तीनो कृषि कानूनों को मोदी कैबिनेट ने दी रद्द करने की मंजूरी पर आंदोलन पर डटे रहेंगे किसान 

0
411

द लीडर | देशभर में किसानों के आंदोलन के बीच मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है।इस संबध में आज मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं अब यह कानून संसद में रद्द करने के लिए पेश किया जाएगा।

गौरतलब है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानून वापस लेते टाइम किसानों से आग्रह किया था कि वह इस फैसले का स्वागत करें और अपने आंदोलन को ख़त्म कर दें लेकिन किसान संगठनों ने अब आगे और शर्तें रखी हैं और उनका कहना है कि जब तक सरकार सारी मांगे पूरी नहीं कर देती, उनका आंदोलन ख़त्म नहीं होगा।

किसानों की नई शर्तों में MSP यानी की यानी की न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी है और ग्रह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करना है। किसानों का कहना है कि सिर्फ यह तीन कृषि क़ानून वापस लेने से उनकी समस्या ख़त्म होने वाली नहीं है। उनका कहना है कि सरकार इस बात पर किसानों को मूर्ख बना रही है कि MSP की गारंटी नहीं देने से किसानों को कोई नुक्सान नहीं होगा। किसान संगठनों ने कहा है कि जब तक किसानों की यह सारी मांगे पूरी नहीं होंगी जब तक किसान अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।

राष्ट्रपति की मुहर लगते ही कृषि कानून हो जाएगा निरस्त

भारत सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा बुलेटिन में द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 को सूचीबद्ध किया गया है और अब संसद के दोनों सदनों से कानूनों की वापसी का विधेयक पारित होने के बाद उस पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाएंगे और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही उसे गजट में प्रकाशित किया जाएगा।जिसके बाद कृषि कानून निरस्त हो जाएगा।


यह भी पढ़े –यूपी चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में जिंदा लोगों को दिखाया मृत : मुस्लिम मतदाताओं ने कहा- ‘साहब हम ज़िंदा हैं’


पीएम ने की थी कानून वापसी की घोषणा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी थी। पीएम ने इस दौरान कहा था कि ये कानून किसानों के हित में थे, लेकिन हम किसानों को कानूनों की अहमियत समझा नहीं पाए, इसलिए तीनों कानून वापस लिए जा रहे हैं।

क्या हैं वो तीन कृषि कानून?

1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020

2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020

3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020


यह भी पढ़े –त्रिपुरा : तहरीक-ए-फरोग इस्लामी के अध्यक्ष समेत चार लोग 21 दिनों के बाद जमानत पर रिहा


एक साल से आंदोलन कर रहे किसान

बता दें कि कृषि कानून लागू होने के बाद देश भर में किसान करीब एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर आन्दोलन कर रहे हैं। आंदोलन के साथ-साथ किसान पूरे देश में महापंचायत भी कर रहे हैं। वहीं आंदोलन को देखते हुए पीएम मोदी ने कानून वापस लेने का ऐलान किया था।

पीएम मोदी ने कानून रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि हम लोगों को समझा नहीं पाएं। इसलिए यह कानून वापस लिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस संसद सत्र में यह कानून वापस ले लिया जाएगा। हालांकि कृषि कानून वापसी को राजनीतिक गलियारों में चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

अभी भी आंदोलन पर डटे रहेंगे किसान 

उधर, पीएम की घोषणा से किसानों में उत्साह है। किसान इसे अपनी बड़ी जीत की तरह देख रहे हैं, लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि वे प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे, जब तक संसद की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती और उनको MSP यानी की न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं मिल जाती।

किसानों का कहना है कि सिर्फ कृषि क़ानून वापस लेने से किसानो की समस्या ख़तम नहीं हो जाती है। किसान चाहते है कि सरकार उनके साथ बैठ कर इस समस्या पर आमने सामने बात करे और उनकी सभी मांगो को पूरा करे उसके बाद ही किसान अपने आंदोलन को वापस लेंगे, जबकि पीएम ने अपनी घोषणा के साथ ही साथ किसानों से वापस लौट जाने की अपील की थी।


यह भी पढ़े –परवीन शाकिर और उनकी चुनिंदा शायरी


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here