मौलाना तौकीर को ‘न हैदराबादी भाषा पसंद न मंजूर ओवैसी का साथ’, एक वादे पर अखिलेश के साथ

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Maulana Tauqeer Election Bareilly
मौलाना तौकीर रजा खां-आइएमसी अध्यक्ष

द लीडर : इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने ये ऐलान किया है कि, गठबंधन न होने की सूरत में आइएमसी बरेली-मुरादाबाद मंडल की सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि करीब 40 छोटे दल संपर्क में हैं. लेकिन इरादा किसी बड़ी पार्टी से जुड़ने का है. मौलाना को ओवैसी का साथ मंजूर नहीं है. समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर उनकी एक शर्त है. वो है चुनाव जीतने के बाद दंगा आयोग का गठन. इस पर ठोस आश्वासन चाहिए. (Maulana Tauqeer Election Bareilly)

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सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना तौकीर रजा खां ने राज्य की सत्तारूढ़ सरकार को फिर मनहूस कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमने आइएमसी का गठन भाजपा के खिलाफ नहीं किया था. बल्कि दूसरे सेकुलर दलों का रवैया देखकर किया था.

जिन्होंने हमेशा मुसलमानों के वोट का इस्तेमाल किया. हमें भाजपा से कोई उम्मीद कल थी न आज है. न ही कोई शिकायत है. भाजपा से शिकायत तो हिंदू भाईयों को होनी चाहिए. जिनके वादों पर वो खरी नहीं उतरी.


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मौलाना ने आरोप लगाया कि आज जो लोग सत्ता में हैं. ”असल में यही आतंकवादी हैं-देशद्रोही और दंगाई हैं.”

”यही आतंक फैला रहे थे और मुसलमानों पर आतंकवादी होने का इल्जाम लगा रहे थे. आज जब ये सत्ता में हैं तो कहते हैं कि आतंकवाद खत्म हो गया. कल जब ये सरकार में नहीं होंगे. तो फिर वही दंगा-फसाद का काम करेंगे.” (Maulana Tauqeer Election Bareilly)

इसलिए हम चाहते हैं कि समाज में अमन-चैन बना रहे. उसके लिए दंगा आयोग का गठन करना होगा. जो स्वतंत्र और निष्पक्ष हो. ताकि समाज में कोई फितना-फसाद होता है तो वो बिना किसी भेदभाव या दबाव के जांच कर सके.

आइएमसी ने अपनी नई कार्यकारिणी गठित की है. जिसका ये पत्र जारी किया है.

मौलानों ने सेकुलर दलों को निशाने पर लिया. और कहा कि इन्होंने मुस्लिम समाज को हमेशा वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है. लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला. समाज जागरूक है.

आजम खान को लेकर कहा, उनके साथ इंसाफ होना चाहिए. वरिष्ठ नेता हैं. लेकिन दूसरे ही पल पत्रकारों की ओर कानपुर के गैंगेस्टर विकास दुबे का प्रश्न उछाला. (Maulana Tauqeer Election Bareilly)


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इस सवाल के साथ कि मीडिया ने विकास दुबे के साथ अन्याय का मुद्​दा नहीं उठाया. बोले मैं हिंदू-मुस्लिम नहीं बल्कि बराबरी और न्याय की बात करता हूं.

ओवैसी को लेकर मौलाना के तेवर काफी तल्ख हैं. बोले-उत्तर प्रदेश में हैदराबादी जुबान नहीं चलेगी. वो हैदराबाद तक ही ठीक है.

इसलिए, क्योंकि यूपी गंगा जमुनी तहजीब का रवायत वाला सूबा है. हैदराबादी भाषा से यहां की तहजीब को नुकसान पहुंचने का अंदेशा है.

मौलाना को ओवैसी का साथ मंजूर नहीं है. गठबंधन का सवाल ही नहीं. बोले- वह यूपी आते हैं. आएं, एक राजनीतिक दल हैं. लेकिन यहां उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा. (Maulana Tauqeer Election Bareilly)

बता दें कि पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामई मौलाना तौकीर रजा के आवास पर पहुंचे थे. इस मुलाकात में अमीक ने मौलाना को सपा के साथ गठबंधन का प्रस्ताव दिया. ये कहते हुए कि वह मन बनाएं. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मीटिंग तय कराएंगे. जिसमें दोनों नेता समझौते की शर्तों पर बात कर सकते हैं. (Maulana Tauqeer Election Bareilly)

अमीक के प्रस्ताव पर मौलाना रजामंद भी हैं. जिसका जिक्र उन्होंने कांफ्रेंस में भी किया. लेकिन दंगा आयोग की शर्त पर आश्वासन चाहते हैं.

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