सोनभद्र : 7 साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले आरोपी को अब तीसरी बार मिली फांसी की सजा

0
382

द लीडर। सोनभद्र में अपर सत्र न्यायालय ने दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में दोषी शहजाद को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दो लाख रुपये अर्थदंड जिसे न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद की सजा का आदेश दिया है। बता दें कि, साल 2013 में अनुसूचित जाति की सात वर्षीय बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है।


यह भी पढ़ें:अपने बुनियादी मसलों पर एक होकर आवाज़ उठाना चाहते हैं 98 फीसदी देवबंदी और बरेलवी


 

सोनभद्र में  विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव ने बुधवार को सुनवाई के दौरान दोषी पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अर्थदंड में से पीड़ित परिवार को प्रतिकर दिलाने की कोर्ट ने संस्तुति की है। अभियोजन के मुताबिक, विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति ने 10 जनवरी 2013 को थाने में तहरीर देकर बताया था कि, उसकी सात वर्षीय बेटी सुबह घर से खेलने निकली थी। देर तक वाह घर नहीं लौटी। उसकी खोजबीन में पता चला कि विंढमगंज के हरपुरा गांव निवासी शहजाद को उसकी बेटी से बातचीत करते देखा गया था। दोपहर करीब डेढ़ बजे बेटी की नग्न लाश अरहर के खेत में मिली। शव देखने से लग रहा था कि दुष्कर्म के बाद उसकी गला दबाकर हत्या की गई है।

अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुना

तहरीर के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म, हत्या के साथ ही पॉक्सो एक्ट एवं एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज किया। विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की गई। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली के अवलोकन के बाद दोषसिद्ध पाकर शहजाद को फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने उस पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अभियोजन की ओर से इस मामले में शासकीय अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि एवं सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।


यह भी पढ़ें:  पीएम मोदी ने जेवर एयरपोर्ट का किया शिलन्यास, बना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा


 

सोनभद्र में सुनाई गई फांसी की तीसरी सजा

मिर्जापुर से अलग होकर 4 मार्च 1989 को बने सोनभद्र जिले में बुधवार को फांसी की तीसरी सजा सुनाई गई। सबसे पहले एडीजे एफटीसी रहे एके द्विवेदी ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। उसके बाद दूसरी सजा वर्तमान में एडीजे द्वितीय सोनभद्र राहुल मिश्रा ने सुनाई थी। बुधवार को एडीजे/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने तीसरी फांसी की सजा सुनाई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here