयोग के दो सदस्यीय पैनल में शामिल चंद्रमुखी ने बदायूं का दौरा करने के बाद ये बात कही है.

उनके इस बयान की आलोचना हो रही है. अभिनेत्री और फिल्म निर्माता पूजा भट्ट ने आयोग की चेयरमैन रेखा शर्मा को टैग करते हुए एक ट्वीट किया. जिसमें सवाल किया कि, क्या वह सदस्य के इस बयान का समर्थन करती हैं, अगर हां, तो इस पर सफाई दें.

इसके बाद चेयरमैन ने इस मामले पर सफाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि, नहीं, मैं इसका समर्थन नहीं करती हूं. मुझे नहीं पता कि कैसे और क्यों आयोग की सदस्य ने ये कहा. किसी भी महिला को अपनी मर्जी से कहीं भी जाने का अधिकार है. सुरक्षित महौल रखना समाज और राज्य की जिम्मेदारी है.

पूजा करने निकली थी महिला

बदायूं के उघैती क्षेत्र की एक महिला 3 जनवरी को पूजा करने के लिए मंदिर गई थीं. तब वो इस हादसे का शिकार बनी हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी किसी चीज से चोट की गई. उनके पैर और पसली टूटने और फेफड़े पर वजनदार चीज से हमले का तथ्य निकला है. रिपोर्ट सामने आने के बाद से ये घटनाक्रम चर्चा में बना है.


यूपी : बदायूं में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पसली-पैर तोड़े, फेफड़े पर हमला कर मौत के घाट उतारा


मंदिर के पुजारी समेत तीन गिरफ्तार

इस घटना में मंदिर के एक पुजारी समेत तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. बुधवार को एडीजी ने बदायूं का दौरा किया था. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले की एडीजी से रिपोर्ट भी तलब की थी. वहीं, घटना पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है.

नदीम के खिलाफ लव-जिहाद का कोई सबूत नहीं, यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में बताया

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अध्यादेश-2020 लागू होने के दो दिन बाद नदीम के खिलाफ लव जिहाद (Love Jihad) का जो मामला दर्ज हुआ था. उसकी जांच में नदीम के विरुद्ध कोई सबूत (Evidence) नहीं मिला है. गुरुवार को राज्य सरकार (UP Government) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर ये जानकारी दी है. इस प्रकरण की सुनवाई की अलगी तारीख 15 जनवरी नियत हुई है.

हरिद्वार निवासी 32 वर्षीय नदीम के खिलाफ मुजफ्फरनगर के अक्षय ने एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया था कि नदीम उनकी पत्नी को बहका रहा है. इसी नीयत से उसने स्मार्टफोन (Smart Phone) दिया. इतना नहीं वो उसका जबरन धर्म बदलवाकर शादी करना चाहता है.


इसे भी पढ़ें: यूपी, धर्मांतरण अध्यादेश से जुड़ी याचिका खारिज करने से हाईकोर्ट का इनकार


अक्षय की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की. इस बीच नदीम ने अपने बचाव के लिए हाईकोर्ट (High Court) का रुख किया. उन्होंने अदालत में अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर रद करने की गुहार लगाई. तब याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने नदीम की तत्काल गिरफ्तारी पर 7 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी थी.

जिसे गुरुवार को बढ़ाकर 15 जनवरी तक कर दिया गया है. यानी इस मामले की अगली सुनवाई तक नदीम को गिरफ्तारी से राहत प्राप्त हो गई है.

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी नदीम के वकील सय्यद फरहान अहमद नकवी ने बताया कि, ‘राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि एफआइआर में उनका नाम गलत पाया गया. और जांच में ऐसा कोई सुबूत नहीं मिला है, जिसमें नदीम ने महिला के साथ शादी करने के लिए धर्म बदलवाने की कोशिश की हो.


सुप्रीमकोर्ट ने लव ‘जिहाद कानून’ पर यूपी और उत्तराखंड सरकार को जारी किया नोटिस


 

हालांकि हलफनामें में ये कहा गया है कि नदीम द्वारा अक्षय को धमकाया गया था. इसलिए एक चार्जशीट 31 दिसंबर को एक अदालत में पेश की गई थी.’

