रोजा में ये 8 चीजें खाने से कम लगेगी भूख-प्यास, शरीर में बनी रहेगी फुर्ती

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ज्यादातर लोगों को रमज़ान के महीने में भी ऑफ़िस, घर के काम या दूसरे कामों को करना ही होता है। ऐसे में शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है। रमजान में ख्याल न रखा जाए तो तमाम लोग इस वजह से गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं। (Eating Things In Roza)

ऐसे में जरूरी यह है कि ऐसी खाने की चीजें सहरी में इस्तेमाल की जाएं जो पूरे दिन भूख और प्यास की जरूरत को पूरा करें और शरीर ऊर्जावान रहे। यहां हम रोजेदारों को ऐसी ही आठ चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं।

एक बात जरूर याद रखें, अति किसी भी चीज की बुरी होती है। किसी तरह की तकलीफ है तो डॉक्टर से भी इन चीजों को खाने से संबंधी राय ले लें।

1. एवोकैडो

एवोकैडो नासपाती जैसा दिखने वाला एक मैक्सिको में पाया जाने वाला जंगली फल है। भारत में अासानी से तो नहीं, लेकिन कुछ जगह मिल भी जाता है। फल में बड़ा सा गुठली जैसा (बीज) पाया जाता है। इसमें केले से भी ज्यादा मात्रा में पोटेशियम और खनिज तत्व होते हैं। बहुत ज्यादा रेशा भी होता है, जो मनुष्य के पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।

इस फल के तत्व शरीर में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करता है। आंखों की बीमारियों में फायदेमंद है और कैंसर रोगियों भी इससे लाभ मिलता है। भारत में आसानी से मिले तो हर कोई इसका सेवन करें यह इतना फायदा करता है। इसमें विटामिन ए और बी, फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। (Eating Things In Roza)

2. अंडे

अंडा एक अत्यधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है और प्रोटीन से भरपूर है। यह एक व्यक्ति को पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रख सकता है। अंडे में ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं इसलिए इसे हर मौसम में खाना सेहत के लिए लाभदायक है। दूध की तरह ही अंडा भी खुद में संपूर्ण आहार है।

100 ग्राम उबले अंडे में विटमिन ए 10 फीसदी, विटमिन डी 21 फीसदी, विटमिन बी12 18 फीसदी, विटमिन बी6 पांच फीसदी, मैग्नीशियम 2 फीसदी, आयरन 6 फीसदी, सोडियम 124 मिलीग्राम, पोटैशियम 126 मिलीग्राम, कलेस्ट्रॉल 373 मिलीग्राम और प्रोटीन 13 ग्राम होता है।

एक उबले अंडे से रोजमर्रा की रिबोफ्लेविन का 15 फीसदी हिस्सा पूरा हो जाता है। वहीं, विटमिन बी12 का 10 फीसदी और विटमिन डी की 11 फीसदी जरूरत पूरी होती है। फ्राई अंडे में भी विटमिन की तकरीबन यही मात्रा होती है। रिबोफ्लेविन रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करता है। साथ ही यह कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने का भी काम करता है।

3. मूंगफली का मक्खन

पीनट बटर प्रोटीन से भरा होता है और पूरे दिन भूख न लगने में कारगर है। पीनट बटर में प्रोटीन बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा इसमें अनसेचुरेटेड फैट होता है। कार्बोहाइड्रेट भी ज्यादा होता है। पीनट बटर एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो इम्युनिटी बढ़ाता है। घर पर पीनट बटर सिर्फ 15-20 मिनट के अंदर बना सकते हैं।

दो कप मूंगफली के दानों को धोकर सुखा लें, फिर एक बर्तन में मूंगफली के एक दो चम्मच तेल में हल्की आंच पर भून लें, फिर भुनी हुई मूंगफली के दानों को मिक्सी में तीन मिनट तक पीस लें। चख कर देख लें कि इसमें चीनी या नमक की कितनी जरूरत है। (Eating Things In Roza)

जायका ठीक है तो कुछ मिलाने की जरूरत नहींं, नहीं तो आधा चम्मच चीनी, एक दो चम्मच शहद और एक चुटकी नमक मिला भी सकते हैं। घर पर बनाए पीनट बटर को आप कंटेनर में डालकर फ्रिज में एक हफ्ते तक रख सकते हैं। मार्केट में मिलने वाले पीनट बटर से कहीं ज्यादा सेहतमंद है यह।

4. फवा बीन्स

इसे क्षेत्रीय भाषा में बाकला भी कहा जाता है। इन्हें डिब्बाबंद ताजा या सूखा खरीदा जा सकता है। पोषक तत्व युक्त यह फली प्रोटीन और फाइबर में बेहतरीन अौर फैट भी नहीं होती, कैलोरी भी ज्यादा नहीं होती। विटामिन बी 1 ,आयरन, तांबा, फास्फोरस, पोटेशियम तथा मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है।

