द लीडर | सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेजुएट एटीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग, GATE 2022 परीक्षा स्थगित करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में GATE 2022 परीक्षा को स्थगित करने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि GATE 2022 परीक्षा के लिए स्पष्ट कोविड गाइडलाइन जारी न होने से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
याचिका अधिवक्ता पल्लल मोंगिया की ओर से दायर की गई थी। मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट राजी भी हो गया, प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ जल्द ही इस पर सुनवाई करते हुए तेजी से फैसला लिया।
स्टूडेंट्स ने की थी परीक्षा स्थगित करने की मांग
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर द्वारा आयोजित किए जाने वाले इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट (गेट) के आयोजन को स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में आज यानि 3 फरवरी 2022 को सुनवाई होनी थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि महामारी की स्थिति को देखते हुए परीक्षा का आयोजन स्थगित किया जाए।
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कोर्ट ने कहा- इस क्षेत्र में अदालत का हस्तक्षेप खतरनाक साबित होगा
कोर्ट ने कहा कि कोई व्यापक कारण नहीं है कि यह अदालत संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए नियामक प्राधिकरणों के कर्तव्यों और कार्यों को समाप्त कर दे, जिन्होंने परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता पल्लव मोंगिया और सतपाल सिंह ने परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध किया था। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस तरह से परीक्षा स्थगित करना शुरू नहीं कर सकता है। अब देश में सब कुछ खुल रहा है। हम छात्रों के भविष्य के साथ नहीं खेल सकते। यह एकेडमिक पॉलिसी का मामला है और इन मामलों की जांच अधिकारियों के द्वारा की जानी चाहिए। इस क्षेत्र में अदालत का हस्तक्षेप बहुत खतरनाक होगा।
परीक्षा के आयोजन के मामले में कोई ढील नहीं दी
इस परीक्षा के आयोजन को स्थगित करने की मांग उम्मीदवार लगभग 1 महीने से कर रहे हैं। COVID-19 की तीसरी लहर के प्रकोप के बाद और कई शहरों और राज्यों में यात्रा प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। इन्हीं के मद्देनजर छात्रों द्वारा कई ऑनलाइन अभियान चलाए गए हैं। हालांकि, IIT खड़गपुर ने परीक्षा के आयोजन के मामले में कोई ढील नहीं दी है।
छात्रों का करियर प्रभावित नहीं होने दे सकते
एक अन्य याचिकाकर्ता के लिए पेश वकील सतपाल सिंह ने कहा कि कई राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन जैसे आदेश अमल में हैं। परीक्षा को 1 महीना टाल देना सही होगा. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “यह कैसे कहा जा सकता है कि 1 महीना बाद सब कुछ सही हो जाएगा। कहीं न कहीं कुछ समस्या रहेगी ही. कुछ राज्यों में समस्या होने के चलते छात्रों का करियर प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए।”