गुरुवार को ही उप्र हाईकोर्ट ने धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने संबंधी एक याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया था.चुका है. दरअसल, राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट से ये अपील की गई थी कि कानून की संवैधानिका से जुड़े मामले को सुप्रीमकोर्ट सुन रहा है.

यार्कर मैन नवदीप ने पदार्पण टेस्ट में खोला खाता, ऑस्ट्रेलिया पहली इनिंग में मजबूत

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वसीम अख्‍तर

द लीडर : यार्कर मैन के नाम से मशहूर नवदीप सैनी ने अपने पदार्पण टेस्ट में खाता खोल लिया है. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पुकोवस्की को एलबीडब्ल्यू करने के साथ ही सैनी को टेस्ट क्रिकेट में पहला विकेट हासिल हो गया. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है. (Navdeep Australia First Inning)

पहले दिन के खेल में बारिश भी बाधा बनी. आठवां ओवर फेंके जाते ही पानी बरसने लगा. मैच रुकने के साथ ही कुछ समय बाद पहला सत्र समाप्त करने की भी घोषणा कर दी गई. तब तक ऑस्ट्रेलिया एक विकेट के नुकसान पर 7.1 ओवर में 21 रन बना चुकी थी. पहला विकेट मुहम्मद सिराज को मिला. उन्होंने डेविड वार्नर को चौथे ओवर की तीसरी गेंद पर चलता कर दिया.

वह आठ गेंदों का सामना करके महज पांच रन ही बना सके थे. वह चोट के कारण पहला टेस्ट नहीं खेल सके थे. दूसरे टेस्ट में उनकी वापसी सकारात्मक नहीं रही. वार्नर को पुजारा ने स्लिप में लपक लिया. दूसरा विकेट नवदीप सैनी को मिला.


क्रिकेट की डिक्शनरी में डक शब्द जुलाई 1866 में हुआ शामिल


 

अर्द्धशतक पूरा करके 62 रन के व्यक्तिगत स्कोर तक पहुंच चुके विल पुकोवस्की को एलबीडब्ल्यू किया. विकेट कीपर ऋषभ पंत ने पुकोवस्की को कई जीवनदान भी दिए. जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी का सिलसिला जारी रखा लेकिन पहले द‍िन का खेल खत्‍म होने तक कोई भी विकेट हासिल नहीं कर पाए.

कप्तान अजिंक्य रहाणे ने तेज गेंदबाजों के बीच स्पिनर रविं चंद्रन और रविंद्र जडेजा को भी आजमाया  लेकिन दोनों ही विकेट निकालने में नाकाम रहे. मार्नस लाबुशैन और स्टीवन स्मिथ ने अश्विन के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया. क्रीज से निकलकर कई अच्छे शाट्स लगाए.

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पहले दिन का खेल खत्म होने तक सि्मत 31 रन और लाबुशैन 67 रन पर खेल रहे थे. तीसरा टेस्ट शुरू होने से पहले दोनों टीमें 1-1 की बाराबरी पर हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने ही प्लेइंग इलेवन में बदलाव किए हैं. डेविड वार्नर की तरह ही भारत के उप कप्तान रोहित शर्मा वापसी कर रहे हैं.

चोट की वजह से तेज गेंदबाद मुहम्मद शमी और उमेश यादव टीम से बाहर हैं. ऐसे में तेज गेंदबाजी की बागडोर बुमराह के हाथों में है. पहले दिन के खेल में मुहम्मद सिराज और नवदीप सैनी ने बुमराह का बाखूबी साथ दिया है.

यूपी : धर्मांतरण अध्यादेश से जुड़ी याचिका खारिज करने से हाईकोर्ट का इनकार

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लखनऊ : हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण अध्यादेश (लव जिहाद) से जुड़ी उस याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया है, जिसमें अध्यादेश (Ordinance) को चुनौती दी गई है. गुरुवार को चीफ जस्टिस  (Chief Justice) गोविंद माथुर और जस्टिस एसएस शमशेरी की पीठ (Bench) इस मामले को सुन रही थी. अदालत (Court) ने कहा कि, सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले में स्टे आदेश नहीं दिया है. लिहाजा सुनवाई जारी रहेगी. अब 15 जनवरी को नए सिरे से मामले को सुना जाएगा. (High Court Conversion Ordinance)

नवंबर में उप्र सरकार धर्मांतरण अध्यादेश लाई थी. जिसमें शादी के लिए धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित किया गया गया है. अध्यादेश के मुताबिक अंतरधार्मिक विवाह के लिए पहले प्रशासन को अवगत कराना होगा. यानी जिला प्रशासन मामले की जांच करेगा.

