द लीडर हिंदी, नई दिल्ली | डोमिनिका हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद मेहुल चोकसी एक बार फिर एंटीगुआ पहुंच गया है. एंटीगुआ पहुंचने के बाद गुरुवार को मेहुल चोकसी ने भारतीय एजेंसियों पर कई आरोप लगाए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उसने कहा कि भारतीय एजेंसियों ने उसे यातना दी. उसने भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उसका अपहरण करने की कोशिश करने के लिए भी दोषी ठहराया.
यह भी पढ़े – #WorldSnakeDay: सांप अपने जहर को फालतू बर्बाद नहीं करते, कंजूसी से इस्तेमाल करते हैं
चोकसी ने कहा, “मैं घर वापस आ गया हूं लेकिन इस यातना ने मुझे मनोवैज्ञानिक और शारीरिक रूप से बुरी तरह प्रभावित किया है. मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरे सभी व्यवसाय बंद करने और मेरी सभी संपत्तियों को जब्त करने के बाद, मेरे अपहरण का प्रयास किया जाएगा.”
जमानत की मांग करते हुए, चोकसी ने सीटी स्कैन सहित अपनी मेडिकल रिपोर्ट संलग्न की थी. मेहुल चोकसी के डॉक्टरों ने एक न्यूरोलॉजिस्ट और एक न्यूरोसर्जिकल सलाहकार द्वारा उसके मेडिकल स्थिति की तत्काल समीक्षा की सिफारिश की थी.
आरोपी मेहुल चोकसी भारत में ₹ 13,500 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित है. चोकसी 23 मई को एंटीगुआ और बारबुडा से लापता हो गया था. वह डोमिनिका में 2018 से रह रहा है. उसे एंटीगुआ की नागरिकता भी मिल चुकी है.
पिछले महीने भारत की आठ सदस्यीय एजेंसी टीम मेहुल चोकसी को हिरासत में लेने के लिए डोमिनिका पहुंची थी. अदालती कार्यवाही के प्रयासों में विफलता मिलने के बाद भारतीय एजेंसियों को खाली हाथ लौटना पड़ा था.
यह भी पढ़े – पाब्लो नेरूदा: कविताओं में इश्क़ और इंक़लाब के रंग बिखेरने वाला कवि