द लीडर। अफगानिस्तान में जैसे तालिबान के खौफ में लोग जी रहे हैं. वैसे ही बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक खौफ में जीने को मजबूर है. बता दें कि, पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों पर क्रूर अत्याचार हो रहा है. देश के कई हिस्सों में पूजा पंडालों, मंदिरों, घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ के मामले में अब तक 71 मामले दर्ज किए गए हैं. राणाघाट के सांसद जगन्नाथ सरकार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बांग्लादेश में भाई-बहनों की स्थिति पर दुख व्यक्त किया है.
बांग्लादेश में मेरे हिंदू भाई-बहन गंभीर संकट में हैं
पत्र में लिखा है कि, मैं आपको बड़े दुख के साथ सूचित करना चाहता हूं कि बांग्लादेश में मेरे हिंदू. भाई-बहन गंभीर संकट में हैं, उन्हें जिहादी ताकतों द्वारा गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. उन्होंने यह भी कहा कि, कैसे सनातन धर्म की मूर्तियों को तोड़ा गया. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे हिंदुओं को मारा गया है, माताओं और बहनों का सम्मान लूटा गया है.
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जल्द भारत में सीएए कानून लागू करें सरकार
प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया के सभी हिंदू समाज का रक्षक बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि, इस कठिन समय में बांग्लादेश के हिंदुओं से उनकी मदद की और उनसे एक साथ खड़े होने और उनकी रक्षा करने का भी आग्रह किया. उन्होंने दुनिया भर के हिंदुओं की रक्षा के लिए भारत में सीएए कानून को जल्द लागू करने के लिए भी कहा.
हिंसा पर बीजेपी ने क्या कहा?
भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों पर एक व्यवस्थित हमले का हिस्सा है. वर्तमान स्थिति में पश्चिम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने की आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा कि, पूरा सनातन समाज मदद मांग रहा है. अगर अभी सही और सख्त कदम नहीं उठाए गए तो बंगाल में जिहादी ताकतों का मनोबल बढ़ेगा और उन्हें यहां भी परेशान किया जाएगा. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस संबंध में ट्वीट किया.
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I urge Hon'ble PM @narendramodi ji, Hon'ble HM @AmitShah ji, Hon'ble EAM @DrSJaishankar ji & Hon'ble Governor of WB @jdhankhar1 ji to take up this painful & shameful issue with the Bangladeshi authorities diplomatically, & support the Sanatani Bengalis in this times of distress. pic.twitter.com/2k5r1quwla
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) October 14, 2021
उन्होंने पहले भी प्रधान मंत्री को पत्र लिखा था और उनसे गृह मंत्री के साथ इस मुद्दे को बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ कूटनीतिक रूप से उठाने का आग्रह किया था.
बांग्लादेश में पीड़ित हिंदुओं को मिला हसीना का साथ
बांग्लादेश में साम्प्रदायिक हिंसा के एक बुरे दौर के बाद सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के समर्थन में रैली निकाली है। रैली में “सांप्रदायिक हिंसा बंद करो” का नारा लगाते हुए हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। बीते कुछ दिनों में मुस्लिम-बहुल बांग्लादेश में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में कम से कम छह लोग मारे गए और दर्जनों घर नष्ट कर दिए गए। पुलिस ने कहा है कि, 450 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमले शुक्रवार 15 अक्टूबर को दक्षिणपूर्वी जिले नोआखली में शुरू हुए थे।
अवामी लीग पार्टी ने ढाका में किया रैली का आयोजन
मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोगों ने हिंदुओं पर कुरान से सम्बंधित ईशनिंदात्मक कार्य करने का आरोप लगाया था और उसका विरोध किया था। विरोध प्रदर्शन ही बाद में हिंसा में बदल गया। हिंदुओं के कई घरों और पवित्र स्थलों पर हमले हुए और वहां तोड़ फोड़ की गई। अवामी लीग की अपील इसी हिंसा के विरोध में प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने राजधानी ढाका में रैली का आयोजन किया। शहर के केंद्र में पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने चार किलोमीटर लंबी रैली निकाली और हिंसा को रोकने की मांग की
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इस साम्प्रदायिक दुष्टता को बंद करो…
कुछ महिला समर्थकों द्वारा हाथ में लिए हुए एक बैनर पर लिखा था, “इस साम्प्रदायिक दुष्टता को बंद करो, बांग्लादेश” ढाका में कुछ दूसरे इलाकों में सैकड़ों लेखक हाथों से लिखे हुए सन्देश और पोस्टर लेकर इकठ्ठा हुए। एक संदेश में लिखा था, “अपने बच्चों को प्रेम करना सिखाइए, मारना नहीं” अवामी लीग के सांसद और संयुक्त महासचिव महबूबूल आलम हनीफ ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अगले दो सप्ताह में पूरे देश में कई रैलियां निकालने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, “इस भय को हटाना ही होगा” सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 71 मामले दर्ज किए गए हैं।
अमेरिका ने बांग्लादेश में हुए हमलों की निंदा की
अमेरिका ने बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू मंदिरों और प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों की घटनाओं की निंदा की है. साथ ही अधिकारियों से इन मामलों की गहन जांच करने की अपील भी की है. अमेरिका ने कहा कि धर्म या आस्था चुनने की स्वतंत्रता एक मानवाधिकार है. दुर्गा पूजा के अवसर पर सोशल मीडिया में कथित तौर पर ईश निंदा संबंधी एक पोस्ट सामने आया था, जिसके बाद हिंदू मंदिरों पर पिछले बुधवार से हमले बढ़ गए हैं.
भीड़ ने रविवार देर रात बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों के 66 मकान क्षतिग्रस्त कर दिए और कम से कम 20 घरों में आग लगा दी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को कहा, ‘हम दुर्गा पूजा के अवसर पर हिंदू मंदिरों और प्रतिष्ठानों पर हाल में हुए हिंसक हमलों की निंदा करते हैं. हमारी संवेदनाएं हिंदू समुदाय के लोगों के साथ हैं और हम अधिकारियों से मामलों की पूरी जांच का अनुरोध करते है. धर्म या आस्था चुनने की स्वतंत्रता, मानवाधिकार है.
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