इसके बाद ही ऐसी शादियां हो सकेंगी. एक याचिकाकर्ता ने इस अध्यादेश को अनावश्यक और असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है.


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हालांकि राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पेश अपने जवाब में अध्यादेश को जरूरी बताया गया है. यह कहते हुए कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के मकसद से इसे बनाया गया है. एक दिन पहले यानी बुधवार को सुप्रीमकोर्ट में अध्यादेश के संबंध में सुनवाई हुई थी.

सुप्रीमकोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया था. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट में हो रही है, इसलिए इन याचिकाओं को खारिज किया जाए.

यूपी में दर्ज हो चुके दर्जनभर से अधिक मामले

लव जिहाद अध्यादेश आने के बाद से यूपी में करीब 15 मामले दर्ज हो चुके हैं. और 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. इसमें कुछ मामले विवादित भी रहे. जिससे कार्रवाई पर सवाल उठे. हाल ही में बरेली के फरीदपुर से एक मामला सामने आया था.

जिसमें पुलिस ने तीन युवकों के विरुद्ध नए कानून के अंतर्गत केस दर्ज किया था. बाद में पुलिस जांच में मामला फर्जी पाया गया, तो पुलिस ने इस मामले को बंद कर दिया था.

अमेरिका में बवाल के बीच राष्टपति ट्रंप का ट्वीटर हैंडल सस्पेंड, फेसबुक-इंस्टाग्राम ने भी लगाया बैन

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नई दिल्ली : अमेरिकी में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों के हिंसक उप्रदव के बीच ट्वीटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम के सोशल मीडिया एकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया है. ट्वीटर ने ट्रंप का ट्वीटर हैंडल 12 घंटे के लिए सस्पेंड कर दिया है, तो फेसबुक और इंस्टाग्राम ने उनके एकाउंट को 24 घंटे के लिए बैन कर दिया. ट्वीटर ने चेताया भी है कि भविष्य में नियमों के उल्लंघन पर स्थायी रूप से हैंडल सस्पेंड कर दिया जाएगा.

ट़वीटर ने इस कार्रवाई के संबंध में स‍िलस‍िलेवार कई ट़वीट क‍िए हैं.

ट्वीटर ने ट्रंप को टैग करते हुए लिखा, वॉशिंगटन डीसी में उपजी अभूतपूर्व हिंसा के बीच हमने तीन ट्वीट हटाने की जरूरत समझी है. जिनके पोस्ट से बार-बार हमारी नागरिक अखंडता की नीति का उल्लंघन हुआ है.


अमेरिकी संसद पर ट्रंप समर्थकों का धावा, गोलीबारी में चार की मौत


ट्रंप समर्थकों को कुबूल नहीं हार

अमेरिकी संसद में बुधवार को निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को जीत का प्रमाण पत्र देने के लिए बहस चल रही थी. इसी बीच ट्रंप समर्थकों ने संसद पर धावा बोला दिया. सीनेट के अंदर न सिर्फ तोड़फोड़ की, बल्कि गोली भी चलाई. इस हिंसा में अब तक करीब चार लोगों की मौत की जानकारी सामने आ चुकी है.

अमेरिकी सीनेट में घुसे राष्ट्रपति ट्रंप समर्थक उपद्रवी. फोटो, साभार ट्वीटर

घटना पर विश्व के कई लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने दुख जताते हुए ट्रंप से शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण की अपील की है.

ट्रंप ने क‍िया शांत‍ि का आह़वान 

घटना के बीच ट्रंप ने एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘मैं अमेरिकी कैपिटल में सभी से शांतिपूर्ण रहने के लिए कह रहा हूं. हिंसा नहीं. हम कानून और व्यवस्था का पालन करने वाली पार्टी हैं. हम कानून का सम्मान करते हैं.’

