यूपी चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में जिंदा लोगों को दिखाया मृत : मुस्लिम मतदाताओं ने कहा- ‘साहब हम ज़िंदा हैं’

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द लीडर। यूपी चुनाव में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। वहीं सभी पार्टियां जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। चाहे वह सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हो या सपा या बसपा या फिर कांग्रेस या छोटी पार्टियां, लेकिन जहां एक तरफ सत्ताधारी दल बीजेपी फिर से सत्ता वापसी की पुरजोर कोशिश कर रहा है तो वहीं अधिकारी सरकार की मंशा पर पलीता लगाते नजर आ रहे है। जी हां ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, ठीक यूपी चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जीवित मुस्लिम मतदाताओं को मृत दर्शाकर वोटर लिस्ट से नाम काटकर विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की बड़ी साजिश रची जा रही है। इन सभी जीवित मतदाताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपने जीवित होने और मतदाता सूची में नाम नहीं होने को लेकर गुहार लगाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के इशारे पर मतदाता सूची में बड़े स्तर पर अल्पसंख्यक समाज के मतदाताओं को मृतक, शिफ्टिड और लापता दर्शाकर बड़े पैमाने पर 2022 के विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की साजिश रची जा रही हैं।


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मतदाता सूची में जिंदा लोगों को दिखाया मृत

बता दें कि, 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में 4 लोगों को मृत दिखाकर उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया है। ऐसे में ज़िलाधिकारी के दफ्तर पहुंचे जमियत उलमा के सदस्यों ने आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण में जिंदा लोगों को मृत दर्शाकर वोट काटने का आरोप लगाया। आरोप है कि, मतदाता सूची में काफी लोगों को शिफ्टेड या जिंदा को मृत दिखाकर उनके वोट काट दिए गए। वहीं गुस्साए लोगों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन भेजकर अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

गुस्साए लोगों ने किया प्रदर्शन

जमियत उलमा जिला मुजफ्फरनगर के महासचिव कारी जाकिर हुसैन कासमी के नेतृत्व में 10 से ज्यादा लोगों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। और मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित शिकायत पत्र डीएम को सौंपा। पत्र में जमियत पदाधिकारियों ने कहा कि, एक से 30 नवंबर तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने, करक्शन और नाम काटने का कार्य चल रहा है। इसमें उनका संगठन पूरे प्रदेश में सहयोग कर रहा है। जमियत उलमा ने बताया कि, विभिन्न स्थानों पर मतदाता सूची में नाम जोड़वाने के दौरान यह मामला सामने आया कि, किसी ने सैंकड़ों लोगों के बारे में झूठी आंख्या पेश कर वोटर लिस्ट में लोगों को या तो शिफ्ट दर्शा दिया है या फिर जिंदा लोगों को मृत दिखाकर उनका वोट कटवा दिया है। उन्होंने नगर के आजाद हाईस्कूल की भाग संख्या 29 पर 219 और भाग संख्या 59 पर 200 से अधिक मतदाताओं का नाम काटने समेत अन्य गलतियों का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने चार जिंदा लोगों को मृत दिखाकर मतदाता सूची से नाम काटने का आरोप लगाया है।


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सूची में मृत दर्शाए गए रियाज ने कहा- मैं जिंदा हूं…

वहीं सूची में मृत दर्शाए गए रियाज ने कहा कि, मैं जिंदा हूं। मतदाता सूची में मृत दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए रियाज ने कहा कि, वह जिंदा है। उसने विगत लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग भी किया था। और कहा कि, उसे किसी साजिश के तहत मतदाता सूची में मृत दिखाया गया है।

वोटर लिस्ट में इन जिंदा लोगों को दिखाया मुर्दा

जमियत ने सूची जारी कर आरोप लगाया कि, मो. फारूख कासमी, ऐजाज गाफिर, रियाज और हुस्नजहां को जिंदा होने के बावजूद मतदाता सूची में मृत दिखा दिया गया। जमियत की ओर से 25 ऐसे लोगों की सूची भी ज्ञापन के साथ मुख्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई है, जिन्हें शिफ्टेड दिखाया गया है, जबकि वे अपने पुराने पते पर ही रह रहे हैं।


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