Budget 2022-2023 : मोदी सरकार ने इस बार सरकारी पेंशन वाले कर्मचारियों के लिए क्या किया ? जानिए

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द लीडर | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट पेश कर दिया. सरकार के इस बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में राहत नहीं मिली है, क्योंकि सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है. इसमें उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस/National Pension System) को लेकर बड़ा ऐलान किया। सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) योजना में टैक्स छूट का दायरा बढ़ा दिया है.

वित्त मंत्री ने क्या कहा ?

वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीएस में केंद्र और राज्य का योगदान 10% की जगह अब 14% होगा. NPS को PFRDA अधिनियम, 2013 के तहत स्थापित पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा प्रशासित और विनियमित किया जाता है. एनपीएस टियर- I के लिए नियोक्ता का योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80सीसीडी (2) के तहत कर कटौती के लिए पात्र है (केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन का 14 प्रतिशत और अन्य के लिए 10%). यह कर लाभ धारा 80सी के तहत निर्धारित सीमा से अधिक है.


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सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा

वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बड़े ऐलान किए हैं. स्टार्टअप्स को मार्च 2023 तक टैक्स इंसेंटिव दिया जाने की घोषण की गई है. इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में छूट देने का ऐलान किया गया है.

टैक्स छूट का फायदा

राज्य सरकारों के कर्मचारी वित्त वर्ष 2022-23 से अपने नियोक्ता यानी राज्य सरकार द्वारा किए गए एनपीएस योगदान पर 14 फीसदी के कर लाभ का दावा कर सकेंगे. वर्तमान में केवल केंद्र सरकार के कर्मचारी कर्मचारी के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान के लिए 14 फीसदी के कर लाभ का दावा करने के पात्र हैं. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के मामले में कर लाभ 10 फीसदी तक सीमित है.

क्या है नेशनल पेंशन सिस्टम?

नेशनल पेंशन सिस्टम वो योजना है कि जिसके तहत कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है. इस पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा कर्मचारी एकमुश्त ले सकते हैं, वहीं 40 फीसदी हिस्सा मासिक आधार पर दिया जाता है. नेशनल पेंशन सिस्टम 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों पर लागू होता है. इससे पहले के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन सिस्टम के तहत की पेंशन मिलती है.

नेशनल पेंशन सिस्टम और ओल्ड पेंशन सिस्टम में भी जमीन-आसमान का अंतर है. जहां एक तरफ पुरानी योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन लेने के लिए अपनी तरफ से एक भी पैसा नहीं देना पड़ता, वहीं नई योजना के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से हर महीने 10 फीसदी की कटौती होती है. इसके तहत सरकार की तरफ से भी योगदान दिया जाता है.

Budget 2022: टैक्स पर वित्त मंत्री के बड़े ऐलान

  • डिजिटल करेंसी लॉन्च होगी
  • क्रिप्टो की कमाई पर 30% टैक्स लगेगा
  • वर्चुअल डिजिटल एसेट ट्रांसफर कर सकेंगे
  • इनकम टैक्स में बड़े सुधार होंगे
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