 

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

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नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रहे किसानों ने हरियाणा-यूपी को जोड़ने वाले पेरिफेरल हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला है. अन्य क्षेत्रों में भी ये मार्च निकाले जा रहे हैं. किसानों ने इसे 26 जनवरी को दिल्ली में निकाले जाने वाले ट्रैक्टर परेड का रिहर्सल (अभ्यास) बताया है. बीते 30 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने कानून रद न होने की सूरत में 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने की चेतावनी दी थी. (Farmers Tractor march Delhi)

किसानों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके पास छह महीने का एडवांस राशन है. वे घर से ये तय करके आए हैं कि जब तक कानून रद नहीं होंगे. वापस नहीं जाएंगेे. दिल्ली के आस-पास इलाकों में हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर मार्च निकाल रहे हैं. कुछ किसान कार तो कुछद पैदल मार्च कर रहे हैं.

दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर मार्च निकालते किसान

आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. हालांकि किसानों ने इसे शांतिपूर्ण आंदोलन बताते हुए कहा कि इससे किसी को समस्या नहीं आएगी. किसान नेता राकेश टिकेत ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें एक कतार में क्रमबद्ध तरीके से वाहन चलते दिख रहे हैं.


किसान आंदोलन पर सुप्रीमकोर्ट ने जताई चिंता, कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा


 

दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 42 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. वे नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए इन्हें निरस्त करने की मांग उठाए हैं. किसान और सरकार के बीच सात दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें कोई हल नहीं निकला है. आठवें दौर की वार्ता 8 जनवरी को प्रस्तावित है. इससे पहले ही किसानों ने आंददोलन को बड़ा रूप देने की पहल शुरू कर दी है. (Farmers Tractor march Delhi)

किसानों ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में ही साफ किया था कि 26 जनवरी की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड से पहले ही विभिन्न चरणों में इसी तरह के आंदोलन किए जाएंग. इसमें राजभवन के बाहर भी प्रदर्शन की बात शामिल है.

किसान मोर्चा का ऐलान, कानून रद नहीं किए तो 26 जनवरी पर ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली में करेंगे परेड

अमेरिकी संसद पर ट्रंप समर्थकों का धावा, गोलीबारी में चार की मौत

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द लीडर : दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने विद्रोह कर दिया है. उन्होंने अमेरिका की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक संसद पर हमला बोल दिया. सीनेट के अंदर फायरिंग की. हिंसा में करब चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. अमेरिका की के इस घटनाक्रम ने दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को झकझोर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के अन्य नेताओं ने इसकी निंदा करते हुए शांतिपूर्वक सत्ता हस्तातंरण का संदेश दिया है. (Trump Supporters US Parliament)

अमेरिकी सीनेट पर धाव बोलकर उत्पात मचाते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक.

अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. इसमें जो बाइडन को 306 इलेक्ट्रोल वोटों के साथ बड़ी जीत हासिल हुई. जबिक निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलेक्ट्रोल वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि ट्रंप ने बाइडन की जीत को चुनाव में धांधली बताकर खारिज कर दिया था.

वे लगातार ऐसा करते आ रहे हैं. चूंकि आगामी 20 जनवरी को जो बाइडन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेनी है. उससे पहले ही ट्रंप समर्थकों के इस हिंसक रूप ने दुनिया को चौंका दिया है.

अमेरिकी सीनेट के अंदर उत्पात मचाते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक.

घटना पर नाराजगी हुए निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि लोकतंत्र अप्रत्याशित रूप से खतरे में है. मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपील करता हूं कि वे संविधान की रक्षा का पालन करते हुए कैपिटल को कब्जा मुक्त कराएं. क्योंकि ये विरोध नहीं फसाद है.

अमेरिकी सीनेट पर धाव बोलकर उत्पात मचाते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक.

बाइडन को प्रमाण पत्र देने के विरोध में हिंसा

ये हिंसा उस वक्त भड़की जब सीनेट में जो बाइडन को राष्ट्रपति चुने जाने का शपथ पत्र देने को लेकर बहस चल रही थी. क्योंकि कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए थे. वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप उप राष्ट्रपति माइक पेंस पर शपथ पत्र न जारी करने का दबाव बनाते आ रहे हैं. सीनेट में प्रमाण पत्र की औपचारिक प्रक्रिया के बीच ये एक हिंसक भीड़ ने धावा बोल दिया.

अमेरिकी सीनेट में इस तरह घुसते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक.

