बेटी पढ़ाओ के प्रचार पर 401 करोड़ रुपये खर्च किए, जब लड़कियां पढ़ने आ रहीं तो हिजाब की वजह से रोक

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Karnataka Hijab Girls Education
कर्नाटक में हिजाबी छात्राएं.

द लीडर : कर्नाटक में हिजाब (Hijab) पहनकर आने वाली छात्राओं के साथ जो सुलूक हो रहा है. वो शर्मनाक है. पहले भगवा गमछाधारी छात्रों से उनका घेराव कराया गया? और अब कॉलेज कैंपस के बाहर पुलिस फोर्स लगाकर उन्हें भगाया और बेइज्ज़त किया जा रहा है. हैरान करने वाला तथ्य यह है कि ये सब कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के आदेश का हवाला देकर किया जा रहा है. तो अदालत में हर रोज़ सुनवाई की अगली तारीख लग रही है. आज फिर दोपहर 2:30 बजे से सुनवाई होनी है. (Karnataka Hijab Girls Education)

कमाल की बात है कि ये सब उस भाजपा शासित राज्य में हो रहा है, जिसकी केंद्र सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मुहिम चलाए हुए है. इतना ही नहीं लड़कियां पढ़ें-इसके प्रचार-प्रसार पर साल 2016 से 21 तक कोई 401 करोड़ रुपये ख़र्च किए जा चुके हैं. तो इस भारी-भरकम खर्च की दूसरी हक़ीकत कर्नाटक के रूप में सामने है. जहां लड़कियां पढ़ना चाहती हैं. लेकिन उन्हें उनकी धार्मिक पहचान-हिजाब की वजह से पढ़ने से रोका जा रहा है.

कर्नाटक में हर रोज़ स्कूल-कॉलेजों के बाहर विरोध हो रहा है. गुरुवार को चित्रादुर्गा गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल ने छात्राओं से हिजाब उताकर कैंपस में प्रवेश की बात कही. तो इसके विरोध में दर्जनों छात्राएं विरोध मार्च करते हुए जिलाधिकारी ऑफिस के लिए निकल पड़ीं. एक छात्रा ने कहा कि कल तक जब मैं हिजाब पहनकर अगली सीट पर बैठती थी. तब किसी को कोई दिक्कत नहीं थी. आज वही प्रिंसिपल हमसें हिजाब उताकर आने को कहते हैं. (Karnataka Hijab Girls Education)


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कर्नाटक के उडुप्पी, शिवमोगा, तुकमुरु समेत कई ज़िलों में ये हंगामा जारी है. इस घटनाक्रम से देश के मुस्लिम समाज में बेचैनी और नाराजगी है. जो विरोध प्रदर्शन के तौर पर दिखाई दे रही है. बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक प्रदर्शन हो रहे हैं.

कुवैत में दर्जनों मुस्लिम महिलाएं हिजाब के साथ पढ़ाई के हक में प्रदर्शन करने उतरीं. उन्होंने कुवैत में भारतीय दूतावास के बाहर प्रोटेस्ट करके अपनी नाराजगी दर्ज कराई है. इस्लामिक देशों के संगठन ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन भी हिजाब और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर अपनी चिंता दर्ज करा चुका है. (Karnataka Hijab Girls Education)

चूंकि अभी ये मामला कोर्ट में हैं. और कर्नाटक हाईकोर्ट की एक फुल बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. इसलिए छात्राएं हों या समाज के आम लोग. उम्मीद तो यही लगाए हैं कि बच्चियों को हिजाब के साथ पढ़ाई का अधिकार मिलेगा.

लेकिन अदालत में जिस तरीके से सुनवाई की अगली तारीख लग रही है. और दूसरी तरफ छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार की बेरोक-टोक घटनाएं सामने आ रही हैं. उसके लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. और अदालत से दख़ल देने की मांग की जा रही है. (Karnataka Hijab Girls Education)


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