बरेली दंगे से जुड़े मौलाना तौकीर रज़ा के मामले में अब ईद बाद सुनवाई

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द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में जनपद न्यायाधीश के यहां 2010 के दंगे से जुड़े मामले में सुनवाई हुई. यह वही मामला है, जिसमें आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को एडीजे फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर मुख्य मास्टर माइंड बनाया है. कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई से पहले प्रेमनगर पुलिस ने रात में मौलाना के मुहल्ला सौदागरान में दरगाह आला हज़रत के पास स्थित आवास पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया था. यही कार्रवाई एक अन्य आरोपी के घर जाकर भी की थी.

गै़र ज़मानती वारंट के बाद मौलाना कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं. न्यायालय में सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव को बुलाया गया था. ज़िला जज ने उनसे मौलाना की संपत्ति के आंकलन को कहा है. अख़बारों मे विज्ञापन भी निकालने के निर्देश दिए हैं. दंगे के तीन अन्य आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था, जिन्हें जेल भेज दिया गया है. बरेली में यह दंगा जुलूस-ए-मुहम्मदी में टकराव को लेकर हुआ था. दोनों संप्रदाय के लोग आमन-सामने आ गए थे. तब जमकर बवाल मचा था. उस समय के डीएम को हालात पर क़ाबू पाने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा. इसी दंगे में मौलाना को गिरफ़्तार और बाद में बेगुनाह मानकर रिहा कर दिया गया था.

अब एक बार फिर मौलाना को कोर्ट ने उसी दंगे का मुख्य मास्टर माइंड क़रार दिया है. समन जारी करके कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था. नहीं हुए तो ग़ैर ज़मानती वारंट NBW जारी कर दिया गया है. ज़िला जज कोर्ट से पिछली तारीख़ पर मौलाना के ख़िलाफ़ धारा 82 यानी कुर्की की कार्रवाई के निर्देश हो चुके हैं.अब 20 अप्रैल को इस चर्चित मुक़दमे में सुनवाई होगी.वही दंगे के तीन अन्य आरोपियों को कोर्ट से जेल भेजा गया.

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