खरगौन हिंसा : 8 दिन से इब्राहीम को ढूंढती मां ने कहा-बेटे को मार डाला है तो लाश ही लौटा दो, पुलिस ने लौटाई बॉडी

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Khargone Violence Ibrahim Murdered
मध्यप्रदेश के खरगौन में घर पहुंची इब्राहीम की लाश, बिलखते परिजन.

द लीडर : ”मेरा बेटा जेल में है तो एक बार उसकी शक्ल दिखा दो. अगर मर गया है तो लाश लौटा दो.” इब्राहीम की मां ने पुलिस से ये गुहार लगाई थी. अब पुलिस ने 8 दिन बाद इब्राहीम की लाश लौटाई है. घटना मध्यप्रदेश के खरगौन सांप्रदायिक हिंसा की है. इब्राहीम के रूप में इस हिंसा में पहली मौत की पुष्टि हुई है. (Khargone Violence Ibrahim Murdered)

10 अप्रैल को इब्राहीम रोजेदारों के लिए इफ़्तार लेकर मस्जिद गए थे. जहां हिंसा के बाद से वह लापता था. तीन-चार दिन तक परिवार ने उनकी खोजबीन की, नहीं मिले तो 14 अप्रैल को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. सोमवार को पुलिस ने इब्राहीम की लाश परिवार को सौंपी है.

मध्यप्रदेश के खरगौन में शोभा यात्रा के दौरान हिंसा भड़क गई थी. जिसमें कई लोग जख्मी हुए. इस मामले में प्रशासन ने स्थानीय मुस्लिमों के क़रीब 48 मकान और दुकानों को बुल्डोजर चलाकर तोड़ दिया है. (Khargone Violence Ibrahim Murdered)


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कुछ ऐसे लोगों के ख़िलाफ भी एफआइआर दर्ज की गई है और उनके मकान तोड़े गए हैं, जो या तो घटना से पहले जेल में थे या अस्पताल में. आसिफ मुज्तबा दोनों हाथों से अपाहिज हैं. लेकिन इन पर भी पत्थरबाजी का आरोप है और इसी इल्ज़ाम में इनको घर को बुल्डोजर चलाकर तोड़ दिया गया है. इन एफआइआर को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

खरगौन हिंसा में अब तक कोई 100 से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. जबकि दूसरे पक्ष के महज आठ लोगों के विरुद्ध ही केस हुआ है, वो भी दूसरी घटनाओं को लेकर. पुलिस-प्रशासन पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप है. और स्थानीय लोग इसके ख़िलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. (Khargone Violence Ibrahim Murdered)

इसको लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद समेत कई संगठनों ने शासन और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात भी की है और निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग की है. लेकिन खरगौन प्रशासन ने जिस तरह एक ही पक्ष को निशाना बनाया है, उससे प्रशासन की निंदा भी हो रही है.

चूंकि अब तक इस हिंसा में कोई जनहानि सामने नहीं आई थी. लेकिन अब इब्राहीम के रूप में एक हत्या का मामला सामने आया है. जो इलाके में गम और आक्रोश है. (Khargone Violence Ibrahim Murdered)

इस अप्रैल महीने में ही देश के कई राज्यों से सांप्रदायिक हिंसा और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी है. राजस्थान का करौली हो या गुजरात का हिम्मत नगर, मध्यप्रदेश का खरगौन और अब दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं. कर्नाटक के हुबली और में ऐसी घटना सामने आई है.

बिहार, झारखंड, गोवा और दूसरे राज्यों में मस्जिद और दरगाहों पर भगवा झंडा लहराने, खुले आम हथियारों का प्रदर्शन करने और अल्पसंख्यकों को लेकर आपत्तिजनक नारे-गाने बजाने की घटनाओं का सिलसिला अब तक बना हुआ है. इन सिलसिलेवार घटनाओं पर सरकारों की ओर से कोई बयान नहीं आया है न ही हिंसा की निंदा की गई है. इससे अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा और भय का माहौल पनपता जा रहा है. (Khargone Violence Ibrahim Murdered)


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