खोखली हो चुकीं देश की संस्थाएं और बेखुदी में डूबे बुद्धिजीवी-पत्रकार, बाहर निकलकर समाज के असल मुद्​दों पर बात करें : जस्टिस काटजू

जस्टिस मार्केंडय काटजू   चंद रोज पहले अशोका यूनिवर्सिटी से प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यम ने इस्तीफा दे दिया. इस पर ऐसी रुबाई फूटी कि मानों जमीन-आसमान उलट-पुलट गया…

भारतीय तहजीब के खजाने का कोहिनूर है उर्दू, इसके साथ बड़ी नाइंसाफी का वक्त : जस्टिस काटजू

जस्टिस मार्केंडय काटजू   मैंने देश-दुनिया की तमाम भाषाओं में कविताएं पढ़ीं. इसमें अमेरिकन, फ्रेंच, जर्मन, रसियन, स्पैनिश और हिंदी, बंगाली, तमिल समेत तमात और भाषाओं का साहित्य शामिल है.…

आर्थिक विकास की प्रभावशीलता की कसौटी पर खरा नहीं उतर सकता निजीकरण, आनंद तेलतुम्बडे ने जेल से लिखा पत्र

रिजवान रहमान   देश संपत्ति बेचे जाने पर आनंद तेलतुम्बडे ने मुंबई के तलोजा जेल से पत्र लिखा है. द कारंवा में छपे इस पत्र को मैंने इस अंदाज़ में…

कानून ने महिलाओं को बराबरी का हक दिया, परिवार और समाज कर रहे भेदभाव

मोईन खान भारत, जिसने आजाद होते ही अपने हर नागरिक को समान अधिकार दिए. हाशिये पर खड़ी महिलाओं को बराबरी पर लाने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की. फिर आखिर…

कैसे आयशा की मौत ने समाज, सरकार और धर्मगुरुओं की असलियत को उजागर कर दिया!

सम्युन खान खुदकुशी से पहले अहमदाबाद की आयशा ने जो वीडियो बनाया. उसे देखना बेहद तक़लीफदेह है. मगर उससे भी ज्यादा अफसोसनाक वो सोच है, जिसने आयशा की जान ले…

ब्रिटिश जज की टिप्पणी पर बोले जस्टिस काटजू : मेरा कोई पर्सनल एजेंडा नहींं, न किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने का इरादा

जस्टिस मार्केंडय काटजू   नीरव मोदी की भारत प्रत्यर्पण कार्यवाही से जुड़े मेरे बयान और उस पर ब्रिटिश जज की टिप्पणी से, इंग्लैंड में मेरी काफी आलोचना हुई. बेशक, ब्रिटिश…

जस्टिस काटजू को ऐसा क्यों लग रहा कि भारत में अच्छे के बजाय काले दिन आने वाले हैं

जस्टिस मार्केंडय काटजू किसान आंदोलन के बीच व्यापारी भी आंदोलन की राह पर हैं. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने 26 फरवरी को देश में अखिल भारतीय बंद का…

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की उस शाम के गवाह हैं जस्टिस काटजू, जो शायर फैज अहमद फैज की जलवे से यादगार बन गई

जस्टिस मार्केंडय काटजू  फैज अहमद फैज 13 फरवरी है. ये तारीख उर्दू के मशहूर शायर फैज अहमद फैज की (1911-84) जयंती की है, जोकि आज है. जिन्हें, मैं बीसवीं शताब्दी…

ऋषिगंगा की बाढ़ : घायल हिमालय की एक और चीत्कार और चेतावनी

दिनेश जुयाल :  जिस ऋषिगंगा प्रोजेक्ट और तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट को रोकने के लिए उत्तराखड (Uttarakhand) के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी और जिन्हें सुप्रीमकोर्ट (Supreme Court) ने भी एक…

धार्मिक बंटवारे से फैलेगी अराजकता, देश को एकजुट रखेगी अकबर की सुलेह-ए-कुल नीति : जस्टिस काटजू

भारत के बारे में कुछ तत्थ हैं. द्रविड़ भारत के मूल निवासी नहीं थे. वे, आर्यो की तरह ही पश्चिम से भारत आए. लेकिन द्रविड़ पूर्व की जनजातियां-जैसे, भील्स, गोंड,…