कर्नाटक में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को एक और कॉलेज ने रोका, भगवा शॉल में छात्रों का प्रदर्शन

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Hijab Girls Students Karnataka
कर्नाटक के कुंडापुर कॉलेज में हिजाब पहनकर पहुंची छात्राओं को रोकते प्रिंसिपल

द लीडर : कर्नाटक में हिजाब पहनकर पढ़ाई करने वाली मुस्लिम छात्राओं को स्कूल-कॉलेजों में रोकने का सिलसिला चल पड़ा है. उडुप्पी के सरकारी पीयू कॉलेज ने पिछले दिसंबर माह से ऐसी 8 छात्राओं को पढ़ाई से रोक रखा है. अब ताजा मामला कुंडापुर के कॉलेज से सामने आया, जहां गुरुवार को हिजाब में पहुंचीं छात्राओं को प्रिंसिपल रामकृष्ण ने गेट पर ही रोक दिया. (Hijab Girls Students Karnataka)

प्रिंसिपल ने कहा कि, हिजाब के साथ क्लास अटैंड करने की इजाज़त नहीं है. इस पर छात्राओं ने प्रिंसिपिल से बहस की. इस तर्क के साथ कि कल तक तो वे हिजाब के साथ ही पढ़ाई करने आ रही थीं. फिर अचानक क्यों उन्हें रोका जा रहा है. और रातों-रात ऐसे कौन से नियम बन गए.

छात्राओं के विरोध पर प्रिंसिपल ने कहा कि वह उनके शिक्षा के अधिकार से नहीं रोक रहे हैं, बल्कि कॉलेज प्रबंधन के अध्यक्ष और कुंडापुर के एमएलए हलदी श्रीनिवास शेट्टी के आदेशों का पालन कर रहे हैं. शेट्टी ने उन्हें निर्देशित किया है कि वह किसी खास ड्रेस के छात्रों को एंट्री न दें. (Hijab Girls Students Karnataka)


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वहीं शिवामोगा ज़िले के सरकारी कॉलेज में कुछ छात्रों ने बुधवार को हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं के ख़िलाफ प्रदर्शन किया था. इस मांग के साथ कि या फिर उन्हें भी भगवा शॉल के साथ कक्षा में पढ़ाई की अनुमति दी जाए. बताते हैं कि कुछ छात्र भगवा शॉल के साथ कैंपस भी पहुंचे थे.

आपको बता दें कि कर्नाटक में हिजाब पर दिसंबर से बवाल कटा है. कॉलेज प्रशासन ने 8 हिजाब पहनकर कक्षा में एंट्री पर रोक लगा दी. कॉलेज के इस फैसले का छात्राएं विरोध कर रही हैं. यहां तक कि वे कॉलेज की सीढ़ियों पर बैठक पढ़ाई करने को विवश हैं. (Hijab Girls Students Karnataka)

इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कर्नाटक सरकार और उडुप्पी के ज़िलाधिकारी को नोटिस जारी करके 15 दिन में जवाब मांगा है. दूसरी ओर छात्राओं ने हिजाब के साथ पढ़ाई के अधिकार के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है.

कर्नाटक में हिजाब को लेकर पढ़ाई से रोकी जा रहीं छात्राओं का ये मुद्दा राजनीतिक विमर्श से ग़ायब है. इसको लेकर मुस्लिम समाज से तल्ख सवाल उठाए जा रहे हैं. और कर्नाटक सरकार की आलोचना भी की जा रही है.

मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग छात्राओं के इस स्टैंड की सराहना कर रहा है. इसमें पत्रकार, वकील, एक्टिविस्ट और शिक्षाविद सभी शामिल हैं. वे सवाल उठा रहे हैं कि छात्राओं को उनके शिक्षा के अधिकार और धार्मिक पैक्टिस से नहीं रोका जा सकता है. (Hijab Girls Students Karnataka)


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