इसे जब आहार का हिस्सा बना नियमित खाया जाता है, तो यह हृदय को फायदा पहुंचाती है और वजन भी नियंत्रित रखती है। “यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्युट्रिशन” में साल 2010 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार,मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए यह बेहतरीन खाद्य में से एक है।

5. चोकर मफिन

गेहूं का चोकर प्रोटीन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, सेलेनियम और फास्फोरस में भी समृद्ध है। कैलोरी और वसा में भी कम है। फाइबर से भरपूर यह खाद्य पदार्थ आपके पाचन तंत्र से होकर गुजरते हैं, वे वसा और कोलेस्ट्रॉल के कणों, अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को अपने साथ ले जाते हैं। (Eating Things In Roza)

गेहूं के चोकर का एक औंस (लगभग 28 ग्राम) में इतना कुछ

60.5 कैलोरी

18.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट

4.4 ग्राम प्रोटीन

1.2 ग्राम वसा

12 ग्राम आहार फाइबर

3.2 मिलीग्राम मैंगनीज (161 प्रतिशत डीवी)

171 मिलीग्राम मैग्नीशियम (43 प्रतिशत डीवी)

21.7 माइक्रोग्राम सेलेनियम (31 प्रतिशत डीवी)

284 मिलीग्राम फॉस्फोरस (28 प्रतिशत डीवी)

3.8 मिलीग्राम नियासिन (19 प्रतिशत डीवी)

0.4 मिलीग्राम विटामिन बी 6 (18 प्रतिशत डीवी)

3 मिलीग्राम लोहा (16 प्रतिशत डीवी)

2 मिलीग्राम जस्ता (14 प्रतिशत डीवी)

0.3 मिलीग्राम तांबा (14 प्रतिशत डीवी)

0.1 मिलीग्राम थियामिन (10 प्रतिशत डीवी)

0.2 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन (10 प्रतिशत डीवी)

331 मिलीग्राम पोटेशियम (9 प्रतिशत डीवी)

22 माइक्रोग्राम फोलेट (6 प्रतिशत डीवी)

0.6 मिलीग्राम पैंटोथेनिक एसिड (6 प्रतिशत डीवी)

6. ग्रीक योगर्ट

दही रमजान के दिनों में प्यास कम करने में बहुत मददगार खाद्य है। इसमें प्रोबायोटिक्स गुण भी होते हैं। ग्रीक योगर्ट में सामान्य दही की तुलना में हाई लेवल का प्रोटीन के साथ ही कैलोरी, स्‍वस्‍थ वसा, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम और पोषक तत्व बहुतायत में होते हैं।

यह आयोडीन, पोटेशियम, फास्‍फोरस और विटामिन बी12 का भी अच्‍छा स्रोत होता है। यही वजह है कि इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। सोडियम की कम मात्रा होती है जो हाई ब्लड प्रेशर की समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक है। नियमित रूप से ग्रीक दही का सेवन इम्युनिटी सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।

शोध से पता चलता है कि मोटे लोग यदि वसा रहित दही का दिन में 3 बार सेवन करें तो वे अपने वजन को 22 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।नियमित रूप से दही का सेवन कर कोलेस्‍ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को भी नियंत्रित कर सकते हैं। (Eating Things In Roza)

7. क्विनोआ

क्विनोआ में बहुत सारे महत्वपूर्ण अमीनो एसिड होते हैं। क्विनोआ को भारत में किनवा नाम से भी जाना जाता है। इस सुपरफूड में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कई घातक बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। क्विनोआ का सैलेड, पोहा, उपमा या फिर रोटी भी बनाकर खा सकते हैं। इसका सेवन शरीर में पूरे दिन के पोषक तत्वों की जरूरत को पूरी कर देता है।

8. सैल्मन (स्मोक्ड)

यह अपने बाकी लाभों के बीच ओमेगा -3 फैटी एसिड को बनाए रखता है। सैल्मन का यह गुण मस्तिष्क के ठीक से काम करने और स्वस्थ रहने के लिए भी महत्वपूर्ण है। सैल्मन मछली ओमेगा -3, फैटी एसिड, प्रोटीन, जिंक, फास्फोरस, आयरन कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी का सबसे बड़ा स्त्रोत होती है। यह हमारे शरीर में होने वाली बीमारियों को दूर करती है और उनसे बचाती है।

सैल्मन मछली में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे विटामिन-डी , ओमेगा-3 और फैटी एसिड से दिल संबंधी बीमारी, कैंसर से बचाव, हड्डियों एवं जोड़ों के रोग में फायदा, लीवर के फैट को कम करना, आंखों की रोशनी बढ़ाना, वजन कम करना, आटोइम्यून रोग में राहत और मानसिक विकार में फायदेमंद और अन्य रोगों से बचाने में हमारी मदद करती है। इसके साथ ही यह हमारी त्वचा और बालों के लिए काफी फायदेमंद होती है।


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