समरकंद का वो मुगल शासक, जिसने खगोलशास्त्र में अपने इस चमत्कार से नाम कमाया
ओलोग बेग को दुनिया एक शासक से बढ़कर खगोलशास्त्री के तौर पर याद करती है. 14वीं सदी के शायद पहले ऐसे शासक हैं, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में काफी काम…
जन्मदिन: आज 170 साल बाद फिर समाज को एकजुट करने वाले ज्योतिबा फुले की जरूरत है
मुकेश असीम भारतीय समाज के क्रांतिकारी परिवर्तन के बारे में विचार प्रक्रिया की बुनियाद रखने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले का स्त्री मुक्ति व जाति उन्मूलन, दो परस्पर गुंथे हुए सवाल,…
गणेश शंकर विद्यार्थी के ‘प्रताप’ का वो रिपोर्टर, जिसे इतिहास ने भुला दिया
हुसैन ताबिश “वह आपसे लिपटना चाहती है. आपको चूमना चाहती है. आप उसके कोमल और नर्म हाथों की गर्माहट महसूस करते हैं. वो कल-कल करती बात-बेबात पर हंसती रहती है.…
देश में मजहबी पागलपन, प्रपंच-उत्पात का राज- गणेश शंकर विद्यार्थी
गणेश शंकर विद्यार्थी शहीद दिवस इस समय देश में धर्म की धूम है. उत्पात किए जाते हैं, तो धर्म और ईमान के नाम पर जिद की जाती है. रमुआ पासी और…
धार्मिक कट्टरता के खिलाफ गणेश शंकर विद्यार्थी का जिहाद का आह्वान, आज होते तो मीडिया उन्हें जिहादी ठहरा देता
गणेश शंकर विद्यार्थी– समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने और नफरत की दरारें डालने का आरोपी काफी हद तक मीडिया है. वो ऐसी खबरें रच-गढ़ रहा है, जिससे समाज का…
सड़क से संसद तक! कैसे भाजपा का स्थायी विपक्ष बन गए मुसलमान-यूपी रिज़ल्ट से समझिए
द लीडर : फिलवक़्त, मुसलमान भारत के स्थायी विपक्ष हैं. सड़क से लेकर संसद तक. उनकी ही आवाज़ है, जो गूंज रही है. भाजपा ने 80 बनाम 20 की लड़ाई…
बेटी पढ़ाओ के प्रचार पर 401 करोड़ रुपये खर्च किए, जब लड़कियां पढ़ने आ रहीं तो हिजाब की वजह से रोक
द लीडर : कर्नाटक में हिजाब (Hijab) पहनकर आने वाली छात्राओं के साथ जो सुलूक हो रहा है. वो शर्मनाक है. पहले भगवा गमछाधारी छात्रों से उनका घेराव कराया गया?…
कर्नाटक में हिजाब ने भारतीय समाज के एक बड़े हिस्से की नफ़रत को बेनक़ाब कर दिया
द लीडर : समाज सभ्यता के किस स्तर पर जा पहुंचा है. और उसमें धर्म की बुनियाद पर नफरत का किस क़दर ज़हर भरा है. कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में आज-कल…
इस्लाम बराबरी के हक़ का क़ायल है, इसमें कोई छोटा-बड़ा या काला, गोरा नहीं
अज़हान वारसी इस्लाम बराबरी के हक़ का क़ायल है, इस्लाम में कोई छोटा बड़ा, काला, गोरा, अमीर, ग़रीब नहीं होता. बल्कि इस्लाम तो इस तरह के भेदभाव के ख़िलाफ़ है.…
जिस सभ्यता ने सेक्स को आम कर दिया, वो खत्म होती गई-सारा खान को ये आर्टिकल पढ़ना चाहिए
“मुस्लिम समाज में आमतौर पर महिलाओं को बुर्का पहनना सिखाया जाता है, लेकिन मुस्लिम समुदाय कभी भी पुरुषों को अपनी आंखें बंद करने और न देखने के लिए नहीं कहता…