 

छत दीवारों से घुसे उपद्रवी, सीटों के नीचे छिपे सांसद

हथियाबंद उप्रदवियों के सीनेटे में घुसकर तोड़फोड़ करने से सांसद हक्के बक्के रह गए. आरोप है कि एक उप्रदवी ने फायरिंग कर दी. जान बचाने के लिए कई सांसद कुर्सियों के नीछे छपने को मजबूर हुए. बहरहाल, अमेरिका के कैपिटल हिल्स में ट्रंप समर्थक अभी भी डटे हैं. दूसरी तरफ संसद के बाहर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है. घटना पर उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने भी नाराजगी जताते हुए निंदा की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि वॉशिंगटन डीसी में हिासा की खबरों ने परेशान किया. शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण जारी रहना चाहिए. लोकतांत्रिक प्रक्रिया को गैरकानूनी विरोध के माध्यम से विकृत नहीं होने दिया जा सकता.

निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्वीट किया. इसमें उनका वीडियो संबोधन है.

 

कांग्रेस के इस हश्र के जिम्मेदार हैं कुछ घमंडी नेता, पीएम मोदी को सुननी चाहिए असहमति की आवाज

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नई दिल्ली : देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत प्रणव मुखर्जी की आखिरी किताब में आखिर ऐसा क्या है, जिसके प्रकाशन को लेकर उनके बेटे और बेटी के बीच मतभेद सामने आ चुके हैं. ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर 2012-2017’ तक ये रहस्य बना था, जो किताब के साथ खुलकर सामने आ चुका है. दरअसल, राजनीतिक शतरंज के सबसे माहिर खिलाड़ियों में शुमार रहे प्रणव दा ने कांग्रेस से लेकर भाजपा दोनों पर एक ही सख्ती से कलम चलाई है.

2014 की हार के लिए सोनिया गांधी जिम्मेदार

2014 में संयुक्त प्रगितशील गठनबंधन (UPA-2)की शर्मनाक हार के लिए प्रणव दा सीधे तौर पर सोनिया गांधी और कुछ दूसरे नेताओं को जिम्मेदार मानते हैं. वे लिखते हैं, जब यूपीए-1 बना, तो उसमें सपा, वामदल, लोजपा, आरजेडी और कई छोटे दल शामिल थे.

वामदल के समर्थन वापस लेने पर सपा साथ खड़ी रही. वहीं, जब यूपीएप-2 बना तो आरजेडी समेत कई अन्य दल उसका हिस्सा नहीं बने. हालांकि 19 सांसदों के साथ ममता बनर्जी साथ रहीं.

वर्ष 2017 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक पुस्तक विमोचन में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति नामनाथ कोविंद के साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी. फोटो, साभार ट्वीटर

बाद में 2012 में ममता बर्नजी तो 2013 में डीएमके ने समर्थन वापस ले लिया. इसका सीधा अर्थ था कि यूपीए 2 की सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है. वे लिखते हैं, अगर मैं रहता तो ममता बनर्जी को गठनबंधन के साथ रखता.

महाराष्ट्र में विलासारव देशमुख जैसे प्रमुख नेता की भरपाई के लिए शिवराज पाटिल या सुशील कुमार शिंदे को वापस लाता. इसके साथ ही तेलंगाना राज्य बनाने की मंजूरी तो हरगिज नहीं देता.


यूपी : बदायूं में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पसली-पैर तोड़े, फेफड़े पर हमला कर मौत के घाट उतारा


नेतृत्व को पहचाने में नाकाम रही कांग्रेस नेतृत्व

प्रणव मुखर्जी लिखते हैं कि, 2014 की हार के कारणों में से एक बड़ी वजह ये रही कि कांग्रेस अपने चमत्कारिक नेतृत्व को पहचाने में विफल रही. 2014 के परिणामों पर भरोसा करना मुश्किल था. इसलिए क्योंकि कांग्रेस को महज 44 सीटें मिली थीं. बिना नाम लिए कुछ घमंडी नेताओं को भी इसका कारण माना है. चूंकि कांग्रेस एक राष्ट्रीय संस्था है जो लोगों के जीवन से जुड़ी हुई है. इसका भविष्य हर शख्स की चिंता रहा है.

