CM Yogi से मुलाकात : दरगाह आला हजरत की सबसे बुजुर्ग शख्सियत-मन्नानी मियां भड़के-बोले कौम का सौदा कर रहे

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Dargah Ala Hazrat CM
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करते जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खां-बीच में. दूसरी फोटो दरगाह आला हजरत.

द लीडर : दरगाह आला हजरत, जोकि विश्व विख्यात है. वहां काजी-ए-हिंदुस्तान और दरगाह ताजुश्शरिया-अजहरी मियां के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद रजा कादरी के दामाद सलमान हसन खां की, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात पर बवाल मचा है. इसको लेकर ताजुश्शरिया के भाई मन्नानी मियां एक वायरल ऑडियो में अपने भतीजे मुफ्ती असजद मियां को संबोधित कर, उनके प्रति गुस्सा जाहिर करते सुने जा रहे हैं.(Dargah Ala Hazrat CM )

बेहद तल्ख लहजे में मन्नानी मियां यहां तक कह देते हैं कि कुछ लोग हैं, जो कौम का सौदा करने की कोशिश में लगे हैं. उनका ये ऑडियो दरगाह से जुड़े तमाम संगठनों के वाट्सएप में घूम रहा है. लेकिन इस पर किसी की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

इमाम अहमद रजा खां (आला हजरत) ने जमात रजा-ए-मुस्तफा नामक संगठन बनाया था. असजद मियां जमात के अध्यक्ष हैं उनके दामाद सलमान हसन खां उपाध्यक्ष.

यही सलमान हसन खां पिछले सप्ताह लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिले हैं. साथ में कांग्रेस नेता डॉ. मेंहदी हसन और हाफिज इकराम भी थे.


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इस मुलाकात का फोटो एक दिन पहले वायरल हो गया था. जिसको लेकर दरगाह के चाहने वाले तल्ख सवाल उठा रहे थे. इसलिए क्योंकि दरगाह का सियासत से सीधा कोई वास्ता नहीं रहा है.

यहां तक कि मुफ्ती अख्तर रजा खां, जिन्हें अजहरी मियां और ताजुश्शरिया के तौर पर भी जाना जाता है. वह हों या मुफ्ती आजम-ए-हिंद, हमेशा सियासी लोगों से दूरी बनाए रहे और उनसे मिलने से भी परहेज किया.

लेकिन अब जब जमात के उपाध्यक्ष सीएम से मिल आए हैं. तब दरगाह से जुड़े और चाहने वाले यही सवाल उठा रहे हैं. इसी बीच मन्नानी मियां का एक ऑडियो सामने आया है.

इसमें मन्नानी मियां कहते सुने जा रहे हैं कि ”आज मेरे भाई-ताजुश्शरिया होते, तो वो इन्हें नसीहत देने को कहते. असजद मियां की रजामंदी के बिना उनका दामाद मिलने जा ही नहीं सकता.” (Dargah Ala Hazrat CM )


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”गलत रास्ता चुनने वाले को हमने हमेशा हिदायत दी है. आलोचना की. फिर चाहें वह मौलाना तौकीर मियां ही क्यों न हों.” मन्नानी ने मियां ने तमाम गंभीर और तल्ख सवालों के साथ ऐसी बातें कही हैं. जिन्हें यहां बयान नहीं किया जा सकता.

जब श्रीश्री रविशंकर गेट से लौट गए

सामाजिक एकजुटता का पैगाम लेकर श्रीश्री रविशंकर तीन साल पहले दरगाह पहुंचे थे. यहां मौलाना तौकीर रजा खां से मुलाकात की. बाद में मदरसा जामियातुर्रजा गए थे. लेकिन मदरसे के दरवाजे बंद कर लिए गए थे. इस तर्क के साथ कि सियासी लोगों से कोई ताल्लुक नहीं. (Dargah Ala Hazrat CM )

तौकीर मियां को लेकर हो चुका विवाद

मौलाना तौकीर रजा खां, जोकि इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. आइएमसी एक सियासी पार्टी है. उनका सियासी लोगों से मिलना रहता है. इसी संदर्भ में वह एकबार देवबंद चले गए थे.

इसको लेकर विवाद पैदा हो गया था. यहां तक दरगाह के तमाम लोग उनके खिलाफ हो गए. यही सब वजहें हैं कि न सिर्फ दरगाह घराने बल्कि उससे जुड़े और चाहने वालों के अपने-अपने सवाल हैं.

समाज के मुद्​दों को लेकर मिले

वहीं, जमात रजा-ए-मुस्तफा से जुड़े लोगों का तर्क है कि मदरसा, मस्जिद और मुस्लिम समाज के कुछ मुद्​दे, जो प्रशासनिक स्तर पर हल नहीं हो रहे हैं. उनको लेकर उपाध्यक्ष सलमान हसन खां सीएम से मिले हैं.

इसमें कोई हर्ज नहीं है. वह मुख्यमंत्री हैं. और समस्या हल नहीं हो रही. तो उनसे मिलने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं था. ये कोई सियासी नहीं बल्कि समाजी मुलाकात थी. जिसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है. (Dargah Ala Hazrat CM )

 

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