कश्मीरी कलाकार मुदासिर गुल फिलिस्तीन के समर्थन पर क्यों हुए गिरफ्तार: नजरिया

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रिजवान रहमान-

कश्मीर के आर्टिस्ट मुदासिर गुल को “We are Palestine(हम सब फिलिस्तीन)” ग्रेफिटी के लिए, पब्लिक सेफ्टी एक्ट(PSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे सरकार को क्या समस्या हो सकती है आखिर। फिलिस्तीन के समर्थन में तो दुनियाभर में प्रदर्शन रैलियां आयोजित हो रही हैं।

कश्मीर में इजराइल के विरोध के चलते 20 और लोगों को कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के बहाने गिरफ्तार किया गया है.

दरअसल, मुदासिर गुल की गिरफ्तारी के पीछे कॉलोनियल पॉलिसी है. यह वर्तमान सरकार की 2014 के बाद से इजराइल के पीछे खड़े रहने वाली स्ट्रेटजी का भी हिस्सा है.

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इस गिरफ्तारी के आईने में देखें तो अहसास होगा कि हम एक ऐसी सत्ता के साये में रहने को विवश हैं कि वह अपनी तरह की विचारधारा वाले इजराइल की भी आलोचना नहीं सह सकती है. इसके लिए “अभिव्यक्ति की आजादी” की कंटीले तारों से घेराबंदी कर दी गई है. आर्ट वर्क, वॉल पेंटिंग, पर्चा निकालना जुर्म है.

अगर कोई कश्मीरी इस पर कुछ लिखने, बोलने या आर्ट वर्क करने की कोशिश करेंगे तो उन पर PSA के तहत मुकद्दमा चला दिया जाएगा. वे गिरफ्तार कर लिए जाएंगे. परंतु इसका अर्थ कतई नहीं की खतरा सिर्फ कश्मीरियों को है. खतरे में कोई भी हो सकता है।

हाल ही में लेखकों की संस्था को भी प्रतिबंधित कर दिया गया, जिसके सदस्य मशहूर तेलुगु कवि वरवर राव को कैद कर लिया गया। मिडडे मील में रोटी से नमक की घटना हो या हाथरस कांड की कवरेज, इसे देखा जा सकता है।

इस नजरिए से समझा जाए तो कोई हिंदुस्तान के किसी कोने में बैठकर कोई इजराइल के कॉलोनियल प्रोजेक्ट के खिलाफ लिख-बोल रहा है, तो बहुत मुमकिन है कि उसे गिरफ्तार कर लिया जाए। यूएपीए या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(रासुका) के तहत मामला दर्ज हो जाए, यह भी संभव है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं, यह उनके निजी विचार हैं)

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