नोटबंदी के फैसले की नहीं थी जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2016 में लिये गए नोटबंदी के फैसले के बारे में भी उन्होंने लिखा है. ‘मुझे इस फैसले के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी. आम लोगों की तरह ही नोटबंदी का पता लगा. हालांकि इस पर मुझे हैरानी नहीं हुई. क्योंकि ऐसे फैसले इसी तरह लिए जाते हैं. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझसे मिले. और बातचीत की. ‘

पीएम मोदी को असंतुष्टों की आवाज सुननी चाहिए

प्रणव मुखर्जी लिखते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में अक्सर बोलना चाहिए. विपक्ष को समझाने और देश को तमाम मसलों से रूबरू कराने के लिए संसद को एक मंच के तौर पर उपयोग करना चाहिए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री को असहमति की आवाजें भी सुननी चाहिए.


सआदत हसन मंटो की कहानी : टोबा टेक सिंह


 

 

यूपी : बदायूं में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पसली-पैर तोड़े, फेफड़े पर हमला कर मौत के घाट उतारा

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बदायूं : उत्तर प्रदेश के हाथरस दुष्कर्म कांड (Hathras Rape Case) से उपजा गुस्सा और गम अभी हल्का ही पड़ा था कि अब बदायूं से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. मंदिर के लिए पूजा को निकली एक महिला की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई. वो भी इतनी बेरहमी से कि पहले महिला की पसली और पैर तोड़े गए. फिर फेफड़े को वजनदार चीज से दबाकर घटना को अंजाम दिया गया. (UP Gang Rape Badaun )

मंगलवार को पोस्टमार्ट रिपोर्ट से ये दरिंदगी उजागर हुई है. जिसे थानाध्यक्ष ने सामान्य हादसे के रूप में गढ़कर दबाने का प्रयास किया था.

उघैती में पीड़‍िता के पर‍िजनों से मुलाकात करते एडीजी अव‍िनाश चंद्रा

अब इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है.

ये घटना रविवार को उघैती क्षेत्र में घटी. महिला दूसरे गांव स्थित मंदिर में पूजा के लिए निकली थीं. तब उनके साथ ये हादसा हुआ है. आरोप है कि रविवार की रात को पुजारी और दो अन्य लोग महिला को लहूलुहान हालत में घर पर छोड़कर फरार हो गए थे.


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महिला के प्राइवेट पार्ट से खून बहता देख परिजनों ने पुलिस से एफआइआर दर्ज करने की गुहार लगाई. इस बीच तक पीड़िता की मौत हो चुकी थी. आरोप है कि थानाध्यक्ष ने कार्रवाई करने के बजाय ये कहानी गढ़ी कि महिला की मौत कुएं में गिरने से हुई है.

बहरहाल, एसएसपी ने संकल्प शर्मा ने इस मामले में थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. घटना में शामिल दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि मुख्य आरोपी पुजारी अभी तक फरार है.

पीएम रिपोर्ट से ये खुलासा

पीएम रिपोर्ट के मुताबिक महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड जैसी किसी चीज से हमला किया गया है. उनके अंदरूनी पार्ट में गंभीर चोटें आई हैं. पसली और पैर भी टूटे पाए गए. साथ ही फेफड़ों को किसी वजनदार चीज से दबाने का तथ्य उजागर हुआ है.

सपा प्रमुख अख‍िलेश यादव ने ट़वीट के जर‍िये सरकार पर न‍िशाना साधा है.

 


किसान आंदोलन पर सुप्रीमकोर्ट ने जताई चिंता, कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा


प्र‍ियंका का वार, महि‍ला सुरक्षा पर सरकार की नीयत में खोट 

कांग्रेस महास‍चिव प्र‍ियंका गांधी ने अपने ट़वीट में कहा क‍ि ‘हाथरस सरकारी अमले ने शुरुआत में फर‍ियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया, बदायूं में थानेदार ने फर‍ियादी की नहीं सुनी, घटनास्‍थल का मुआयना तक नहीं क‍िया, मह‍िला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नीयत में खोट है.’
वहीं, इस मामले में पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने दोष‍ियों को सख्‍त सजा द‍िलाने की मांग की है.

घटना पर व‍िपक्ष के हमलावर होने के बाद शासन ने इस मामले की जांच एसटीएफ से कराने का फैसला क‍िया है: