दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा

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द लीडर हिंदी: दिल्ली में लोकसभा चुनाव से ठीक 28 दिन पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया है. अपने इस्तीफे पत्र में लवली ने तमाम बातों का जिक्र किया है. इसके मुताबिक, लवली दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन के खिलाफ थे. अपने इस्तीफे में अरविंदर सिंह लवली ने लिखा, जो पार्टी कांग्रेस पर भ्रष्टातार का आरोप लगाकर आगे बढ़ी पार्टी ने उसके साथ गठबंधन करने का फैसला किया.लवली का कहना है आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर आरोप लगाकर बनी थी, फिर उससे गठबंधन कैसे हो सकता है? अरविंदर सिंह लवली इस्‍तीफा देते हुए लिखा, “दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. इसके बावजूद, पार्टी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने का फैसला किया.

उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को केवल तीन ही सीटें दी गईं. लवली की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि इन तीनों सीटों में दो सीटें बाहरी व्यक्तियों को दे दी गई. उनका निशाना कन्हैया कुमार और उदित राज को लेकर था.उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के ऐलान से पहले सूचित नहीं किया गया. लवली ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता की नियुक्ति से रोका गया. इस तरह के कई कारण हैं, जिसके चलते मैंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि लवली को पिछले साल 31 अगस्त को दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. बतादें पार्टी में आपसी कलह के चलते लोकसभा चुनाव में बड़ी सेंध लग सकती है.

लवली ने बताई इस्तीफे की ये वजह
बतादें कांग्रेस को लोसकभा चुनाव से पहले भी कई झटके लगे है. अब लवली के इस्तीफा के बाद और मुश्किलें बड़ सकती है. अरविंदर सिंह लवली करीब 8 महीने वह इस पद पर रहे. लवली ने कहा कि इन 8 महीनों में पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारियां दीं, उसे मैंने बखूबी निभाया. उन्होंने कहा कि मैंने दिल्ली कांग्रेस में सीनियर लोगों की नियुक्ति की इजाजत मांगी थी लेकिन पार्टी ने इनकार कर दिया. मैंने प्रवक्ता की नियुक्ति को लेकर कहा लेकिन मना कर दिया गया. लवली ने कहा कि गठबंधन के लिहाज से पार्टी को केवल तीन सीटें दी गईं.

आखिर लवली किससे थे नाराज़
बता दें लवली ने कहा कि मुझे लगा कि पार्टी दिल्ली के सीनियर कांग्रेस नेताओं को टिकट देगी. इसलिए मैंने अपना नाम वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि तीन में दो सीट वैसे लोगों को दे दी गई जो काफी चौकाने वाली थी. बता दें कि कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट से बीजेपी उम्मीदवार मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस के कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा है.वहीं उदित राज को उत्तर पश्चिम दिल्ली से टिकट दिया. इन दोनों लोगों को टिकट देने को लेकर लवली में आक्रोश था. लवली के अलावा दिल्ली कांग्रेस के कई नेताओं ने इसका विरोध किया. इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान ने इन्हें टिकट दिया.बता दें लवली से ऐसे कई नेता है जो पार्टी का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

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