इतिहास में पहली बार भारत में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा हुई

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द लीडर | देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी में इजाफा हुआ है. अब हर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं. आजादी के बाद ये भी पहली बार है जब पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की आबादी 1 हजार से ऊपर पहुंची है. ये आंकड़ा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) में सामने आया है. इससे पहले 2015-16 में हुए NFHS-4 में ये आंकड़ा हर 1,000 पुरुष पर 991 महिलाओं का था.

गांवों में स्थिति बेहतर

इससे पहले साल 2015-16 के NFHS-4 के आंकड़ों के मुताबिक, 1000 पुरुषों पर 991 महिलाएं थीं. जन्म के समय लिंगानुपात भी सुधरा है. ताजा सर्वे में 1000 बच्चों पर 929 बच्चियां हैं, जबकि 2015-16 में 1000 बच्चों पर 919 बच्चियां थीं. शहरों में 1000 पुरुषों पर 985 महिलाएं हैं, जबकि गांवों में 1000 पुरुषों पर 1037 महिलाए हैं. गांवों का लिंगानुपात शहरों से बेहतर है.


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क्या है सारे आंकड़े 

देशभर में 78.6 फीसदी महिलाएं अपना बैंक खाता ऑपरेट करती हैं. 43.3 प्रतिशत के नाम पर कोई न कोई प्रॉपर्टी है. माहवारी के दौरान 77.3 प्रतिशत महिलाएं सैनिटेशन उपाय अपनाती हैं. वहीं, देश में 70.2 फीसदी आबादी के पास अपना शौचालय है. 2015-16 में 48.5 फीसदी आबादी के पास ही खुद का आधुनिक शौचालय था. इसी तरह 96.8 प्रतिशत घरों तक बिजली की उपलब्धता है.

23 राज्यों में आबादी ज्यादा

देश के 23 राज्य ऐसे हैं जहां प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 1,000 से ज्यादा है. उत्तर प्रदेश में प्रति हजार पुरुषों पर 1017, बिहार में 1090, दिल्ली में 913, मध्य प्रदेश में 970, राजस्थान में 1009, छत्तीसगढ़ में 1015, महाराष्ट्र में 966, पंजाब में 938, हरियाणा में 926, झारखंड में 1050 महिलाएं हैं.


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आजादी के बाद से बिगड़ रहा था सेक्स रेशियो

1901 में सेक्स रेशियो प्रति हजार पुरुषों पर 972 महिलाओं का था. लेकिन आजादी के बाद ये संख्या कम होती गई. 1951 में ये आंकड़ा घटकर एक हजार पुरुषों पर 946 महिलाएं थीं. 1971 में ये और कम होकर 930 पर आ गया. 2011 की जनगणना के मुताबिक, ये आंकड़ा थोड़ा सुधरा और प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 940 पर पहुंच गई.

लड़के की चाहत में कमी नहीं!

सर्वे में कहा गया है कि बच्चों के जन्म का लिंग अनुपात (Gender Ratio) अभी भी 929 है. यानी अभी भी लोगों के बीच लड़के की चाहत ज्यादा दिख रही है। प्रति हजार नवजातों के जन्म में लड़कियों की संख्या 929 ही है. हालांकि, सख्ती के बाद लिंग का पता करने की कोशिशों में कमी आई है और भ्रूण हत्या में कमी देखी जा रही है. वहीं, महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा जी रही हैं.

NFHS-5 का सर्वे यूं किया गया

NFHS का सर्वे दो चरणों में 2019 और 2021 में किया गया. देश के 707 जिलों के 6,50,000 घरों में ये सर्वे किया गया. दूसरे चरण का सर्वे अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुड्डुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया.


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