नदीम के खिलाफ लव-जिहाद का कोई सबूत नहीं, यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में बताया

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No Evidence Love Jihad

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अध्यादेश-2020 लागू होने के दो दिन बाद नदीम के खिलाफ लव जिहाद (Love Jihad) का जो मामला दर्ज हुआ था. उसकी जांच में नदीम के विरुद्ध कोई सबूत (Evidence) नहीं मिला है. गुरुवार को राज्य सरकार (UP Government) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर ये जानकारी दी है. इस प्रकरण की सुनवाई की अलगी तारीख 15 जनवरी नियत हुई है.

हरिद्वार निवासी 32 वर्षीय नदीम के खिलाफ मुजफ्फरनगर के अक्षय ने एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया था कि नदीम उनकी पत्नी को बहका रहा है. इसी नीयत से उसने स्मार्टफोन (Smart Phone) दिया. इतना नहीं वो उसका जबरन धर्म बदलवाकर शादी करना चाहता है.


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अक्षय की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की. इस बीच नदीम ने अपने बचाव के लिए हाईकोर्ट (High Court) का रुख किया. उन्होंने अदालत में अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर रद करने की गुहार लगाई. तब याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने नदीम की तत्काल गिरफ्तारी पर 7 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी थी.

जिसे गुरुवार को बढ़ाकर 15 जनवरी तक कर दिया गया है. यानी इस मामले की अगली सुनवाई तक नदीम को गिरफ्तारी से राहत प्राप्त हो गई है.

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी नदीम के वकील सय्यद फरहान अहमद नकवी ने बताया कि, ‘राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि एफआइआर में उनका नाम गलत पाया गया. और जांच में ऐसा कोई सुबूत नहीं मिला है, जिसमें नदीम ने महिला के साथ शादी करने के लिए धर्म बदलवाने की कोशिश की हो.


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हालांकि हलफनामें में ये कहा गया है कि नदीम द्वारा अक्षय को धमकाया गया था. इसलिए एक चार्जशीट 31 दिसंबर को एक अदालत में पेश की गई थी.’

गुरुवार को ही उप्र हाईकोर्ट ने धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने संबंधी एक याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया था.चुका है. दरअसल, राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट से ये अपील की गई थी कि कानून की संवैधानिका से जुड़े मामले को सुप्रीमकोर्ट सुन रहा है.

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